अंग्रेजी की धारा में बहना है तो ‘इंग्लिशदोस्त’ है न!!!एप्प डाउनलोड कीजिए, धाराप्रवाह बोलिए....
बोलने वाले खेल के द्वारा उपयोगकर्ता को अंग्रेजी सिखाने में मदद करता है एप्पकई बड़ी कंपनियों में काम कर चुके तीन दोस्तों के दिमाग की उपज है ‘इंग्लिशदोस्त’चार महीनों के कम समय में 10 हजार से अधिक उपयोगकर्ता कर चुके हैं डाउनलोड फिलहाल मुफ्त में कर सकते हैं प्रयोग, कई अन्य भाषाओं को जोड़ने की है योजना
अंग्रेजी बोलने में दक्षता की कमी कई लोगों को जीवन में बेहतर संभावनाओं से परे धकेल देती है और उनकी तरक्की के रास्ते में एक बहुत बड़ी बाधा के रूप में सामने आती है। इस सोच को ध्यान में रखते हुए ऐसे भाषा शिक्षकों की मांग जोर पर है जो आभासी और शारीरिक दोनों तरह का भाषा ज्ञान दे सकें। ऐसे में अंग्रेजी में तंग ज़ुबान वालों की सहायता के लिये एक मोबाइल एप्प ‘इंग्लिशदोस्त’ सामने आया है जो विशेषकर ग्रामीण और छोटे इलाके के लोगों को धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलना सीखने में मदद करता है।यह अंग्रेजी प्रशिक्षण एप्लीकेशन, एक बोलने वाले खेल (बेशक अंग्रेजी में) के रूप में है जिसमें सीखने वाला एक ऐसे व्यक्ति की भूमिका निभाता है जो अपने काम के पहले दिन पर हो। यह एप्प उपयोगकर्ता को एक कहानी के माध्यम से उसके मित्रों, सहयोगियों और परिजनों के साथ नकली बातचीत में शामिल कर अंग्रेजी सिखाता है। खेल के प्रत्येक स्तर पर यह एप्प उपयोगकर्ता की गलतियों को भाषण मान्यता पैटर्न (स्पीच रिकाॅगनीशन पैटर्न) के द्वारा पहचानकर तुरंत उसे प्रतिक्रिया के रूप में बताता है।
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इस एप्लीकेशन को मस्तिष्क के श्रवण केंद्रों के साथ-साथ मुँह, होंठ, जीभ, जबड़े, गले और श्वास संबंधी सभी शारीरिक केंद्रों को प्रशिक्षित करने के हिसाब से तैयार किया गया है। ये केंद्र हमारे शरीर की मशीन के बोलने और सुनने के कौशल की मुख्य आवश्यकता हैं।
‘इंग्लिशदोस्त’ तीन व्यक्तियों के दिमाग की उपज है जिनमें राम ककक्ड़ इसके संस्थापक और सामग्री और अध्यापन विज्ञान के प्रभारी हैं। इनके अलावा विवेक अय्यर सहसंस्थापक होने के साथ-साथ व्यवसाय विकास और डिजाइन पर काम करते हैं और एक और सहसंस्थापक पंकज चंद प्रौद्योगिकी के काम को संभालते हैं। टीम के ये सदस्य इससे पहले आॅरेकल, कैपिटलवन और इनमोबी जैसी प्रसिद्ध कंपनियों में रणनीतिक परामर्श, व्यापार विकास और तकनीकी उत्पादों के विकास के काम को सफलतापूर्वक संभाल चुके हैं और अपनी विशेषज्ञता का लोहा मनवा चुके हैं।
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राम कक्कड़, संस्थापक
स्पेनिश भाषा सीखने के लिये एक प्रभावी समाधान को खोजने के क्रम में राम ककक्ड़ ‘इंग्लिशदोस्त’ का विचार लेकर सामने आए। राम जानते थे कि देश के जाने माने संस्थान आईआईटी मुंबई, जहां से उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी, के अधिकतर छात्र भी पढ़ाई में अव्वल होने के बावजूद खुद को अंग्रेजी में अभिव्यक्त कर पाने में असफल होते थे। मतलब साफ था कि वे पढ़ाई में तो अच्छे थे लेकिन अंग्रेजी के मामले में उनका भी हाथ तंग था।
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विवेक अय्यर, सहसंस्थापक
राम इस बारे में विचार करने के साथ-साथ कुशलतापूर्वक स्पेनिश भाषा बोलना सीखने और उसका अभ्यास करने में सहायक समाधान खोजने का असफल प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात इनमोबी में काम करने वाले विवेक से हुई और दोनों ने इस विचार और विकल्प को अमली जामा पहनाने की दिशा में चर्चा करनी शुरू की। दोनों ने मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से भाषा की शिक्षा देने वाली अग्रणी एप्प ड्यूलिंगो और बुस्सू सहित अन्य लोकप्रिय संसाधनों को परखना शुरू किया। अपने इस शोध के दौरान दोनों को एक ऐसे विस्तृत बाजार की संभावनाएं दिखाई दीं जहां वे ऐसे लोगों के लिये काम कर सकते थे जो अंग्रेजी पढ़ और समझ तो सकते थे लेकिन बोलने में अक्षम थे। चीन, जापान और कोरिया जैसे देशों में काम कर चुके विवेक को एहसास हुआ कि यह दिक्कत वैश्विक स्तर पर है और सिर्फ भारतीय ही इस समस्या से पीडि़त नहीं हैं।
