नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत क्या है 5+3+3+4 का फॉर्मूला? छात्रों को इससे होगा बड़ा लाभ
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर लोगों में काफी उम्मीद नज़र आ रही है। इसमें स्कूली शिक्षा को 10+2 के बजाय अब 5+3+3+4 के फॉर्मेट में बदल दिया गया है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दे दी गई है। नई शिक्षा नीति के जरिये देश की शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव किए हैं, ये बदलाव स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा दोनों ही स्तरों के लिए बेहद प्रभावकारी हैं। यह नई शिक्षा नीति अब 34 साल पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की जगह लेगी।
इस नई शिक्षा नीति के तहत अब स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव करते हुए 10+2 फॉर्मेट को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है और इसकी जगह 5+3+3+4 के नए फॉर्मेट को पेश किया गया है। इस फॉर्मेट को उम्र के हिसाब से विभाजित किया गया है, जिसमें तीन से आठ साल, आठ से 11 साल, 11 से 14 साल और 14 से 18 साल उम्र वर्ग के बच्चे शामिल हैं।
छात्रों की शुरुआती पढ़ाई के लिए 5 साल का प्रोग्राम तय किया गया है जहां वे तीन साल प्री-प्राइमरी (आंगनवाड़ी या प्लेस्कूल) और क्लास-1 और 2 (प्राइमरी स्कूल) की पढ़ाई करेगे।
प्राथमिक शिक्षा के लिए तीसरी, चौथी और पाँचवी के छात्रों को शामिल किया गया है, जिसमें 8-11 आयु वर्ग वाले छात्र शामिल हैं। इस दौरान छात्र प्रयोगों के जरिये विज्ञान और गणित व सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों को सीखेंगे।
माध्यमिक शिक्षा में 6वीं से 8वीं तक के छात्रों को शामिल किया गया है, जिनका आयुवर्ग 11 से 14 साल है। ये छात्र 6वीं से ही कौशल विकास और व्यावसायिक ट्रेनिंग में भी हिस्सा लेंगे। 6वीं से ही छात्रों को कोडिंग भी सिखाई जाएगी, वहीं शिक्षा में तकनीक के इस्तेमाल पर अधिक ज़ोर होगा। इस दौरान छात्रों को इंटर्नशिप करने का भी मौका मिलेगा।
सेकेन्डरी स्टेज में 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र शामिल होंगे। बोर्ड की तैयारी करते हुए छात्रों को विषयों को चुनने की आज़ादी होगी। बोर्ड परीक्षाओं को लेकर छात्रों में ज्ञान बढ़ाने के उद्देश्य से पाठ्यक्रम को भी घटाया जाएगा, जिससे छात्र पूरी तरह विषयों को समझ सकें और उन्हे परीक्षा में महज पास होने के लिए रट्टा ना मारना पड़े।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 यह सुनिश्चित करने पर भी केन्द्रित है कि साल 2025 तक ग्रेड 3 का प्रत्येक छात्र बुनियादी साक्षारता और संख्या ज्ञान हासिल कर लें।