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देश की सबसे कम उम्र ग्राम प्रधान जबना चौहान

थरजूण पंचायत की प्रधान जबना चौहान ने एक साल पहले मात्र 22 साल की उम्र में पंचायत चुनाव दिल में ये अरमान लेकर लड़ा था कि वो प्रधान बनकर अपनी पंचायत को प्रदेश के समक्ष एक मॉडल के रूप में पेश करेंगी। गरीब परिवार में पैदा हुई जबना चौहान ने मात्र एक साल के अंदर ही पंचायत में शराबबंदी की पहल कर वो काम करके दिखाया है, जिसकी शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।

अक्षय कुमार के साथ जबना (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

अक्षय कुमार के साथ जबना (फोटो साभार: सोशल मीडिया)


देश की सबसे युवा ग्राम प्रधान जबना चौहान को अक्षय कुमार ने किया सम्मानित

जबना न केवल अपने राज्य में बल्कि पूरे देश भर में सबसे युवा ग्राम प्रधान हैं। छोटी उम्र में मजबूत इरादे रखने वाली बेटी जबना चौहान ने अपने गांव के साथ ही पूरे हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है।

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक ग्राम पंचायत है, नाम है थरजूण। ये छोटा-सा गांव आज के समय में सबकी जुबान पर है। वजह हैं इसकी प्रधान जबना चौहान। जबना न केवल अपने राज्य में बल्कि पूरे देश भर में सबसे युवा ग्राम प्रधान हैं। छोटी उम्र में मजबूत इरादे रखने वाली बेटी जबना चौहान ने अपने गांव के साथ ही पूरे हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है। जबना को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था।

थरजूण पंचायत की प्रधान जबना चौहान ने एक साल पहले मात्र 22 साल की उम्र में पंचायत चुनाव दिल में ये अरमान लेकर लड़ा था कि वो प्रधान बनकर अपनी पंचायत को प्रदेश के समक्ष एक मॉडल के रूप में पेश करेंगी।

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गरीब परिवार में पैदा हुई जबना चौहान ने मात्र एक साल के अंदर पंचायत में शराबबंदी की पहल कर वो काम करके दिखाया है, जिसकी शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। नशे के खिलाफ शराबबंदी जैसा प्रस्ताव पंचायत की आम सभा की बैठक में पारित करवाकर जिले की इस युवा प्रधान ने प्रदेश के सामने एक मिसाल पेश की है। 

अभी हाल ही में जबना को स्वच्छता अभियान और शराबबंदी के लिए देशभर में मिसाल कायम करने के लिए फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने भी अपनी फिल्म टॉयलेट- एक प्रेम कथा के प्रमोशन समारोह के दौरान सम्मानित किया।।

<b>हिमाचल के सीएम वीरभद्र के साथ जबना</b>

हिमाचल के सीएम वीरभद्र के साथ जबना


सुंदरनगर के सामाजिक जागरण मंच ने थरजूण की प्रधान जबना चौहान को नशाबंदी के लिए सरकार और प्रशासन द्वारा नशाबंदी को गति प्रदान करने के लिए ब्रैंड एंबैस्डर भी बनाए जाने की मांग की थी। गुजरात में हुए राष्ट्रीय सेमिनार में जबना ने भी भाग लिया था। गांव के लोगों का इस पर कहना था कि जबना का काम एक सकारात्मक घटनाक्रम की शुरुआत है। 

जबना ने कहा कि ऐसे कामों में तेजी लाने के लिए और इस पक्ष में माहौल बनाने के लिए समाज के बुद्धिजीवी वर्ग को आगे आना होगा।

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न्यूज एंकर से सरपंच बनने तक का सफर

जबना चौहान ने स्थानीय स्कूल और कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक न्यूज चैनल में रिपोर्टर और एंकर से की थी। लेकिन उनका मन गरीबों की सेवा करने का था। समाज के लिए कुछ करने का जज्बा रखने वाली जबना ने 22 साल की उम्र में गांव के प्रधानी का चुनाव लड़ा और जीत भी गईं। 

जबना ने ग्राम पंचायत में बाकायदा प्रस्ताव पारित करवाकर शराबबंदी करवाई। हालांकि, उन्हें लोगों के विरोध का कई दिनों तक सामना करना पड़ा था। इसके अलावा पीएम के महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रधान जबना ने गांव को स्वच्छ बना दिया है।

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जबना की ग्राम पंचायत है एक रोल मॉडल

थरजूण पंचायत जबना के प्रयासों के चलते मॉडल पंचायत बन गई है। महज एक साल के भीतर जबना ने अपने अथक प्रयासों के चलते गांव को प्रदेश के नक्शे में ला दिया। 

थरजूण पंचायत ने जिला में स्वच्छता के क्षेत्र में प्रथम स्थान हासिल किया है। प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी जबना चौहान को बधाइयां दे चुके हैं। जबना चौहान के काम की मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी सराहना कर चुके हैं। जबना को बेस्ट सरपंच के अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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