10 रूपये के प्लास्टिक नोट को मिली सरकार की मंजूरी
10 रूपये के प्लास्टिक नोट को सरकार ने ट्रायल की मंजूरी दे दी है, जिन्हें पहले देश की पांच लोकेशंस में ट्रायल के तौर पर लाया जायेगा।
वित्त राज्यमंत्री अजुर्न राम मेघवाल ने ये जानकारी दी है, कि वित्त मंत्रालय जल्द ही देश में पांच स्थानों से 10 रूपये के प्लास्टिक नोट को परीक्षण के आधार पर प्रचलन में लायेगा, साथ ही 10 रूपये के पूराने नोटों को नए सिरे से ठीक-ठाक करना और प्रकाशन में फाइबर मिश्रण के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है।
"सरकार ने 2014 में 10 रुपए के प्लास्टिक नोट को फील्ड ट्रायल के लिए मंजूरी दी थी और संसद को सूचित किया था, कि प्रायोगिक आधार पर अलग-अलग पांच शहरों में 10 रूपये के एक अरब प्लास्टिक नोट जारी किये जायेंगे, जिनमें कोच्चि, जयपुर, शिमला तथा भुवनेश्वर शामिल थे।"
केंद्र सरकार ने रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया को 10 रूपये के प्लास्टिक नोट प्रिंट करने की मंजूरी दे दी है। पहले ये नोट ट्रायल के तौर पर पांच शहरों में चलाये जायेंगे। वित्त राज्यमंत्री अजुर्न राम मेघवाल ने बताया है, कि प्लास्टिक नोटों की उम्र लंबी होती है और ये ज्यादा वक्त तक खराब नहीं होते। दुनिया के कई देशों ने जनरल करेंसी नोटों के जल्द खराब होने की वजह से प्लास्टिक नोटों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।गौरतलब है, कि 30 देशों में प्लास्टिक करेंसी चलती है, जिनमें ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और कनाडा शामिल हैं।
यह खुशी की बात है, कि सरकार ने 10 रुपये प्लास्टिक नोट के बाजारीय चलन पर अपनी मुहर लगा दी है। सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक को इस नोट के फील्ड ट्रॉयल करने के लिए अधिकृत किया है। ऐसा माना जा रहा है, कि प्लास्टिक के ये नोट मौजूदा नोट की अपेक्षा ज्यादा समय तक चलेंगे।
वित्त राज्यमंत्री अजुर्न राम मेघवाल ने बताया, कि "10 रूपये के प्लास्टिक नोट को बाजार में उतारने के लिए सरकार की ओर से प्लास्टिक सब्सट्रैट खरीदे जाने की मंजूरी दे दी गयी है। रिजर्व बैंक को 10 रुपये के प्लास्टिक नोट को छापने की मंजूरी दिये जाने के बारे में बता दिया गया है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा, कि कॉटन सब्सट्रैट बैंक नोट्स के मुकाबले प्लास्टिक नोट्स की जीवन अवधि अधिक होती है। प्लास्टिक नोट की औसत आयु पांच वर्ष है और इसकी नकल करना आसान नहीं है। ये नोट पेपर नोट के मुकाबले ज्यादा साफ होते हैं।"
क्यों खास हैं प्लास्टिक नोट
प्लास्टिक के नोट को पानी से गलाया नहीं जा सकता।
प्लास्टिक के नोट का रंग धूप से नहीं उड़ता।
प्लास्टिक नोट पर्स में तोड़ मरोड़ कर रखने से भी आसानी से नहीं फटता।
यह वॉशिंग मशीन में कपड़ों के साथ धुल जाने पर जस का जस बाहर निकलेगा।
इनकी नकल करके जाली नोट बनाना आसान नहीं है।
नकली मुद्रा के प्रभाव को रोकने के लिए प्लास्टिक नोट सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया में लॉन्च किये गये थे। भारत सरकार ने सबसे पहली बार फरवरी 2014 में 10 रुपये के प्लास्टिक नोट को फील्ड ट्रायल के लिए मंजूरी दी थी, जिनके लिए भौगोलिक और जलवायु विविधता के आधार पर पांच शहरों का चयन किया गया था, जिनमें कोच्चि, मैसूर, जयपुर, शिमला और भुवनेश्वनर शामिल थे।