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टेकस्पार्क्स 2018: किसी ने अपने इनोवेशन से तो किसी की कहानियों, चुटकुलों और व्याख्यानों ने किया आकर्षित

टेकस्पार्क्स 2018: किसी ने अपने इनोवेशन से तो किसी की कहानियों, चुटकुलों और व्याख्यानों ने किया आकर्षित

Saturday October 06, 2018 , 8 min Read

उभरते और अनुभवी उद्यमियों, व्यापारिक नेताओं और नीति निर्माताओं ने टेकस्पार्क्स का पहला दिन कई व्यक्तिगत कहानियां, हंसी-मजाक और हैंडशेक के साथ बेहद खास बना दिया। हर टेकस्पार्क्स ईवेंट्स की तरह इस बार भी कई चीजें लॉन्च हुईं।

टेकस्पार्क्स में किशोर बियानी से बात करतीं श्रद्धा शर्मा

टेकस्पार्क्स में किशोर बियानी से बात करतीं श्रद्धा शर्मा


मंत्री प्रियांक खड़गे ने 'उन्नति' नाम से एक ऐसी योजना की शुरूआत की है जो उद्यमियों और स्टार्टअप संस्थापकों को वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने के लिए सरकार के साथ काम करने का अवसर प्रदान करेगी। 

योरस्टोरी टेकस्पार्क्स के 9वें संस्करण की बेंगलुरू में बेहद ही उत्साहजनक शुरुआत हुई। भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिक तंत्र के कई उभरते हुए चेहरों से लेकर अनुभवी लोगों ने योरस्टोरी के इस वार्षिक मंच का खूब बेहतर तरीके से इस्तेलाम किया। उभरते और अनुभवी उद्यमियों, व्यापारिक नेताओं और नीति निर्माताओं ने टेकस्पार्क्स का पहला दिन कई व्यक्तिगत कहानियां, हंसी-मजाक और हैंडशेक के साथ बेहद खास बना दिया। हर टेकस्पार्क्स ईवेंट्स की तरह इस बार भी कई चीजें लॉन्च हुईं। हालांकि हर बार की तरह इस बार केवल प्रोडक्ट और बुक ही नहीं बल्कि इसके अलावा कई योजनाओं की घोषणा भी इस मंच से हुई है।

दिन की शुरुआत राज्य के सामाजिक कल्याण मंत्री प्रियांक खड़गे द्वारा कर्नाटक राज्य सरकार के उन्नति कार्यक्रम के लॉन्च के साथ हुई। मंत्री प्रियांक खड़गे ने 'उन्नति' नाम से एक ऐसी योजना की शुरूआत की है जो उद्यमियों और स्टार्टअप संस्थापकों को वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने के लिए सरकार के साथ काम करने का अवसर प्रदान करेगी। जिसका लक्ष्य ऐसे स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना है जो नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन ला सकता है। इस योजना ने सभी प्रतिभागियों से काफी प्रशंसा हासिल की।

मंत्री खड़गे ने अपनी मजाकिया कहानियों और मजेदार रिस्पोन्स के चलते भीड़ को खूब गुदगुदाया। उन्होंने अगले स्तर पर प्रौद्योगिकी और इनोवेशन में कर्नाटक राज्य की गहरी दिलचस्पी जताते हुए लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। प्रियांक ने कर्नाटक के अपने "ज्ञान-आधारित समाज" के निर्माण के बारे में बात की। साथ ही उन्होंने यह घोषणा करते हुए कहा कि जल्द ही कर्नाटक इनोवेशन अथॉरिटी लॉन्च की जाएगी जिससे तकनीकी प्रगति और कानूनी ढांचे के बीच के अंतर को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि कर्नाटक इनोवेशन के साथ सामाजिक प्रभाव पैदा करने में अग्रणी हो। सरकार द्वारा इनोवेशन पैदा किया जाना चाहिए। "

संक्षेप में कहें तो पहला दिन कई कहानियों, चुटकुलों, व्याख्यानों और अधिक नेटवर्किंग से भरा रहा। ये रहीं पहले दिन की कुछ बेहद ही मुख्य बातें।

