Brands
YS TV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

लैंगिक भेदभाव समाप्त करने के लिए सरकार ने की 'आई एम दैट वुमन' अभियान की शुरूआत

लैंगिक भेदभाव समाप्त करने के लिए सरकार ने की 'आई एम दैट वुमन' अभियान की शुरूआत

Wednesday October 18, 2017 , 3 min Read

 इस अभियान के जरिए महिलाएं किसी भी तरह की मदद के लिए आवाज दे सकेंगी और उनकी जरूरत करने में सक्षम महिलाएं उनका सहारा बन सकेंगी। 

ट्विटर पर साझा की गई तस्वीर

ट्विटर पर साझा की गई तस्वीर


एक सास अपनी बहू की सबसे अच्छी साथी हो सकती है। अब समय आ गया है कि हम बहू को बहू ना मानकर बेटी मानें। लोगों ने इस हैशटैग का इस्तेमाल भी करना शुरू कर दिया है।

कैंपेन के पोस्टर में 'डॉटर इन लॉ' और 'मदर इन लॉ' में से 'लॉ' शब्द को हटाने की बात कही गई है। कई महिलाओं ने अपनी बहू की फोटो के साथ अपनी तस्वीर साझा की है और कहा है कि वे उन्हें बेटी के जैसे मानती हैं।

महिलाओं के खिलाफ लैंगिक आधार पर किये जाने वाले भेदभाव को समाप्त करने के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय ने एक आनलाइन अभियान आई एम दैट वुमैन की शुरूआत की है। इस अभियान के माध्यम से मंत्रालय महिलाओं की मदद के लिए खड़ी होने वाली महिलाओं से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालना चाहता है। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने लोगों से महिलाओं द्वारा अन्य महिलाओं को हानि पहुंचाने वाली महिलाओं से दूर रहने का अनुरोध किया है।

ट्विटर और फेसबुक यूजर्स से फोटो के साथ महिलाओं द्वारा महिलाओं की मदद करने वाली कहानियों को साझा करने और उन्हें 'आई एम दैट वुमैन' के हैशटैग के साथ ऑनलाइन पोस्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इस अभियान के जरिए महिलाएं किसी भी तरह की मदद के लिए आवाज दे सकेंगी और उनकी जरूरत करने में सक्षम महिलाएं उनका सहारा बन सकेंगी। कैंपेन के पोस्टर में 'डॉटर इन लॉ' और 'मदर इन लॉ' में से 'लॉ' शब्द को हटाने की बात कही गई है। कई महिलाओं ने अपनी बहू की फोटो के साथ अपनी तस्वीर साझा की है और कहा है कि वे उन्हें बेटी के जैसे मानती हैं।

एक सरकारी बयान के अनुसार महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने कहा, जब किसी महिला को उसके स्त्रीत्व का समर्थन मिलता है, तो वह अजेय हो सकती है। इस अभियान के माध्यम से हमारा उद्देश्य महिलाओं द्वारा महिलाओं के लिए किए गए भारी योगदान पर प्रकाश डालना है। एक सास अपनी बहू की सबसे अच्छी साथी हो सकती है। अब समय आ गया है कि हम बहू को बहू ना मानकर बेटी मानें। लोगों ने इस हैशटैग का इस्तेमाल भी करना शुरू कर दिया है। कई सारी महिलाओं ने हैशटैग के साथ अपनी तस्वीरें और कहानियां साझा की हैं।

उन्होंने कहा, एक महिला प्रबंधक बहुत आसानी से अपनी कनिष्ठ महिलाकर्मी के साथ सहानुभूति पूर्ण व्यवहार कर सकती है और उसे सफलता की सीढ़ी चढ़ने में मदद कर सकती है। इसी प्रकार, एक महिला मकान मालकिन अपनी महिला किरायेदार के साथ प्रेम भरा व्यवहार करके उस युवा लड़की को घर से दूर घर जैसा ही वातावरण उपलब्ध करा सकती है। इ आई एम दैट वुमैन अभियान में शामिल होकर इस संदेश को फैलायें कि एक महिला दूसरी महिला के लिए कठिन से कठिन कार्य कर सकती है।

यह भी पढ़ें: मैं बच गई, क्योंकि मुझे चीखना आता था...