आजादी के मतवालों पर बनीं यादगार फिल्में आपने देखीं क्या?
आजादी पाने की खुशी तो थी लेकिन उनके बिछड़ जाने का गम भारत के हर बाशिंदे को कचोट रहा था। उन वीर क्रांतिकारियों, नेताओं को भारत की जनता अनंतकाल तक याद करती रहेगी, उनको नमन करती रहेगी। यहां आज हम आजादी पर बनीं फिल्मों के बारे में बात करेंगे जो स्वतंत्रता संग्राम के महान नायकों के अविस्मरणीय योगदान को समर्पित है।
आजादी के मतवालों को श्रद्धांजलि देते हुए बॉलीवुड में समय-समय पर फिल्में बनाई गई हैं। उनमें से कुछ इतनी जीवंत और यादगार हैं कि उनको देखते वक्त लगता है कि हम उसी काल में पहुंच गए हैं। आज हम उन्हीं फिल्मों के बारे में बात करेंगे जो स्वतंत्रता संग्राम के महान नायकों के अविस्मरणीय योगदान को समर्पित है।
15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ था, लाल किले पर हमारा तिरंगा झंडा ऊपर चढ़ा था, आधी रात को भी पूरा देश जश्न में डूबा हुआ था। लोगों के चेहरे पर खुशी थी, उत्साह था लेकिन आंखों से आंसू नहीं रुके थे। ये वो दिन था जिसको पाने के लिए भारत के हजारों वीर सपूतों ने अपनी जान दे दी। आजादी पाने की खुशी तो थी लेकिन उनके बिछड़ जाने का गम भारत के हर बाशिंदे को कचोट रहा था। उन वीर क्रांतिकारियों, नेताओं को भारत की जनता अनंतकाल तक याद करती रहेगी, उनको नमन करती रहेगी। जिस पल को भी हमें उनके महान बलिदानों का स्मरण हो आता है उसी पल हम भावविभोर हो उठते हैं। हम उनकी यादों को संजोकर रखने के लिए भरसक प्रयास करते रहते हैं। गीत, कहानियों, नाटकों, फिल्मों, जितनी भी विधाएं हमें आती हैं, उन सबमें हम उनको प्रतिष्ठित कर देना चाहते हैं।
आजादी के इन मतवालों को श्रद्धांजलि देते हुए बॉलीवुड में भी समय-समय पर फिल्में बनाई गई हैं। उनमें से कुछ इतनी जीवंत और यादगार हैं कि उनको देखते वक्त लगता है कि हम उसी काल में पहुंच गए हैं। आज हम उन्हीं फिल्मों के बारे में बात करेंगे जो स्वतंत्रता संग्राम के महान नायकों के अविस्मरणीय योगदान को समर्पित है।
"शहीद भगत सिंह" और उन पर बनी फिल्में
बॉलीवुड में अगर किसी क्रांतिकारी योद्धा पर सबसे ज्यादा फिल्में बनी हैं तो वो हैं शहीद भगत सिंह। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर सबसे पहली फिल्म बनी 1954 में, टाइटल था शहीद-ए-आजम भगत सिंह। आजादी के सात साल बाद बनी इस फिल्म में प्रेम अदीब, स्मृति विश्वास और जॉनी वॉकर लीड रोल में थे। उसके बाद 1965 में आई फिल्म शहीद। इस फिल्म में भगत सिंह का रोल मनोज कुमार ने प्ले किया है। जिसकी कहानी स्वयं भगत सिंह के साथी बटुकेश्वर दत्त ने लिखी थी। इस फिल्म में अमर शहीद राम प्रसाद 'बिस्मिल' के गीत थे। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित यह अब तक की सर्वश्रेष्ठ प्रामाणिक फिल्म है। फिल्म को राष्ट्रीय पुरुस्कार मिला था। केवल कश्यप इसके निर्माता थे। डायरेक्शन एस.राम शर्मा का था।
1974 में आई फिल्म अमर शहीद भगत सिंह। सोम दत्त, अचला सचदेवा और दारा सिंह ने इस फिल्म में लीड रोल प्ले किया है। ओमी बेदी इसके डायरेक्टर थे। दर्शकों ने इस फिल्म को भी काफी पसंद किया था।
चौथी फिल्म बनी द लीजेंड ऑफ भगत सिंह, जो साल 2002 में आई थी। फिल्म के साथ-साथ गाने भी हिट हुए थे। राजकुमार संतोषी इसके डायरेक्टर थे। इसमें अजय देवगन, सुशांत सिंह, अमृता राव, राज बब्बर और फरीदा जलाल थीं। इसी साल एक और फिल्म बनी, मार्च 1931: शहीद। इस फिल्म में बॉबी देओल, सनी देओल, सुरेश ओबरॉय, अमृता सिंह, राहुल देव ने इसमें काम किया था।
"सरदार वल्लभभाई पटेल" पर बनी फिल्म "सरदार"
लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन पर बनी फिल्म सरदार 1994 में रिलीज हुई थी। इसमें स्वतंत्रता की लड़ाई से लेकर अखंड भारत के उनके प्रयासों को दिखाया गया था। परेश रावल ने इसमें मुख्य भूमिका निभाई थी जो काबिले तारीफ़ थी। जाने माने नाटककार विजय तेंदुलकर ने इसकी स्क्रिप्ट लिखी थी जबकि निर्देशन केतन मेहता का था।
अगर आपको वल्लभभाई पटेल के बारे में गहराई से जानना है तो इस फिल्म से बेहतर कोई फिल्म नही है और वैसे भी वल्लभभाई के जीवन पर आधारित यह एक मात्र फिल्म है बाकि अन्य कई फिल्मोx जैसे गांधी आदि में भी उनके किरदार को सह कलाकार के रूप में उभारा है। वल्लभभाई पटेल ने किस तरह देशी रियासतों को एकीकरण देश को एक सूत्र में पिरोया था, उसे इस फिल्म में बहुत सुंदर तरीके से दर्शाया है।
"सुभाष चंद्र बोस" पर बनी फिल्म "बोस- द फॉरगॉटन हीरो"
डायरेक्टर श्याम बेनेगल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जिंदगी पर आधारित एक फिल्म बनाई थी जिसका टाइटल है, बोस- द फॉरगॉटन हीरो। ये फिल्म 2004 में आई थी। इस फिल्म में नेताजी की भूमिका निभाई सचिन खेडेकर ने। इस फिल्म को नरगिस दत्त नेशनल अवॉर्ड के लिए चुना गया था। इस फिल्म में देश को आजाद कराने के लिए नेताजी के संघर्ष को बखूबी दिखाया गया है।
मंगल पांडे पर बनी फिल्म "मंगल पांडे"
अंग्रेजी हुकूमत की चूले हिला देने वाले पहले भारतीय नायक मंगल पांडे द्वारा शुरू किया गया विद्रोह पूरे देश में आग की तरह फैल गया था। उनके द्वारा लगाई गई आग हर भारतीय के अंदर भड़क चुकी थी। जिसके कारण 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ। देश के इस महान क्रांतिकारी के ऊपर बॉलीवुड डायरेक्टर केतन मेहता ने फिल्म ‘मंगल पांडे – द राइजिंग’ बनाई. जिसमे मंगल पांडे का किरदार आमिर खान ने निभाया। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बड़ा धमाल तो नहीं कर पाई, लेकिन फिल्म में कई ऐसी खूबियां थी जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया था।
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