समुद्री रास्ते से दुनिया घूमने निकलीं 6 महिला नेवी ऑफिसर्स पहुंची ऑस्ट्रेलिया
महिला नेवी अॉफिसर्स का यह साहसिक दल मौसम विज्ञान, समुद्र और लहरों के बारे में नियमित रूप से आंकड़े एकत्रित करेगा और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग को उपलब्ध करवायेगा नई जानकारी...
नौसेना की महिला टीम दुनिया का चक्कर लगाने के अभियान पर इसी पोत से निकली हैं। इस पोत को भारतीय नौसेना में इस साल फरवरी में शामिल किया गया था, जो आईएनएसवी महादेवी श्रेणी का है।
स्वदेश में निर्मित आईएनएसवी तरिणी 55 फीट का नौकायन पोत है, जिसे इस वर्ष की शुरूआत में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। इससे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर 'मेक इन इंडिया' पहल को दर्शाया जा रहा है।
यह साहसिक दल मौसम विज्ञान, समुद्र और लहरों के बारे में नियमित रूप से आंकड़े एकत्रित करेगा और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) को नई जानकारी भी उपलब्ध कराएगा, ताकि विभाग मौसम के पूर्वानुमान की सही जानकारी प्रदान कर सके।
समुद्र के रास्ते से एक पोत के सहारे दुनिया घूमने निकलीं 6 महिला नेवी ऑफिसर्स ऑस्ट्रेलिया पहुंच चुकी हैं। INSV तारिणी शिप पर सवार महिला क्रू दुनिया के कई सागरों को पार करते हुए 6 महीने बाद भारत लौटेगी। ये दुनिया का पहला शिप है, जिसकी सभी क्रू मेंबर महिलाएं हैं। आईएनएसवी तरिणी अपनी विश्व भ्रमण की पहली यात्रा के दौरान आज फ्रीमेंटल (ऑस्ट्रेलिया) बंदरगाह पहुंची। भारतीय महिलाओं के इस दल की विश्व भ्रमण की यह पहली यात्रा है। पोत की कैप्टन लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी है और इसके चालक दल में लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवल, पी. स्वाति और लेफ्टिनेंट एस विजया देवी, वी.एश्वर्या तथा पायल गुप्ता शामिल हैं।
नौसेना की महिला टीम दुनिया का चक्कर लगाने के अभियान पर इसी पोत से निकली हैं। इस पोत को भारतीय नौसेना में इस साल फरवरी में शामिल किया गया था, जो आईएनएसवी महादेवी श्रेणी का है। तारिणी ने भारतीय महिलाओं की ओर से सागर नौकायन के क्षेत्र में नया अध्याय शुरू कर दिया है। अगस्त 2017 में भारतीय नौसेना की पहली महिला टीम दुनिया का चक्कर लगाने के अभियान पर निकली हैं। तारिणी का उद्देश्य आगामी वर्षों में युवा नौसैनिकों में साहस तथा सौहार्द्र को बढ़ावा देना है।
माननीय रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 10 सितंबर, 2017 को गोवा से आईएनएसवी तरिणी को रवाना किया था। पोत ने गोवा से 4800 नॉटिकल मील का रास्ता तय कर 25 सितम्बर, 2017 को भूमध्य रेखा और 6 अक्टूबर, 2017 को मकर रेखा को पार कर लिया था। स्वदेश में निर्मित आईएनएसवी तरिणी 55 फीट का नौकायन पोत है, जिसे इस वर्ष की शुरूआत में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। इससे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर 'मेक इन इंडिया' पहल को दर्शाया जा रहा है।
आईएनएसवी तारिणी 55 फुट लंबा है तथा भारतीय नौसेना की 'मेक इन इंडिया' पहल की तर्ज पर गोवा के दिवार में एक्वेरियस शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड में बना है। नविका सागर परिक्रमा नाम का यह अभियान महिलाओं की अंतर्निहित ताकत के जरिए उनके सशक्तिकरण की राष्ट्रीय नीति के अनुरूप है। इसका उद्देश्य विश्व मंच पर नारी शक्ति को प्रदर्शित करना और चुनौतीपूर्ण वातावरण में उनकी सहभागिता बढ़ाकर देश में महिलाओं के प्रति सामाजिक व्यवहार तथा मानसिकता में क्रांतिकारी बदलाव लाना है।
इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू 2016 के दौरान नौसेना की महिला टीम आईएनएस महादेवी गोवा से विशाखापट्टनम तक का सफर पहले ही तय कर चुकी हैं, जिसके बाद वे मॉरिशस गईं और फिर वहां से लौटीं. इसके बाद, वे दिसंबर 2016 में नौकायन पोत लेकर केपटाउन भी गईं।
यह पोत अपनी यात्रा समाप्त कर अप्रैल, 2018 में गोवा लौटेगा। यह अभियान पांच चरणों में पूरा होगा। इस दौरान यह चार बंदरगाहों- फ्रीमैन्टल (आस्ट्रेलिया), लिटिलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टेंली (फॉकलैंड) और कैपटाउन (दक्षिण अफ्रीका) पर रूकेगा। यह साहसिक दल मौसम विज्ञान, समुद्र और लहरों के बारे में नियमित रूप से आंकड़े एकत्रित करेगा और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) को नई जानकारी भी उपलब्ध कराएगा, ताकि विभाग मौसम के पूर्वानुमान की सही जानकारी प्रदान कर सके। यह समुद्री प्रदूषण की भी जांच करेगा। समुद्री यात्रा और साहसिक भावना को बढ़ावा देने के लिए अपने प्रवास के दौरान यह दल स्थानीय लोगों विशेष रूप से बच्चों के साथ व्यापक बातचीत करेगा।
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