आत्मविश्वास से लबरेज 'पूजा विजय' हकलाने के बावजूद हंसाती हैं लोगों को
आप कभी हकलाने वाले व्यक्ति से मिले हैं? यदि हां, तो आपने देखा होगा, कि उसके चेहरे पर सही से बोल न पाने की बेचैनी काफी कुछ बयां कर देती है। हकलाने वाले लोग हमेशा मंच पर जाने से डरते हैं। उनका आत्मविश्वास एकदम डिगा हुआ होता है। लेकिन देश में एक ऐसी भी स्टैंडअप कॉमेडियन हैं, जो हकलाने की समस्या से जूझने के बावजूद लोगों का मनोरंजन करती हैं। आईये जानें उनके बारे में...
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पूजा विजय मूल रूप से तमिलनाडु की रहने वाली हैं और अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली शिफ्ट हो गई हैं। पूजा के अंदर गजब का सेंस ऑफ ह्यूमर है, जिसकी बदौलत वे लोगों को हंसने के लिए मजबूर कर देती हैं।
हकलाने वाले लोग हमेशा मंच पर जाने से डरते हैं। उनका आत्मविश्वास एकदम डिगा हुआ होता है। लेकिन देश में एक ऐसी भी लड़की है, जो न सिर्फ अपनी कमी को मात देते हुए आगे बढ़ रही है, बल्कि स्टैंडअप कॉमेडियन की मदद से स्टेज पर खड़ी होकर लोगों को हंसाती भी है। जी हम यहां बात कर रहे हैं तमिलनाडु की पूजा विजय के बारे में। पूजा हकलाने की समस्या से जूझने के बावजूद लोगों का मनोरंजन करती हैं। पूजा के कॉमेडियन बनने की कहानी शुरू से ही काफी दिलचस्प है। पहले वे बेंगलुरु में रहती थीं। जब इंजीनियरिंग के लिए उन्हें दिल्ली आना पड़ा, तो उन्हें घर की बहुत याद सताने लगी। उन्होंने होमसिकनेस से निकलने की बहुत-सी कोशिशें कीं और बाद में उन्हें लगा कि हंसना-हंसाना एकमात्र ऐसा जरिया है, जिससे खुश रहा जा सकता है। वे कहती हैं,
'कॉमेडियन बनने के लिए काफी समर्पण की जरूरत होती है। स्टेज पर जाते वक्त हाथ पैर कांपने लगते हैं और कोई जोक बुरा निकल जाए तो घबराहट भी बढ़ जाती है। लेकिन आपको अपना संयम बनाए रखना पड़ता है और दूसरे जोक से उसकी भरपाई करनी पड़ती है।'
पूजा स्टेज पर जाते ही बता देती हैं, कि वे हकलाती हैं इसलिए ऐसी स्थिति आने पर कोई चौंके नहीं। वह खुद के भीतर से प्रेरणा लेती हैं। वह बताती हैं, कि उनकी जिंदगी में कई ऐसे लोग आये जिन्होंने हकलाने की समस्या दूर करने में मदद की। वह देश के कई शहरों में अपनी परफॉर्मेंस दे चुकी हैं। परफॉर्मेंस के बाद उनकी खूब तारीफ भी होती है। हकलाने की मुश्किल से निकलने में अमेरिका की एक संस्था ने उनकी काफी मदद की जिससे वह इस काबिल बन पाईं। वाकई में पूजा ऐसे लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो हकलाने की समस्या से ग्रसित हैं।
हकलाने वाले लोग दरअसल कई साइकोलॉजिकल समस्याओं से घिरे होते हैं। कई बार ये समस्या इतनी मुश्किल हो जाती है, कि वे अपने आप को बाकी सोसाइटी से अलग कर लेते हैं। लोगों से मिलना कम होता है। इसके अलावा जिन शब्दों को बोलने में उन्हें ज्याादा दिक्कत होती है, उन्हें बोलना ही बंद कर देते हैं या उनसे बचते हैं। उन्हें कहीं जाना हो, किसी से कुछ पूछना हो या कुछ खरीदना हो, वे हर ऐसी चीज से बचते हैं जहां बोलने की ज्यादा जरूरत होती है। जो लोग सामान्य तरीके से अच्छी तरह बोल लेते हैं उन्हें शायद इसका अंदाजा नहीं होगा कि हकलाने की समस्या इंसान का आत्मविश्वास तोड़ देती है।
फेमस बॉलिवुड स्टार ऋतिक रोशन भी कभी इस हकलाने की समस्या से जूझ रहे थे, लेकिन उन्होंने इससे लड़ाई लड़ी और संघर्ष के साथ इस पर विजय हासिल की। ऋतिक का कहना है, कि ये कमजोरी उनकी मजबूती बन गई। अगर ये मुश्किल नहीं होती तो शायद वे इतने मजबूत नहीं बन पाते।
हकलाने वाले लोग एक वक्त के बाद खुद को कमजोर और अक्षम मानने लगते हैं। उनकी नॉर्मल लाइफ बाकियों से काफी अलग होती है या फिर कहा जाये तो वो काफी परेशान रहते हैं। इस बीमारी के इलाज के बारे में ज्यादा लोगों को मालूम नहीं होता, इसलिए शायद समाज में थोड़ी सी जागरूकता की भी जरूरत है। ऐसे लोगों को चाहिए कि वे ऋतिक और पूजा विजय जैसे लोगों से प्रेरणा लें, खुद पर गर्व करें और अपने आप को सबके सामने जैसे हैं वैसे ही पेश करने की कोशिश करें। इससे लड़ाई थोड़ी आसान हो जाएगी। सबके अंदर एक हीरो छिपा होता है। अपनी कमजोरियों को लेकर हीन भावना न लाएं और कमजोरियों को दूर करने के लिए मेहनत करते हुए आगे बढ़ें।