शिफ्ट करें घर बिना झंझट विद GoGo Truck
GoGo Trucks की टीम में 7 लोग GoGo Trucks के बेड़े में 75 ट्रक ड्राइवरचैन्नई से चल रहा है GoGo Trucks का कारोबार
जब कभी कोई अपना घर बदलने के बारे में सोचता है तो सबसे पहले उसके दिमाग में ये बात आती है कि वो अपना समान ढोने के लिए ट्रक वाले को कहां ढूंढेगा, अगर ट्रक वाला कोई मिल भी जाएगा तो वो कितना पैसा लेगा, इतना ही नहीं अगर समान एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाना हो तो क्या ट्रक वाला उसका सामान सुरक्षित भी पहुंचा पाएगा? ऐसे कई सवाल दिमाग में घूमने लगते हैं। इन्ही चिंताओं को दूर करने का काम कर रहा है चैन्नई का GoGo Truck। जो पूरी पारदर्शिता के साथ ना सिर्फ ग्राहकों की चिंता को दूर करता है बल्कि ट्रक मालिकों की समस्याओं को दूर करने का काम कर रहा है।
GoGo Truck के सह-संस्थापक सेंथिल कुमार को भी एक बार ऐसी ही समस्या का सामना करना पड़ा है जब उनको अपने घर का पुराना फ्रिज दूसरे शहर में भेजना था। जब इस काम के लिए उन्होने ट्रक वालों की तलाश की तो उनको इस काम में दो घंटे लग गए। ताज्जुब की बात ये थी कि वो जितने भी ट्रक वालों से मिले उन्होने फ्रिज को समान दूरी पर भेजने के लिए अलग अलग दाम बताये। तभी उनके दिमाग में ये बात आ गई कि सामान भेजने का ये कारोबार ड्राइवरों के हाथों में है इससे ग्राहकों को वास्तविक कीमत का पता नहीं चल पाता। तो दूसरी ओर ड्राइवरों को अपने काम में 50 से 60 प्रतिशत तक वक्त खर्च करना पड़ता है। सेंथिल कुमार और वासिस्टर ने तुरंत इस चुनौती को स्वीकार किया और इस समस्या का हल खोजने में जुट गए जो ग्राहक और ट्रक मालिकों दोनों के लिए फायदेमंद हो। इस तरह GoGo Trucks ने बाजार में दस्तक दी।
GoGo Trucks की इस टीम में 7 लोग हैं। जो अलग अलग तरह के काम और जिम्मेदारी संभालते हैं। सेंथिल की पृष्ठभूमि आईटी से जुड़ी है और वो टीम की कमान संभालते हैं जबकि वासिस्टर ने बिजनेस ग्रेजुएट हैं और उनको सप्लाई चैन मैनेजमेंट और आईटी का अनुभव है। जबकि टीम के अन्य सदस्य राममूर्ति वेब ऐप्लिकेशन टीम को देखते हैं। GoGo Trucks की औपचारिक शुरूआत फरवरी,2015 में हुई लेकिन आधिकारिक तौर पर शुरूआत मार्च, 2015 में हुई। शुरूआत में इनके पास 20 Tata Ace Mini ट्रक थे जिनकी संख्या बढ़कर अब 75 हो गई है। ये सभी ट्रक मालिक हैं। अब इनके बेडे में Tata Ace Mini ट्रक तो हैं ही इनके अलावा Ashok Leyland Dost और Tata 407 पूरे चैन्नई शहर में हैं। हर महिने इनका कारोबार 100 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा है।
इन लोगों के मुताबिक शुरूआत में ट्रक ड्राइवरों को अपने साथ जोड़ना कोई मुश्किल काम नहीं था लेकिन उन लोगों का वक्त पर मिलना और दाम को लेकर सौदेबाजी बड़ी समस्या थी। सुरक्षा की दृष्टि सभी ड्राइवरों का पुलिस सत्यापन किया जाता है। GoGo Trucks की सेवाएं लेने के लिए किसी भी ग्राहक को इनके डिजाइन किये वेब एप्लिकेशन में अपनी जानकारी देनी होती है जिसके बाद ट्रक ड्राइवर को एसएमएस के जरिये यात्रा का विवरण भेजा जाता है। इसके बाद ड्राइवर ग्राहक से सम्पर्क करता है और समान को लेकर उसे उसकी सही जगह पर पहुंचा देता है। GoGo Trucks का फिलहाल कोई मोबाइल ऐप नहीं है लेकिन इस पर काम जारी है और जल्द ही इसे जारी कर दिया जाएगा।
