Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

नौकरी छोड़ शुरू किया बिजनेस: टर्नओवर 10 लाख पार, महिलाओं को दे रहे रोजगार

नौकरी छोड़ शुरू किया बिजनेस: टर्नओवर 10 लाख पार, महिलाओं को दे रहे रोजगार

Monday October 01, 2018 , 4 min Read

उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित फर्रुखाबाद जिले के रहने वाले लाल सिंह वो व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपनी नौकरी को अलविदा कह 2017 में अपना बिजनेस शुरू किया औऱ सिर्फ डेढ़ साल की अवधि में उनका टर्नओवर दस लाख रुपये सालाना हो गया है।

लाल सिंह

लाल सिंह


लाल सिंह ने भी ट्रेनिंग के लिए आवेदन कर दिया और ट्रेनिंग हासिल करने के बाद अगरबत्ती और धूपबत्ती जैसे उत्पाद बनाने की फैक्ट्री लगाने की सोची। लेकिन सबसे बड़ी समस्या पूंजी की थी।

ऐसे न जाने कितने लोग हैं जो रोज-रोज ऑफिस जाकर ऊब चुके हैं और हर रोज अपना बिजनेस शुरू करने का सपना देखते हैं। लेकिन बहुत कम ही लोग होते हैं जो हकीकत में फैसला ले पाते हैं। नहीं ज्यदातर लोगों की जिंदगी तो सिर्फ सोचने में ही गुजर जाती है। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके में स्थित फर्रुखाबाद जिले के रहने वाले लाल सिंह ऐसे ही शख्स हैं जिन्होंने अपनी नौकरी को अलविदा कह 2017 में अपना बिजनेस शुरू किया औऱ सिर्फ डेढ़ साल की अवधि में उनका टर्नओवर दस लाख रुपये सालाना हो गया है।

36 वर्षीय लाल सिंह एक दवा कंपनी में काम करते थे। लेकिन वह अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं थे। उन्हें लगता था कि मेहनत तो बहुत करते हैं लेकिन न बहुत अच्छे पैसे मिलते हैं और न ही दिल को संतुष्टि। उनके मन में बिजनेस करने का आइडिया काफी दिनों से था, लेकिन वे फैसला नहीं ले पा रहे थे। वे अपने दोस्तों और सीनियर्स से भी अपने आइडिया के बारे में बात करते। एक दिन लाल सिंह को लगा कि अब उन्हें नौकरी नहीं करनी है। उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दिया और बिजनेस के बारे में सोचने लगे।

image


फर्रुखाबाद के पास ही कन्नौज जिले में सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र है जहां सुगंधित उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। लाल सिंह ने भी ट्रेनिंग के लिए आवेदन कर दिया और ट्रेनिंग हासिल करने के बाद अगरबत्ती और धूपबत्ती जैसे उत्पाद बनाने की फैक्ट्री लगाने की सोची। लेकिन सबसे बड़ी समस्या पूंजी की थी। उन्होंने लोन के लिए कई बैंकों के चक्कर लगाए लेकिन सफलता नहीं मिली। लाल सिंह के अंदर बिजनेस करने का जज्बा था इसलिए उन्होंने खुद के पैसों से रिस्क लेना बेहतर समझा। लाल सिंह ने मां वैष्णों फ्रैगरेंस नाम से अपनी कंपनी शुरू की और सुलाज्ञा नाम से प्रॉडक्ट बनाने लगे।

उन्होंने कहा, 'बिजनेस में सबसे ज्यादा रिस्क होता है, लेकिन आपको सकारात्मक सोचना पड़ेगा तभी आप सफलता हासिल कर पाएंगे।' लाल सिंह ने अगरबत्ती और धूपबत्ती बनाने का काम शुरू कर दिया। अब उनके सामने समस्या थी अपने सामान को बेचने की। वे आसपास के जिलों में खुद से जाकर दुकानदारों को अपने सामान का सैंपल दिखाते, लेकिन नया नाम होने की वजह से कोई उसमें दिलचस्पी नहीं लेता। वे कहते हैं, 'ये वक्त ऐसा था जब हमें दुकानदारों को जबरदस्ती पैकेट पकड़ाने पड़ते थे। हम उनसे कहते थे कि आप एक बार बेच कर तो देखिए।'

अगरबत्ती बनाती महिलाएं

अगरबत्ती बनाती महिलाएं


लाल सिंह को अपने प्रॉडक्ट पर भरोसा था। यह भरोसा तब सही साबित हुआ जब दुकानदारों ने उनसे बड़े पैमाने पर माल मंगाना शुरू कर दिया। अब हालात ऐसे हैं कि दुकानदार पैकेट नहीं पूरा कार्टन मंगवाते हैं। लाल सिंह अपने बिजनेस से खुद का भविष्य तो बना ही रहे हैं साथ ही तमाम ग्रामीण महिलाओं को पैसे कमाने का स्रोत भी बता रहे हैं। उनकी फैक्ट्री में कई ग्रामीण महिलाएं काम करती हैं। इतना ही नहीं आसपास के युवाओं को भी इस बिजनेस से रोजगार मिल रहा है।

लाल सिंह कहते हैं, 'ग्रामीण इलाकों में रोजगार की बड़ी समस्या है और हमारा मकसद लाभ कमाने के साथ ही बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।' उन्होंने कहा, 'अभी हम धूपबत्ती और अगरबत्ती जैसे सामान बना रहे हैं, लेकिन अगर कहीं से पूंजी की व्यवस्था हो जाए तो हम ऐसी हवन सामग्री भी बनाएंगे जिससे कि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।' लाल सिंह का बिजनेस इस लिए भी सक्सेस हुआ क्योंकि वे सारे काम की निगरानी खुद करते हैं और दुकान-दुकान जाकर ग्राहक से बात भी करते हैं। उनका दावा है कि बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा बनाया गया सामान उनकी कंपनी द्वारा बनाए गए सामान से किसी भी मामले में कम नहीं है।

-यह स्टोरी MSME मंत्रालय के सहयोग से की गई है।

यह भी पढ़ें: भारत की यह कंपनी बनाती है इस्राइल पुलिस की वर्दी, फिलिपीन्स आर्मी का भी मिला काम