Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

जागरूकता के अभाव में बढ़ रहा है पुरुषों में स्तन कैंसर

भारत में हर 1200 पुरुषों में से 8 पुरुष ब्रेस्ट कैंसर की तकलीफ से जूझ रहे हैं...

जागरूकता के अभाव में बढ़ रहा है पुरुषों में स्तन कैंसर

Thursday June 08, 2017 , 5 min Read

आपको सुनकर आश्चर्य होगा कि पुरुषों को भी ब्रेस्ट कैंसर होता है, तो आपकी जानकारी के लिए हम बता देते हैं, कि ये सच है! ब्रेस्ट टिश्यू महिला और पुरुष दोनों में पाये जाते हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि महिलाओं में कई तरह के हार्मोन्स की वजह से ब्रेस्ट टिश्यू बढ़कर पूरे ब्रेस्ट का रूप ले लेते हैं और पुरुषों में ब्रेस्ट को बढ़ाने वाले हार्मोन्स नहीं होते, इसलिए उनका सीना सपाट रहता है। लेकिन फिर भी ज़रूरी है, कि जिस तरह की जागरुकता ब्रेस्ट कैंसर को लेकर महिलाओं में फैलाई जाती है वैसी ही जागरुकता पुरुषों में भी फैलाई जाये, क्योंकि यदि आंकड़ों की मानें तो भारत में हर 1200 पुरुषों में से 8 पुरुष ब्रेस्ट कैंसर की तकलीफ से जूझ रहे होते हैं...

image


कैंसर की पहचान हो जाने के 5 साल के अंदर 83 फीसदी औरतों को जान का खतरा होता है वहीं 73 फीसदी पुरुषों की मौत हो सकती है। स्तन कैंसर केवल महिलाओं को होता है, ऐसी धारणा के चलते पुरुष इस बीमारी के लक्षणों पर ध्यान ही नहीं देते, जो कि उनके लिए घातक सिद्ध हो सकता है...

पुरुषों को भी स्तन का कैंसर हो सकता है। आप सोच रहे होंगे कि पुरुषों के ब्रेस्ट तो होते नहीं, ऐसे में उन्हें ब्रेस्ट कैंसर कैसे हो सकता है। आपकी जानकारी के लिए, महिला और पुरुष दोनों के ब्रेस्ट टिश्यू होते हैं। महिलाओं में कई तरह के हार्मोन्स की वजह से ये ब्रेस्ट टिश्यू बढ़कर पूरे ब्रेस्ट का रूप ले लेते हैं। पुरुषों में आमतौर पर ये ब्रेस्ट को बढ़ाने वाले हार्मोन्स नहीं होते हैं, इसलिए उनका सीना सपाट रह जाता है। मेल ब्रेस्ट कैंसर का पहला केस पेरिस में रिकॉर्ड किया गया था। 830-40 के बीच 5 मर्दों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण पाए गए थे। औरतों में ब्रेस्ट कैंसर की जैसी जागरूकता फैलाई जाती है वैसे ही मर्दों को भी ब्रेस्ट कैंसर के लिए सजग होने की जरूरत है। भारत में हर 1200 मर्द कैंसर पीड़ितों में से 8 ब्रेस्ट कैंसर के मरीज निकलते हैं। ब्रेस्ट कैंसर फाउंडेशन के मुताबिक,

"मेल ब्रेस्ट कैंसर, 50 से ऊपर के मर्दों में डूबने से होने वाली मौतों, पेनिस कैंसर या मेनिनजाइटिस से भी ज्यादा कॉमन बीमारी है। लेकिन वो इस पर ध्यान ही नहीं देते हैं।"

अगर पुरुषों को लगता है कि उनके दोनों स्तनों के साइज में अंतर है या कोई सख्त गांठ जैसी है तो उन्हें तुरंत ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए। सबसे खतरनाक पक्ष ये है, कि पुरुषों के चेस्ट में टिशू का लेवल कम होता है, इसलिए यह जल्दी फैलता है और लोकली अडवांस स्टेज पर पहुंच जाता है। यही नहीं जिस पुरुष को ब्रेस्ट कैंसर होता है, उसकी अपनी बहन और बेटी को भी ब्रेस्ट कैंसर होने का रिस्क हाई होता है। इसलिए पुरुषों को अपने ब्रेस्ट में किसी तरह का बदलाव महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज न करें।

