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गैर सूचीबद्ध कंपनियों की सार्वजनिक इकाइयों के लिए आरबीआई ने पीपीआई की राह आसान की

रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है कि डिजिटल भुगतान की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए बैंक इसमें अन्य इकाइयों-नियोक्ताओं मसलन गैर सूचीबद्ध कंपनियों, भागीदारों फर्मों, एकल स्वामित्व, नगर निगम जैसे सार्वजनिक संगठनों, शहरी स्थानीया निकायों को शामिल करने की अनुमति दे दे।

गैर सूचीबद्ध कंपनियों की सार्वजनिक इकाइयों के लिए आरबीआई ने पीपीआई की राह आसान की

Wednesday December 28, 2016 , 2 min Read

प्रीपेड भुगतान उत्पाद (पीपीआई) जारी करने के नियम सरल करते हुए रिजर्व बैंक ने बैंकों को इस तरह के उपकरण गैर सूचीबद्ध कंपनियों, सार्वजनिक इकाइयों मसलन नगर निगमों तथा शहरी स्थानीय निकायों को जारी करने की अनुमति दे दी है। जिसकी मदद से डिजिटल लेनदेन प्रणाली को प्रोत्साहन देने में मदद मिलेगी।

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रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है कि डिजिटल भुगतान की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए बैंक इसमें अन्य इकाइयों-नियोक्ताओं मसलन गैर सूचीबद्ध कंपनियों, भागीदारों फर्मों, एकल स्वामित्व, नगर निगम जैसे सार्वजनिक संगठनों, शहरी स्थानीया निकायों को शामिल करने की अनुमति दे दे। 

ये संगठन आगे इन्हें अपने कर्मचारियों या ठेका श्रमिकों को जारी कर सकते हैं।

अभी तक बैंकों द्वारा सिर्फ उन कंपनियों को ऐसे ऐसे उत्पाद जारी किए जाते थे, जो देश में किसी भी शेयर बाजार पर सूचीबद्ध हैं। केंद्रीय बैंक ने बैंकों को यह भी निर्देश दिया है, कि वे सिर्फ उन इकाइयों या नियोक्ताओं को पीपीआई जारी करें जिनका उनके बैंक में खाता है। इसके साथ उन्हें यह गारंटी भी देनी होगी, कि वे किसी अन्य बैंक से यह सुविधा नहीं लेंगे। रिजर्व बैंक के नियम के अनुसार अभी एक पीपीआई में अधिकतम 50,000 रूपए की राशि भरी जा सकती है। इसके मालिक उस पैसे के लिए उसके नियमित खाते में भी हस्तांतरित करने की छूट दे सकते हैं।

उधर दूसरी तरफ नोटबंदी की वजह से डिजिटल भुगतान में वृद्धि हुई है जिसके चलते भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के रूपे कार्ड से दुकानों पर खरीदारी करने में सात गुना वृद्धि हुई है। सरकार के आठ नंवबर को बड़े मूल्य के पुराने नोट बंद किए जाने के बाद से रूपे कार्ड से रोजाना 21 लाख से ज्यादा भुगतान किए गए हैं। अगले साल दिसंबर तक कंपनी का लक्ष्य रोजाना रूपे कार्ड से 50 लाख लेनदेन का है।

कंपनी के मुख्य कार्यकारी एवं प्रबंध निदेशक ए. पी. होटा ने कहा है, कि ‘ नोटबंदी से पहले ई-वाणिज्य एवं पॉइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) पर रूपे कार्ड का प्रयोग तीन लाख प्रतिदिन था जो अब सात गुना बढ़कर 21 लाख हो गया है।’ निगम ने अब तक 31.7 करोड़ रूपे कार्ड जारी किए हैं जिनमें 20.5 करोड़ जनधन खातों के कार्ड भी शामिल है।