10 में से 7 शहरी महिलाओं ने लिया है लाइफ इंश्योरेंस प्लान: सर्वे
आईपीक्यू 6.0 में सामने आया कि शहरी भारत में महिलाओं ने जीवन की अनिश्चितताओं से अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर मजबूत प्रतिबद्धता जताई है और इसी से धीरे-धीरे लैंगिक असमानता कम हो रही है.
मैक्स लाइफ के फ्लैगशिप सर्वे इंडिया प्रोटेक्शन कोशेंट सर्वे (आईपीक्यू) के छठे संस्करण से कुछ दिलचस्प निष्कर्ष सामने आ गए हैं. विश्व की अग्रणी मार्केटिंग डाटा एवं एनालिटिक्स कंपनी कांतार के साथ साझेदारी में इस सर्वे में लाइफ इंश्योरेंस प्लान लेने वाली महिलाओं की संख्या में अच्छा खासा उछाल देखने को मिला है. आईपीक्यू 1.0 के समय मात्र 59 प्रतिशत महिलाओं ने लाइफ इंश्योरेंस लिया था, जो आईपीक्यू 6.0 में 73 प्रतिशत के प्रभावी स्तर पर पहुंच गया. साथ ही, पहली बार कामकाजी महिलाओं ने लाइफ इंश्योरेंस लेने के मामले में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है. 79 प्रतिशत कामकाजी महिलाओं ने लाइफ इंश्योरेंस प्लान लिया हुआ है.
सर्वे के मुताबिक, पहली बार शहरी महिलाओं में वित्तीय सुरक्षा का स्तर 40 अंक के ऊपर पहुंचा है. पिछले 6 साल में यह इंडेक्स 33 से 41 पर आ गया है. हालांकि गृहिणियों की वित्तीय सुरक्षा का स्तर आईपीक्यू 5.0 के 38 से गिरकर आईपीक्यू 6.0 में 36 पर आ गया है, जो उनके वित्तीय हितों को आगे बढ़ाने के प्रयासों को गति देने की जरूरत दिखाता है. इससे इतर कामकाजी महिलाओं की वित्तीय सुरक्षा का इंडेक्स आईपीक्यू 5.0 के 43 से बढ़कर आईपीक्यू 6.0 में 47 पर पहुंच गया है.
लाइफ इंश्योरेंस लेने के मामले में सकारात्मक ट्रेंड के बावजूद वित्तीय तैयारियों को लेकर लैंगिक रूप से बड़ी असमानता है. शहरी भारत में पुरुषों की वित्तीय सुरक्षा का स्तर 46 पर रहा है, जो कि शहरी भारत के औसत 45 से ज्यादा है. शहरी भारत में पुरुषों एवं महिलाओं के बीच वित्तीय सुरक्षा के मोर्चे पर बड़े अंतर में अहम भूमिका लाइफ इंश्योरेंस को लेकर जागरूकता के स्तर की है. इस मामले में पुरुषों की जानकारी का इंडेक्स 64 पर, जबकि महिलाओं की जानकारी का इंडेक्स 54 पर है. आईपीक्यू 6.0 के अनुसार, महिलाओं की वित्तीय सुरक्षा का स्तर 64 प्रतिशत है, जो अभी भी महामारी से पहले हुए आईपीक्यू 1.0 के 65 प्रतिशत से कम है.
आईपीक्यू 6.0 में सामने आया कि शहरी भारत में महिलाओं ने जीवन की अनिश्चितताओं से अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर मजबूत प्रतिबद्धता जताई है और इसी से धीरे-धीरे लैंगिक असमानता कम हो रही है. पुरुषों में लाइफ इंश्योरेंस लेने वाले 76 प्रतिशत और महिलाओं में 73 प्रतिशत हैं. आईपीक्यू 1.0 में यह अंतर 9 प्रतिशत (68 प्रतिशत एवं 59 प्रतिशत क्रमश:) था, जो अब तीन प्रतिशत रह गया है.
मैक्स लाइफ के सीईआ एवं मैनेजिंग डायरेक्टर प्रशांत त्रिपाठी ने कहा, "हम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं और ऐसे में महिलाओं की वित्तीय तैयारी को सामने लाना अहम है. नवीनतम आईपीक्यू 6.0 सर्वे के निष्कर्ष लाइफ इंश्योरेंस में निवेश के माध्यम से वित्तीय कल्याण की दिशा में महिलाओं की सक्रियता को दिखा रहे हैं. हालांकि सर्वें से वित्तीय जागरूकता के मामले में लैंगिक असमानता की तस्वीर भी सामने आई है. इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है, जिससे अपनी वित्तीय स्थिति पर अपना स्वयं का नियंत्रण स्थापित करने में महिलाएं सक्षम बनें. इसलिए इंडस्ट्री की तरफ से जरूरी है कि मिलकर ऐसे समाधान पेश किए जाएं, जिनसे 'इंश्योरेंस फॉर ऑल' (सभी के लिए बीमा) का समावेशी लक्ष्य साकार करने में मदद मिले."