इन 5 तरीकों से खेती में हो सकता है 5G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, जानिए क्या हैं ये
यह 5G तकनीक को अपनाने के लिए काफी रोमांचक समय है. जब पूरे देश में 5जी तकनीक प्रसारित की जा रही है, तो 5G से विकास के लिए व्यापक क्षेत्रों में भारत की तकनीकी शक्ति को गति मिलने की उम्मीद है.
इससे हम यह सोचने लगते हैं कि भारतीय कृषि 5G की शक्ति का उपयोग कैसे कर सकती है? भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि आधारित होने के बावजूद इस क्षेत्र में डिजिटल की स्वीकार्यता धीमी और चुनौतियों से भरी है. इंटरनेट की कम पहुंच और किसानों पर स्मार्टफोन की कमी होना हमेशा से चुनौती रहा है. इसके साथ एक तथ्य यह भी है कि भारतीय किसानों में बड़ा हिस्सा छोटे और सीमांत किसानों का है, जिससे उनके लिए बहुत दीर्घकालिक लाभों का इंतजार करना चुनौतीपूर्ण है, जो तकनीकी दखल से मिलते हैं.
हालांकि, सभी समाधान इंटरनेट आधारित नहीं हैं, लेकिन और व्यापक पहुंच के लिए यह एक महत्वपूर्ण तत्व है. जहां लगभग 67 प्रतिशत नगरीय निवासी सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, वहीं इस श्रेणी में ग्रामीण निवासी सिर्फ 32 प्रतिशत हैं. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भारतीय कृषि में डिजिटल की स्वीकार्यता के प्रभाव को कम हुआ है.
हालांकि, हमें उम्मीद है कि 5G के तेज प्रसार से कृषि समेत भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में तेज प्रभाव होगा. कृषि में 5G की स्वीकार्यता से कृषि के प्रति लोगों के दृष्टिकोण में बदलाव हुआ है. पहले वृद्धिशील बदलाव पर जोर देने वाले लोग अब परिवर्तनशील बदलाव की वकालत कर रहे हैं. अगर समझदारी से उपयोग किया जाए तो 5जी से खाद्य मूल्य श्रृंखलाओं की उत्पादकता और लाभप्रदता में आई कमी की भरपाई और कृषि संबंधी तनाव को कम करने में परिवर्तनशील बदलाव लाएगा. यहां पांच चीजें हैं जो कृषि में 5G की स्वीकार्यता के साथ परिवर्तनशील बदलाव ला सकती हैं.
1- सटीक खेती में 5G का लाभ उठाएं
भारतीय किसानों के लिए सटीक खेती अपनाने का यह सर्वश्रेष्ठ समय है. हालांकि, शुरुआती चरण में सटीक खेती या स्मार्ट खेती में कृषि में अस्थिरता और जोखिम से सुरक्षा में IOT(आईओटी) और 5G तकनीक का लाभ लिया जाता है. इससे सेंसरों, ड्रोन्स, आंकड़े इकट्ठे करने के लिए रोबोट और सॉफ्टवेयर-एज-अ-सर्विस (Saas) के माध्यम से आंकड़े इकट्ठे करने और खेतों का विश्लेषण करने में मदद मिलती है. भारतीय किसानों को अपनी उपज बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि में बुद्धिमत्तापूर्ण निर्णय लेने के लिए आंकड़ों की जरूरत होती है. भारतीय किसानों की सबसे आम समस्या है भूमि का उपचार. ज्यादातर समय खेत के एक विशेष भाग को उपचार की जरूरत होती है, लेकिन किसान पूरे खेत का उपचार कर देते हैं, जिससे ज्यादा नुकसान होता है. यह आंकड़ों की कमी के कारण होता है. यहीं पर 5जी किसानों को सटीक और रीयल टाइम सूचना पाने और उसके अनुसार काम करने में मदद कर सकता है.
