कभी मुफलिसी में गुजारे थे दिन, आज मुफ्त में हर रोज हजारों का भर रहे पेट
अजहर हर रोज गरीबों को मुफ्त में खाना खिलाते हैं। वह यह काम पिछले छह सालों से कर रहे हैं। उन्होंने रेलवे स्टेशन पर भीख मांगती एक दिव्यांग औरत को देखकर इस काम की शुरुआथ की थी।
अजहर ने दबीरपुरा इलाके से अपने पैसों से भूखों को खाना खिलाने की शुरुआत की थी, यह सिलसिला तीन सालों तक चला। इसके बाद उनके काम की खबर दूसरे लोगों तक पहुंचती गई।
शहरों में अक्सर फ्लाईओवर की नीचे की जगह प्राइवेट वाहनों की पार्किंग या फिर गरीबों के रहने के काम आती है। लेकिन हैदराबाद का एक शख्स फ्लाईओवर के नीचे पड़ी खाली जगह को गरीबों को खाना खिलाने में इस्तेमाल करता है। उस शख्स का नाम है अजहर मकसूसी। अजहर हर रोज गरीबों को मुफ्त में खाना खिलाते हैं। वह यह काम पिछले छह सालों से कर रहे हैं। उन्होंने रेलवे स्टेशन पर भीख मांगती एक दिव्यांग औरत को देखकर इस काम की शुरुआथ की थी। वे कहते हैं, 'मेरी उम्र काफी कम थी जब मेरे पिता का देहांत हो गया। उसके बाद मेरी मां ने मुश्किलों में हम सभी भाई बहनों का पालन पोषण किया। मुझे पता है कि भूखे पेट सोना क्या होता है।'
अजहर को भी कभी ऐसे ही दिन बिताने पड़े थे, लेकिन आज वे हैदराबाद के गांधी जनरल अस्पताल और दबीरपुरा इलाके में 300-400 लोगों को खाना खिलाते हैं। वे बताते हैं कि सिर्फ चार साल की उम्र में पिता को खो देने के बाद उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। ऐसे भी कई दिन होते थे जब उन्हें भूखे पेट सोना पड़ता था। एएनआई से बात करते हुए अजहर ने कहा, 'मैंने रेलवे स्टेशन पर भीख मांगते हुए एक विकलांग महिला को देखा था। वह भूखी थी। मैंने उसे खाना खिलाया और खुदा से दुआ की कि मुझे कोई रास्ता दिखाएं जिससे मैं भूखों का पेट भर सकूं।'
अजहर ने दबीरपुरा इलाके से अपने पैसों से भूखों को खाना खिलाने की शुरुआत की थी, यह सिलसिला तीन सालों तक चला। इसके बाद उनके काम की खबर दूसरे लोगों तक पहुंचती गई। कई लोग अजहर के इस काम में हाथ बंटाने आए। जब मदद अच्छी होने लगी तो अजहर ने गांधी अस्पताल के पास भी खाना बांटने की शुरुआत की। अब वह इस पहल को दूसरे शहरों तक भी बढ़ाना चाहते हैं। वह बताते हैं, 'मैंने इस काम को बेंगलुरु, रायचूर, तंदूर, झारखंड और असम तक पहुंचा दिया है। इससे हर रोज 2,000 लोगों को खाना उपलब्ध हो जाता है।'
हैदराबाद में एक लेबर जगदीश ने कहा, 'बीते एक सालों से मैं अजहर की वजह से दो वक्त का खाना खा पाता हूं। मैं दिहाड़ी मजदूर हूं और कई बार ऐसा होता है कि मेरे पास काम नहीं होता। उस हालत में मैं यहां खाने आ जाता हूं।' अजहर के इस काम में उनके दोस्त और कुछ वॉलंटियर की टीम भी रहती है। इसके साथ ही वह महिलाओं को टेलरिंग और बेरोजगार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण की सुविधा भी उपलब्ध कराते हैं। अपने इस नेक काम से देश में भुखमरी मिटाने का प्रयास करने वाले अजहर अमिताभ बच्चन के टीवी शो में जा चुके हैं और सलमान खान के फाउंडेशन ह्यूमन बींग के द्वारा उनके काम को सराहा जा चुका है।
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