देश के विकास में स्टार्टअप की होगी अहम भूमिका, 35 लाख लोगों को मिलेगा रोज़गार
"देश के विकास में स्टार्टअप्स की भूमिका अहम होने वाली है। आने वाले 10 साल में इनका मूल्य 500 अरब डालर हो सकता है और इससे तकरीबन 35 लाख लोगों को रोज़गार मिल सकती है।"
ये कहना है इन्फोसिस के पूर्व निदेशक और मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन के चेयरमैन टी.वी. मोहनदास पई का। पई का मानना है कि ई-कॉमर्स कंपनियों में भारी होड़ है। उन्होंने ई-कॉमर्स कंपनियों के बीच भारी छूट एवं नकद वापसी पेशकश को लेकर मची होड़ की आलोचना करते हुए कहा कि उद्योग में अगले दो साल में या ‘इससे पहले ही’ उथल-पुथल मच सकती है और कुछ कंपनियां बाजार से बाहर हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि फ्लिपकार्ट और स्नैपडील सरीखी दिग्गज कंपनियां सब्सिडी देकर तेजी से बढ़ने की कोशिश में लगी हैं जोकि गलत है क्योंकि इसमें कोई पक्के ग्राहक नहीं बनते।
‘‘पिछली तिमाही में हमने देखा कि अमेजन ने उन्हें पीछे छोड़ दिया क्योंकि उसके पास बेहतर प्रौद्योगिकी और बेहतर प्रोसेसिंग तरकीब है। स्नैपडील पिछड़ गई है।’’
इन्फोसिस के पूर्व निदेशक पई ने बताया,
‘‘मुझे लगता है कि जबरदस्त उथल-पुथल होगी. अगले एक या दो साल में यह हो सकता है। कुछ कमजोर कंपनियां बाजार से बाहर हो जाएंगी।’’
स्टार्ट-अप वृद्धि परिदृश्य पर उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से कई खत्म हो जाएंगी क्योंकि वे प्रतिस्पर्धी नहीं हैं। इन्हें डालर के बल पर जिंदा रखा जा रहा है।’’ उनके मुताबिक, देश में इस समय 18,000 स्टार्ट-अप है जो 75 अरब डालर का मूल्य सृजन कर रही हैं और इस क्षेत्र में तीन लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है।
आईटी क्षेत्र के बारे में पई ने कहा कि इस क्षेत्र में डिजिटल अर्थव्यवस्था और बाजार को बढ़ावा देने के लिये व्यावसायिक मॉडल को बदलने की चुनौती है।