2- ड्रोन का उपयोग
पिछले दशक में भारतीय कृषि को कृषि मजदूरों की उपलब्धता में भारी गिरावट के कारण बहुत परेशानी हुई. यह तब है जब कृषि देश की GDP (सकल घरेलू उत्पाद) में सबसे ज्यादा योगदान करती है. कृषि मजदूरों की समस्या का समाधान करने के लिए ड्रोन एक प्रभावी लागत वाले समाधान के तौर पर उभरे हैं. पिछले कुछ सालों में भारत में ड्रोन प्रौद्योगिकी का लोकतांत्रीकरण हो गया है और ड्रोन खरीदना काफी सस्ता हो गया. 5G तकनीक से लैस ड्रोन से कृषि संबंधी कामों में सुधार होगा और उत्पादकता बढ़ेगी. बीज बोने और उर्वरक व कीटनाशकों के छिड़काव में ड्रोन के उपयोग से ना सिर्फ लागत घटेगी बल्कि समय भी कम लगेगा. एचडी तस्वीरें लेने और फसलों की निगरानी करने में भी इनका उपयोग किया जा सकता है.
3- सटीक और समय पर मौसम पूर्वानुमान पता कर उपज बढ़ाना
ऐसे समय में जब पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन का सामना कर रही है, तब किसान भी प्रभावित हो रहे हैं. 5जी का उपयोग कर मौसम के बदलते रुझान का पता लगाने से भारतीय किसानों को पानी की कमी या सूखे से निपटने के लिए संसाधनों का कुशलता से उपयोग करने में मदद मिलेगी. बदलते मौसम के रुझान के बारे में 5जी जिस गति और कुशलता से आंकड़े इकट्ठे कर जानकारी दे सकता है, उससे किसानों को और जल्दी से तैयारी कर फसल को नुकसान से बचाने में मदद मिलेगी.
4- सिंचाई में सुधार
5G से लैस आधुनिक तकनीक किसानों को लगातार खेतों और फसलों की निगरानी करने में मदद कर सकती है और उन्हें पानी की सही जरूरत का पता लगाने में मदद कर सकती है. 5G तकनीक से सिंचाई रेखा से 120 सेंटीमीटर नीचे मिट्टी की जरूरतों का विश्लेषण करने से किसानों को मिट्टी की नमी, पानी में खारेपन और स्वरूप के बारे में रीयल टाइम सूचना मिलती है. नमी की मात्रा का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने से किसानों को पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने और सटीक कृषि के कारण बेहतर गुणवत्ता वाली फसलों को काटने और उससे मुनाफा कमाने में मदद मिलेगी.
5- आपूर्ति श्रृंखला दक्षता लाने के लिए आंकड़ों का लोकतंत्रीकरण
भारतीय कृषि को आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) की एकीकृत प्रौद्योगिकी की जरूरत है, जो किसानों को फसल के बाद और विपणन संबंधी संपर्कों में सुधार के लिए वास्तविक समय, गुणवत्ता मूल्यांकन में मानकीकरण, व्यापक बाजार पहुंच की सुविधा देती है. तकनीकी कंपनियां ऐसे एकीकृत समाधान विकसित करने के लिए 5G का उपयोग कर सकते हैं, जो किसानों को खेत के पास ही भंडारण सुविधा, कृषि वस्तुओं का डिजिटलीकरण, भंडारण ढांचे में नवाचार को बढ़ावा देती हैं, वित्तीय सुविधा तक आसान पहुंच सुनिश्चित करती हैं और ग्रामीण किसानों की आय बढ़ाने के लिए ऑफ और ऑन स्क्रीन उत्पाद की कीमतों में अंतरों का लाभ उठाने की सुविधा देती हैं. इससे किसान उन व्यापारियों, खुदरा खरीददारों और निर्यातकों से सीधे संपर्क करने कर सकते हैं जो किसानों के उत्पादों को ऊंचे दाम पर खरीदना चाहते हैं.
इन पांच समाधानों को मिलाकर 5G की तकनीक से भारतीय कृषि को हमेशा के लिए बदला जा सकता है. 5G अपने पूर्ववर्ती 4G की तुलना में तेज गति और उल्लेखनीय रूप से कम देरी से सेवा देती है और हितधारकों में वास्तविक समय में संपर्क कराती है. लेकिन इससे जो सबसे महत्वपूर्ण काम होता है वह किसानों के लिए कुल लागत कम करता है और उससे उनका राजस्व बढ़ सकता है और कृषि को आत्मनिर्भर बना सकता है.
(लेखक ग्राम उन्नति के फाउंडर और सीईओ हैं. आलेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं. YourStory का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है.)
Edited by Anuj Maurya