ये भी पढ़ें,

सिर्फ एक झपकी, और ब्रेन को करें फिर से एक्टिव 

कैंसर स्पेशलिस्ट के मुताबिक दो से तीन ऐसे सिंड्रोम हैं जिसकी वजह से पुरुषों में कैंसर होता है, लेकिन सबसे ज्यादा खतरा जेनेटिक कारणों से होता है। महिलाओं में लाइफ स्टाइल की वजह से भी कैंसर होता है, लेकिन पुरषों में ब्रेस्ट कैंसर का लाइफ स्टाइल से कोई रिलेशन नहीं है।

अधिकांश लोगों को पुरुषों में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जानकारी ही नहीं है। अगर उनके ब्रेस्ट से ब्लीडिंग होती है या कोई गांठ बनती है, तो वे इसे इन्फेक्शन समझ लेते हैं या इससे मिलती-जुलती दूसरी बीमारी मान लेते हैं। इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी है डॉक्टर्स को भी ये बतायें, कि पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर होता है और जिस तरह महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की पहचान और जांच की जाती है, उसी तरह पुरुषों की भी जांच होती है और वही इलाज भी होता है।

चेत जाइए, अगर आपके शरीर में ऐसा कुछ हो रहा तो

अगर आपके शरीर में ये सब हो रहा है तो ये ब्रेस्ट कैंसर है- निप्पल में मवाद भर जाना या निप्पल से खून निकलना या निप्पल का अंदर की ओर खिंचना। छाती पर सूजन, छाती की त्वचा पर खिंचाव। अंडरअार्म्स के नीचे गांठ का होना।

ये भी पढ़ें,

ये बीपी है क्या बला?

पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर की प्रमुख वजहें

यदि कोई पुरुष अपने सीने पर लिम्फोमा जैसा रेडिएशन ट्रीटमेंट करवाता है, तो उसमें ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। अधिक मात्रा में शराब पीने से भी पुरुषों में ब्रेस्‍ट कैंसर की संभावनाएं बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए भी क्‍योंकि इसकी वजह से लीवर पर असर होने लगत‍ा है। उम्र बढऩे की वजह से बढ़ती उम्र ये भी ब्रेस्‍ट कैंसर की एक वजह हो सकती है। जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, वैसे वैसे उनमें ब्रेस्‍ट कैंसर को ले‍कर खतरा बढऩे लगता है। ज्‍यादातर मामलों में 68 साल की आयु के आसपास पुरुषों को मालूम चलता है कि उन्‍हें ब्रेस्‍ट कैंसर है। किसी महिला रिश्तेदार के ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित होने पर आपके लिए खतरा अधिक है। महिलाओं की ही तरह, पुरुषों को भी मां, दादी-नानी, बहन या खून के किसी रिश्ते वाली महिला के ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित होने पर इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है।

लीवर सिरोसिस की वजह से एस्ट्रोजन हार्मोन्स के स्तर में वृद्धि का कारण बनता है और इससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यही नहीं, हार्मोन एस्ट्रोजन से भरपूर पदार्थो का अत्यधिक सेवन या ऐसी दवाइयां जिनमें एस्ट्रोजन हो, वो जीन को सक्रिय बनाकर एस्ट्रोजन बढ़ाने का खतरा उत्पन्न कर सकती हैं। ऑर्कइटिस जैसे अंडकोष के रोग, जिसमें पुरुष के एक या दोनों टेस्टिकल्स में मम्प्स वायरस के कारण सूजन हो जाती है या अवांछित टेस्टिकल की वजह से भी पुरुषों में स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

पुरुषों में स्तन कैंसर होने की संभावना उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती है, हालांकि युवा भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। जिन लोगों को क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम की समस्या है, वे स्तन कैंसर के खतरे में ज्यादा आते हैं। क्लाइनफेल्टर एक तरह की जीन संबंधित बीमारी है, जिसमें पुरुष में एक्स क्रोमोजोम की संख्या ज्यादा होती है। इस तरह के पुरुषों में स्तन कैंसर की संभावना 15 से 50 फीसदी तक ज्यादा होती है।

-प्रज्ञा श्रीवास्तव

ये भी पढ़ें,

होम्योपैथी बनाये दिल को मजबूत