बिगबास्केट के संस्थापक हरि मेनन, वी एस सुधाकर, अभय चौधरी और विपुल शेखर कंपनी के एचआर हेड हरि टीएन के साथ ईवेंट में शामिल हुए और बताया कि उन्होंने देश की सबसे लोकप्रिय ऑनलाइन ग्रोसरी कंपनी का निर्माण कैसे किया। कैसे उन्होंने इस कंपनी का 25 शहरों में विस्तार किया, और अपनी सीरीज ई फंडिंग से 300 मिलियन डॉलर जुटाए। बिगबास्केट के सह-संस्थापक विपुल पारेख ने कहा, "दो स्टार्टअप्स दिखने में एक जैसे हो सकते हैं लेकिन उन्होंने पैसा कहां लगाया है, यह समझना जरूरी होता है। बिना किसी मॉडल के सिर्फ पूंजी लगाना ही सही नहीं है। इसके लिए आपके पास एक अच्छा बिजनेस मॉडल होना चाहिए।" इस दौरान टीएन हरी और हरी मेनन ने अपनी बुक Cutting the Gordian Knot भी लॉन्च की। किताब भारत में मौजूद कई "गहरी" समस्याओं से निपटने के बारे में ज्वलंत सवालों के जवाब देती है।

गो बिग ऑर गो होम

भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के विश्व स्तर पर पोस्टर ब्वॉय बन चुके ये शख्स भी ईवेंट में मौजूद थे जो अपने फेसम मोटो "Go big or go home" के लिए भी जाने जाते हैं। जी हां, दरअसल ये व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा थे। उन्होंने ईवेंट में अपनी और पेटीएम की कहानी से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। बीच-बीच में हंसी मजाक के साथ मजेदार रिस्पोन्स के चलते लोगों ने उनके लिए खड़े होकर तालियां बजाईं। योरस्टोरी की संस्थापक और सीईओ श्रद्धा शर्मा के साथ एक फायरसाइड चैट में, विजय ने एक बार फिर साबित किया कि वह एक ऐसी ताकत बन चुके हैं जो यह मानता है कि पेटीम अपने रास्ते में आने वाले हर किसी को ओवरटेक करने के रास्ते पर है।

दिन के दौरान, ब्लॉकचेन पर पैनलों के साथ प्रोफिटैबिलिटी और फिनटेक के भविष्य पर बहुत सारी रोचक बातचीत हुई। दिव्यांक तुरखिया ने दर्शकों को बताया, "हर दिन सुबह मैं उठता हूं और 1000 चीजों के बारे में सोचता हूं लेकिन चार या पांच चीजें हैं जिन पर मैं ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं। और उसी के हिसाब से मैं अपने दिन की योजना बनाता हूं। यह हमेशा डिसेंडिंग ऑर्डर में होता है। लेकिन मैंने ऐसा करना कभी नहीं छोड़ा।" दिव्यांक, जिन्हें अपने बिजनेस को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए जाना जाते हैं। उन्होंने अपने व्यवसाय डायरेक्टी और मीडियानेट से हासिल किए अनुभव को भी साझा किया।

तकनीक और इनोवेशन का प्रभाव

किसी भी अन्य क्षेत्र की तरह, भारतीय सामाजिक क्षेत्र को प्रौद्योगिकी द्वारा व्यापक रूप से बाधित किया जा रहा है। राज्य माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री गिरिराज सिंह और एमएसएमई मंत्रालय के भारत सरकार और विकास आयुक्त के अतिरिक्त सचिव राम मोहन मिश्रा ने एमएसएमई के बदलते चेहरे और विभिन्न पहलों के माध्यम से नए उद्यमियों का समर्थन करने के लिए भारत सरकार के फैसले के बारे में बात की। एसवीपी और ग्लोबल हेड, वीवॉर्क्स लैब्स के रोई एडलर ने अपने न्यू लव बॉलीवुड के साथ लोगों को रूबरू कराया। उन्होंने भारत की अपनी पहली यात्रा के लिए योजना बनाने से पहले अपने कई भारतीय मित्रों से 100 दिनों की योजना बनाने के बारे में पूछा। उन्होंने पूछा कि इन 100 दिनों में उन्हें क्या करना चाहिए है और किसकी उम्मीद करनी चाहिए।

