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पुलिस इंस्पेक्टर की नेकदिली, गरीब दिव्यांग बच्चे को दिलवाया डेढ़ लाख का कृत्रिम पैर

पुलिस इंस्पेक्टर की नेकदिली, गरीब दिव्यांग बच्चे को दिलवाया डेढ़ लाख का कृत्रिम पैर

Friday January 05, 2018 , 3 min Read

सोनभद्र के रिहंद में एक प्रतियोगिता के दौरान इंस्पेक्टर भारत भूषण ने शिवा को देखा था। वह उस समय इंस्पेक्टर के पैर छूने के लिए आगे बढ़ा था और उन्होंने आशीर्वाद भी दिया था, लेकिन जब वह वापस जाने लगे तो देखा कि उस बच्चे के तो पैर ही नहीं हैं। 

बाएं शिवा और दाहिने इंस्पेक्टर भारत भूषण

बाएं शिवा और दाहिने इंस्पेक्टर भारत भूषण


भारत ने अपना वादा निभाया और शिवा का कृत्रिम पैर बनकर आ गया। बीएचयू ट्रामा सेंटर भेजकर बच्चे का पैर लगवाया। कृत्रिम पैर लगने के बाद अब शिवा पहले जैसा चलने लगा है।

आप अपने आसपास किसी व्यक्ति से भी पुलिस के बारे में आम राय ले लीजिए। यकीनन वो पुलिस को अच्छा नहीं बताएगा। हम सभी के मन में पुलिस और प्रशासन को लेकर एक नकारात्मक धारणा बन चुकी है, जिसे टूटना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन कई बार पुलिस के लोग ऐसा काम कर जाते हैं कि हमें अपने मन में बसाई गई उनकी पुरानी छवि को हटाना पड़ता है। ऐसा ही कुछ किया है उत्तर प्रदेश पुलिस के एक इंस्पेक्टर ने। यूपी के सोनभद्र जिले में तैनात इंस्पेक्टर भारत भूषण तिवारी ने पैरों से लाचार बच्चे को कृत्रिम पैर लगवा दिए।

सोनभद्र जिले के शक्तिनगर थाना के इंचार्ज भारत भूषण तिवारी ने नौ साल के शिवा से वादा किया था कि वह पैसा इकट्ठा करके उसके पैर लगवाएंगे। ट्रांसफर होने के बाद भी उन्होंने अपना वादा याद रखा और एक साल के भीतर एक लाख रुपये से ज्यादा अपने पास से खर्च करके शिवा को जब कृतिम पैर लगवाया तो वह मासूम इसके सहारे चलते हुए उनको सेल्यूट करके बोला जय हिंद। 4 साल की उम्र में मां के साथ रेलवे ट्रैक पार करते वक्त हादसे में शिवा ने अपने दोनों पैर गंवा दिए थे।

सोनभद्र के रिहंद में एक प्रतियोगिता के दौरान इंस्पेक्टर भारत भूषण ने शिवा को देखा था। वह उस समय इंस्पेक्टर के पैर छूने के लिए आगे बढ़ा था और उन्होंने आशीर्वाद भी दिया था, लेकिन जब वह वापस जाने लगे तो देखा कि उस बच्चे के तो पैर ही नहीं हैं। शक्तिनगर थाने पर तैनाती के दौरान मिश्रा गांव के दौरान इस बच्चे को पढ़ते देखकर बातचीत की थी। उन्हें शिवा पढ़ने में काफी तेज लगा। उन्होने उसकी स्कूल की फीस भी भरी और कृत्रिम पैर भी लगवाने का वादा किया। इस दौरान इंस्पेक्टर भारत का तबादला शक्तिनगर से रॉबर्ट्सगंज हो गया लेकिन इस बच्चे को पैर लगवाने के लिए कोशिश जारी रही।

एक माह पहले इस बच्चे को बीएचयू ट्रामा सेंटर में प्राथमिक उपचार के साथ एंडोलिट प्रोस्थेटिक एण्ड अर्थोटिक सेण्टर के द्वारा पैरों की जाँच करने के बाद उसका नाप करवाया। बुधवार को शिवा का कृत्रिम पैर बनकर आ गया। गुरुवार को बीएचयू ट्रामा सेंटर भेजकर बच्चे का पैर लगवाया। कृत्रिम पैर लगने के बाद अब शिवा पहले जैसा चलने लगा है। शिवा के पिता ने बताया के जो मुझे अपने बेटे के लिये करना चाहिये था वो भारत भूषण जी ने किया है इसका अहसान जिंदगी भर रहेगा। वाकई इंस्पेक्टर भारत ने एक बच्चे के पैर ही नहीं लगवाए बल्कि उसके सपनों को पंख दे दिए हैं।

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