Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

व्हीलचेयर पर भारत भ्रमण करने वाले अरविंद हर किसी के लिए हैं मिसाल

व्हीलचेयर पर भारत भ्रमण करने वाले अरविंद हर किसी के लिए हैं मिसाल

Sunday December 31, 2017 , 3 min Read

30 साल पहले हुए एक हादसे में लकवे के शिकार हो गए अरविंद आज एक सफल बिजनेसमैन हैं। उनका केबल टीवी का कारोबर रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी भी अक्षमता को आड़े नहीं आने दिया। 

व्हीलचेयर पर अरविंद प्रभु

व्हीलचेयर पर अरविंद प्रभु


व्हील चेयर पर होने के बावजूद उन्होंने 2011 में 19 हजार किमी की यात्रा मात्र 84 दिनों में पूरी की थई। बियॉन्ड बैरियर इनक्रेडिबल इंडिया टूर के नाम से यह यात्रा की गई थी। 

कई बार शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हुए भी हम मानसिक चुनौतियों के सामने हार मान लेते हैं, लेकिन क्या हम उनके बारे में कभी सोचते हैं जो शारीरिक रूप से कई काम करने में अक्षम होते हैं और उसके बावजूद हमसे ज्यादा सकारात्मक जिंदगी जी रहे होते हैं। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं, अरविंद प्रभु। 30 साल पहले हुए एक हादसे में लकवे के शिकार हो गए अरविंद आज एक सफल बिजनेसमैन हैं। उनका केबल टीवी का कारोबर रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी भी अक्षमता को आड़े नहीं आने दिया। उन्होंने अपने ग्रुप के साथ पूरा भारत भ्रमण किया और वे भारत में दिव्यांगों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं।

1987 में अरविंद एक हादसे का शिकार हो गए थे, जिसके बाद उनकी स्पाइनल कॉर्ड खराब हो गई। इसी वजह से आज भी उनके चेस्ट के नीचे का पूरा हिस्सा पैरालाइज्ड है। लेकिन अरविंद निराश नहीं हुए। वे हमेशा अपने लक्ष्य को हासिल करने के बारे में सोचते रहे। हादसे के बाद वे इलाज के लिए अमेरिका गए और वहां इलाज के दौरान ही अगले दस साल के उन्होंने अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया। उसके बाद भारत आकर अरविंद ने केबल टीवी के कारोबार में एंट्री की। इसके बाद काम करते हुए अरविंद ने 10 साल में अपनी पहली कार मर्सिडीज बेंज खरीदी।

वह महाराष्ट्र केबल ऑपरेटर्स असोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। अरविंद ने दिव्यांग लोगों के म्यूजिक बैंड ‘उड़ान’ की स्थापना में भूमिका निभाई। उन्हें घूमने का काफी शौक है। व्हील चेयर पर होने के बावजूद उन्होंने 2011 में 19 हजार किमी की यात्रा मात्र 84 दिनों में पूरी की थई। बियॉन्ड बैरियर इनक्रेडिबल इंडिया टूर के नाम से यह यात्रा की गई थी। इस दौरान उन्होंने पूरा भारत भ्रमण किया। कई बार तो ऐसे मौके भी आए जब उन्हें अपनी जान भी जोखिम में डाल दी।

उन्होंने बताया, 'हम नॉर्थ ईस्ट में थे और हमें ब्रह्मपुत्र नदी को पार मजुली आइलैंड पर जाना था। इसके लिए हमें 7०० किमी का सफर तय करना था। लेकिन उसके लिए हमें अरुणाचल प्रदेश से वापस तेजपुर आकर फिर उल्टा मणिपुर जाना पड़ता। तब सोचा गया कि अरुणाचल प्रदेश से लखीमपुर क्रॉस करेंगे और वहां से मजुली आइलैंड पहुंचेंगे। इससे हमारा वक्त भी बचेगा और में 700 किमी नहीं घूमना पड़ेगा। इसके लिए उन्होंने गांव के नाविकों की मदद से छोटी नाव किराए पर ली। उस पर गाड़ियां भी लादी गईं।

उस दौरान उन्होंने और टीम के लोगों ने कई बार सोचा कि फैसला वापस ले लें, लेकिन एक विश्वास था कि नदी पार कर ले जाएंगे। लेकिन जब नदी के बीचों बीच पहुंचे तो बोट हिलने लगी। उस समय लगा कि मौत निश्चित है, क्योंकि गाडि़यां एक इंच भी इधर-उधर होतीं तो सब के सब नदी में समा जाते। लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी और किसी तरह नदी पार कर ली। उस समय ऐसा लगा कि दुनिया जीत ली हो।

यह भी पढ़ें: बेंगलुरु की इस महिला की बदौलत तैयार हुई सैनिटरी डिस्पोज करने की मशीन