विकास के लिए प्रयास कर रही हर दूसरी कंपनी के विपरीत, एक ऐसी कंपनी है जिसने वास्तव में अपने स्वयं के खत्म होने की भविष्यवाणी की है। दरअसल अक्षय पात्र फाउंडेशन के सीईओ श्रीधर वेंकट को यकीन है कि वे अगले पांच सालों में अप्रचलित हो जाएंगे। क्यूं होंगे? क्योंकि भारत में कोई भूखा बच्चा नहीं बचेगा - ऐसी वे उम्मीद करते हैं, क्योंकि जिस दर पर अक्षय पात्र मिड-डे मील के माध्यम से 1.5 मिलियन बच्चों के सपनों को पंख दे रहा है वह काफी बड़ा कदम है। ऐसे देश में जहां बच्चे लगातार अपना भोजन अर्जित करने के लिए स्कूल छोड़ रहे हैं, फाउंडेशन ने दो बड़ी समस्याओं को एक समाधान के साथ जोड़ दिया है।

नया भारत कौन बनाएगा? नभंगन फाउंडेशन की संस्थापक, अभिनेता और कार्यकर्ता राजश्री देशपांडे, टेक फॉर इंडिया के संस्थापक और सीईओ शहीन मिस्त्री और फिलान्थ्रोपी स्ट्रेटजी एडवाइजर अनुजा मास्टर बोस ने हमें बताया कि बड़े शहरों में हर जरूरी बदलाव नहीं हो रहा है। हालांकि सोशल स्टार्टअप जमीनी स्तर से आगे बढ़ रहे हैं जिससे विभिन्न समुदायों में तेजी से सकारात्मक बदलाव जरूर आया है।

बातचीत जिसने लूटी महफिल

योरस्टोरी की श्रद्धा शर्मा के साथ बातचीत में, दक्षिण एशिया के लिए डेंट्सू एगेस के प्रमुख आशीष भसीन ने सफलता के मार्ग के बारे में बात की। फ्यूचर ग्रुप के संस्थापक और सीईओ किशोर बियाणी ने अपने सेंस ऑफ ह्यूमर से लोगों को खूब हंसाया। श्रद्धा के साथ एक फायरसाइड चैट में, किशोर ने अपने अच्छे पुराने दिनों के बारे में बात की और बताया कि उस समय फंड जुटाने के बारे में कोई अधिक नहीं सोचता था। जब उनसे पूछा गया कि अगर उन्हें होना पड़े तो वह किस स्टार्टअप में शामिल होंगे? भीड़ की गड़गड़ाती तालियों के बीच उन्होंने जवाब दिया, "कोई ऐसा स्टार्टअप जो मुझे सालाना 30 मिलियन डॉलर का भुगतान करेगा।" ईवेंट के दौरान नेचुरल्स सैलून के सीईओ और सह-संस्थापक सी के कुमारवेल ने अपने पिता के इनोवेशन 'शैम्पू सचेत' को याद किया जिसे इंडिया टुडे की टॉप 50 रेवूलेशन्स की सूची में आठवें स्थान पर रखा गया था। जिसने आजादी के बाद भारत को बदल दिया। नैचुरल्स सैलून और स्पा के सीईओ और सह-संस्थापक सी के कुमारवेल कहते हैं, "उद्यमी नए युग के स्वतंत्रता सेनानी हैं।"

ईवेंट के दौरान लगे दर्जनों स्टाल्स उनके खुद के इनोवेशन और कहानियों को बयां कर रहे थे। इसके अलावा फ्रेशमेनू ने 400 से अधिक लोगों को सैंडविच, पिटा पॉकेट और ग्रूट कुकीज सर्व किया तो वहीं सैगियोस इन्फो सिस्टम ने कम से कम 100 लोगों को बौद्धिक संपदा की रक्षा करने और पेटेंट प्राप्त करने के बारे में सलाह दी। ईवेंट के दौरान बाइक रेंटल स्टार्टअप ने लोगों को अपनी ओर ज्यादा आकर्षित किया। इस स्टार्टअप ने 50 प्रतिशत डिसकाउंट कूपन जो दे रखा था! एफएबी गेटवे ने भी एक साफ-सुथरा छोटा हैम्पर लगाया हुआ था जिसमें स्टेशनरी, एक प्यारा कॉफी मग, एक सामान टैग, डिस्काउंट वाउचर और उनकी सेवाओं की एक विशेष बुकलेट शामिल थी।

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