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'स्थानीय भाषा को नकार नहीं सकते, बाजार बहुत बड़ा है'

'स्थानीय भाषा को नकार नहीं सकते, बाजार बहुत बड़ा है'

Friday March 11, 2016 , 2 min Read


योरस्टोरी के तहत शुरु किए गए कार्यक्रम भाषा में एक पैनल में चर्चा के दौरान मीडिया और मोबाइल फोन कंपिनयों के दिग्गजों ने जोर दिया कि स्थानीय भाषा का अपना ही महत्व है और कंपनियां नीचे तक जाकर बाजार में मौजूद अवसरों को भुनाने की कोशिश कर रही हैं. और इस दिशा में इनोवेशन और रिसर्च और प्रोडक्ट डेवलेंपमेंट का काम किया जा रहा है. इसी पैनल में चर्चा करते हुए रेडियो वाला के अनिल श्रीवास्तव ने कहा, 

"माध्यम नहीं सामग्री ज्यादा अहम है. बॉलीवुड को पंजाबी ने मजबूर किया अपनाने के लिए, आज के दिनों में पंजाबी भाषा का जोर हिन्दी फिल्मों में दिखने को मिलता है. गानों में पंजाबी शब्दों का इस्तेमाल होता है और लोग उसे पसंद करते हैं."


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माइक्रोमैक्स के कुमार शाह ने कहा कि मेक इन इंडिया एक अच्छी पहल है. इससे देश की छवि सुधरेगी और कौशल विकास पर जोर दिया जाएगा. उन्होंने कहा, 

"माइक्रोमैक्स का मानना है कि मोबाइल से ज्यादा से ज्यादा लोग इंटरनेट से जुड़ते हैं और 200 मिलियन लोग आने वाले दिनों में फोन के जरिए इंटरनेट से जुड़ेंगे. हमारा मानना है कि सामग्री डेवलेपमेंट करने पर जोर देना होगा. इनोवेशन ज्यादा से ज्यादा जगहों पर हो सकती है. हम अपना समय ज्यादा से ज्यादा रिसर्च और प्रोडक्ट डेवलेपमेंट पर कर रहे हैं. हम हर साल मल्टी लैंगवेज फोन लॉन्च कर रहे हैं ताकि ग्राहक अपनी भाषा और सहूलियत के हिसाब से फोन खरीद सकें. अभी हम 14-16 भाषाओं में फोन बेच रहे हैं"

Erelego.com के सुधीर शेट्टी का मानना है कि बाजार में कंटेंट नहीं होने पर हमारे ग्राहकों को दिक्कत होती है. उनके मुताबिक कंटेंटे जनरेशन में बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं. बाजार में डिजिटल इंडिया के कारण संभावनाएं बढ़ी हैं.

माइक्रोमैक्स के कुमार शाह ने बताया कि कैसे उनकी कंपनी ने पिछले दो सालों में स्टार्ट अप्स के साथ जुड़ने शुरू किया. उनका कहना है कि स्टार्ट अप्स से जुड़ने का मकसद है ऐसे प्रोडक्ट्स को विकसित करना जिसे फोन में पेश किया जा सके.

वहीं रेडियो मिर्ची आकाश बनर्जी का कहना है, 

"रेडियो के माध्यम में बहुत शक्ति है और उसे नकारा नहीं जा सकता है. आप समझिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात को टीवी पर दिखाया जाता है लेकिन जो तस्वीरें दिखाई जाती हैं वह रेडियो सुनते हुए लोगों को दिखाई जाती है. रेडियो में बहुत शक्ति है लेकिन उसे और विस्तार करने की जरूरत है"