क्राउड फंडिंग से बना राजस्थान के मंगनियार संगीतकार मामे ख़ान का पहला एलबम
पीटीआई
राजस्थान के पारंपरिक मंगनियार समुदाय के लोक संगीत गायक और संगीतकार मामे खान ने अपना पहला एलबम जारी किया है जो ना केवल संगीत के लिहाज से विशिष्ट है बल्कि इसलिए भी अलग है क्योंकि इसका निर्माण क्राउड फंडिंग :सामूहिक वित्त पोषण: से हुआ है।
मंगनियार समुदाय के कलाकार कई पीढ़ियों से राजाओं के लिए अपनी कला का प्रदर्शन करते रहे हैं। इसके बदले में उनके शाही संरक्षक उन्हें तोहफे में मवेशी, उंट, बकरियां या नकद राशि देते थे।
खान के अनुसार क्राउडफंडिंग की संकल्पना सदियों पुरानी है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मंगनियार होने के कारण बता सकता हूं कि हमारा समुदाय पूर्व में राजाओं और बादशाहों के लिए गाता था, प्रस्तुति देता था। हमें बदले में सोना, चांदी, घोड़े और हाथी इनाम में मिलते थे।’’ खान ने कहा कि क्राउडफंडिंग का उद्देश्य लोगों का समर्थन हासिल करना और उन्हें संगीतनिर्माण की प्रक्रिया में शामिल करना था जोकि लोक संगीत की एक अहम विशेषता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने इंटरनेट और दूसरे माध्यमों से पैसा जुटाना शुरू किया और मुझे लोगों से इतनी मदद मिलने की खुशी है, मैं खुशकिस्मत हूं कि वे सच में लोकसंगीत में विश्वास रखते हैं और हमने जो लक्ष्य रखा था हमें उससे 30 प्रतिशत अधिक मिला और वह भी करीब 20 दिनों में ही।’’ यहां जारी किए गए ‘मामे खान्स डेजर्ट सेशंस’ एलबम में राजस्थानी लोकसंगीत से सजे सात गाने हैं जिनमें से कुछ गानों में सूफी संगीत की भी छाप है।