GoGo Trucks प्रत्येक लेन-देन को ट्रक ड्राइवरों के साथ बंटवारा करता है। अब तक कोई भी ग्राहक समान के पहुंचने के बाद ट्रक ड्राइवर को नकद भुगतान करता है लेकिन ये लोग ऑनलाइन भुगतान की सुविधा शुरू करने पर काम कर रहे हैं। अपने उत्पाद को लोगों को सामने लाने के लिए ये लोग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों का सहारा ले रहे हैं। इसके लिए ये जहां Quikr और OLX के जरिये सुविधाएं लेने वालों को छूट दे रहे हैं वहीं ऑफलाइन प्रचार के लिए ये लोग औद्योगिक और उपभोक्ता प्रदर्शनियों का सहारा ले रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक अपनी पहुंच बना सकें।
अब तक 60 प्रतिशत से ज्यादा ग्राहक इनके बी2बी सेगमेंट से है जबकि 40 प्रतिशत बी2सी से। ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए ये नियमित तौर पर कई क्रार्यक्रम चलाते हैं। इसके अलावा ये एफएमसीजी और खाद्य आपूर्ति करने वाली कंपनियों से समझौता कर रहे हैं। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ये मासिक और साप्ताहिक योजनाएं लोगों के सामने ला रहे हैं। माल ढोने के इस कारोबार में कई खिलाड़ी मैदान में है। एक अनुमान के मुताबिक चैन्नई में 70 हजार से ज्यादा ट्रक है जिनका इस्तेमा माल ढोने के लिए एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिया किया जाता है। ई-कॉमर्स के उछाल से गुणवत्ता और समान की समय पर आपूर्ति की मांग तेजी से बढ़ी है।
कई स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों के आने से इस क्षेत्र में प्रतियोगिता बढ़ी है। जैसे हांगकांग की गोगोवैन, बेंगलूरू की ब्लोहॉर्न, Shippr, LOTrucks, Zaicus और theKarrier के अलावा कई और कंपनियां शामिल हैं। इतनी कंपनियों के इस क्षेत्र में होने के कारण निवेशकों की रूचि भी इस ओर बढ़ी है। तभी तो ब्लोहॉर्न ने नबंवर, 2014 में Unitus Feed Fund से निवेश प्राप्त किया तो theKarrier ने 1.5 करोड़ रुपये का निवेश Sol Primero और दूसरी कंपनियों से मई, 2015 में निवेश हासिल किया। बावजूद इसके इन लोगों का लक्ष्य ट्रांसपोर्टरों, मिनी ट्रक ड्राइवरों और ग्राहकों को 24x7 सेवाएं देना है। फिलहाल ये लोग ग्राहकों से 16 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराया लेते हैं। इसके अलावा रात के समय समान पहुंचाने के लिए अलग से शुल्क लिया जाता है।
फिलहाल GoGo Trucks स्व-वित्त पोषित है और ये चैन्नई में ही काम कर रहा है लेकिन धीरे धीरे इसका इरादा अपने विस्तार का है। ये लोग वेब इंटरफेस में सुधार पर काम कर रहे हैं ताकि भविष्य में कोई भी ग्राहक ये जान सके की उसके समान से लदा ट्रक कहां तक पहुंचा है। इसके अलावा ये ड्राइवरों से जुड़ा एक ऐप भी लाने पर काम कर रहे हैं ताकि ड्राइवरों को कोई भी ऑर्डर लेने में ज्यादा दिक्कत ना हो।