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पंकज चंद, सहसंस्थापक
दोनों ने एक प्रारंभिक अवधारणा पर काम करने के लिये अप्रैल 2014 में इनमोबी की अपनी नौकरी छोड़ने का कड़ा फैसला लिया और उनकी मुलाकात अपने जैसी ही सोच वाले व्यक्ति पंकज से हुई। आईआईटी मद्रास से कंप्यूटर साइंस में स्नातक, उत्तराखंड के रहने वाले पंकज की भी पहले अंग्रेजी में कुछ ऐसी ही स्थिति थी और मद्रास आने से पहले भी कई अन्य भारतीयों की तरह अंग्रेजी बोलने में तंग थे। पंकज की तकनीकी दक्षता इनके लिये अमूल्य वरदान साबित हुई और उन्होंने ही इन दोनों की सोच को बेहतरीन एप्लीकेशन में बदला। संस्थापकों का मानना है कि सीखने और सिखाने के लिये कहानी का माध्यम सर्वश्रेष्ठ है और ‘इंग्लिशदोस्त’ का प्रारूप कुछ ऐसा बनाया गया है कि इसपर उपयोगकर्ता खुद को कहानी के विभिन्न किरदारों में बदलते हुए अंग्रेजी बोलने का अभ्यास कर सकता है। यह एप्प व्याकरण के नियमों से ज्यादा सिर्फ अंग्रेजी बोलने पर जोर देता है। फिलहाल ‘इंग्लिशदोस्त’ सिर्फ हिंदीभाषी लोगों को अंग्रेजी सिखाने का काम कर रहा है लेकिन भविष्य में इसके और क्षेत्रीय भाषाओं में विस्तार की योजनाओं पर काम चल रहा है। टीम को उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत तक वे इसमें 10 से 12 और भाषाओं को जोड़ने में सफल हो पाएंगे। यह एप्प एक चैट प्रारूप पर काम करते हुए उपयोगकर्ताओं को हिंदी में संकेत देकर उनसे अंग्रेजी में उत्तर की उम्मीद करता है।
अपनी शुरुआत के चार महीनों के भीतर ही ‘इंग्लिशदोस्त’ ने कामयाबी के झंडे गाड़ दिये है और 10 हजार से अधिक उपयोगकर्ताओं को अंग्रेजी भाषा सीखने में मदद कर रहा है। इसके अलावा दिन-प्रतिदिन इसके उपयोगकर्ताओं की सूचि बड़ी होती जा रही है और 500 से अधिक समीक्षाओं में ये 4.5 की रेटिंग लाकर अन्य प्रतियोगियों को काफी पीछे छोड़ रहा है। प्रतिदिन करीब 1100 सक्रिय उपयोगकर्ता औसतन 5 वार्तालाप का अभ्यास करते हैं और इतने कम समय में इसपर 65 हजार से अधिक वार्तालाप और 5 लाख से अधिक अंग्रेजी के वाक्यों का अभ्यास इन उपयोगकर्ताओं द्वारा किया जा चुका है।यही वजह है कि 'इंग्लिशदोस्त' को अन्य मोबाइल एप्स के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत भी किया गया है। ‘इंग्लिशदोस्त’ की टीम लगातार अपनी एप्प को और बेहतर बनाने की दिशा में लगी हुई है और जल्द ही इसे आॅफलाइन स्पीच रिकाॅगनेशन जैसी सुविधाओं से लैस करने की तैयारी में है। इसके अलावा ये लोग इस साल के अंत तक 1 मिलियन लोगों को अपने साथ जोड़कर उन्हें अंग्रेजी सिखाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
इन लोगों की कोशिश है कि वे अपने उपयोगकर्ताओं तक इस एप्लीकेशन को निःशुल्क ही पहुंचाते रहें और इसके लिये उन्होंने ऐसे व्यापारिक घरानों से गठबंधन की दिशा में हाथ बढ़ाया है जो अपने कर्मचारियों को अंग्रेजी में प्रशिक्षित करना चाहते हैं या प्रशिक्षित कर्मचारियों की तलाश में हैं। ‘इंग्लिशदोस्त’ की टीम करोड़ों ऐसे स्मार्टफोन धारकों को आत्मविश्वास से लगरेज अंग्रेजी बोलते देखने के दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है जो नौकरी की तलाश में हैं और भाषा का सीमित ज्ञान होने के कारण जीवन में पिछड़ रहे हैं।