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अब दुकान पर जाने की जरूरत नहीं, घर बैठे मिलेंगी एनसीईआरटी की किताबें

अब दुकान पर जाने की जरूरत नहीं, घर बैठे मिलेंगी एनसीईआरटी की किताबें

Sunday September 03, 2017 , 3 min Read

अभी तक सभी प्राइवेट स्कूल NCERT की की किताबों की कमी का हवाला देकर प्राइवेट पब्लिशर्स की महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर करते थे। 

एनसीईआरटी की किताबें

एनसीईआरटी की किताबें


इसके अलावा एनसीईआरटी की इन किताबों को अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिये भी छात्रों को उपलब्ध कराने की तैयारी है। 

देश भर में लगभग 6500 स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं। इनमें से लगभग 2000 स्कूल निजी क्षेत्र के हैं। 

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने देशभर में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए किताबों की कमी दूर करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत की है। इसके माध्यम से कोई भी स्टूडेंट या स्कूल एनसीईआरटी की किसी भी किताब का ऑर्डर दे सकते हैं। 2018-19 सत्र के लिए पुस्तकों की खरीद का आदेश 8 सितंबर तक दिया जा सकता है। इसके लिए संस्थान की वेबसाइट www.ncertbooks.ncert.gov.in पर लॉग इन करना होगा।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एनसीईआरटी की किताबों को देश भर में सही सही तरीके से डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए ऑनलाइन सुविधा शुरू की गई है। अधिकारी के मुताबिक यह अभिभावकों और विद्यार्थियों की पुस्तक के अनुपलब्धता संबंधी डर को भी दूर करेगा। स्कूल अपने बोर्ड से संबद्धता संख्या और अन्य विवरणों के साथ एनसीईआरटी वेबसाइट पर किताबों के ऑर्डर के लिए दिए गए लिंक पर सत्र 2018-19 के लिए पुस्तकों का आदेश 8 सितंबर तक दे सकते हैं। आदेश देते समय किसी तरह के पेमेंट की जरूरत नहीं होगी।

हालांकि स्कूलों के पास यह ऑप्शन रहेगा कि वे एनसीईआरटी के नजदीकी रीटेलर या अहमदाबाद, कोलकाता, गुवाहाटी और बेंगलुरु में स्थित रीजनल प्रॉडक्ट ऐंड डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर(आरपीडीसी) से ये सभी किताबें सीधे ले सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि जल्द ही कोई भी वेबसाइट पर लॉग इन करके ऑर्डर कर सकेगा। सभी किताबें उनके घरों तक नाम मात्र के डाक शुल्क पर पहुंचा दी जाएंगी। इससे फुटकर दुकानदारों की बिक्री पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला क्योंकि उनकी बिक्री पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी CBSE ने 19,000 से ज्यादा संबद्ध स्कूलों को कहा है कि वह एनसीईआरटी पोर्टल का उपयोग किताबों के ऑर्डर देने के लिए करें ताकि परिषद समय पर किताबों की उपलब्धता सुनिश्चित कर सके। अभी तक सभी प्राइवेट स्कूल NCERT की की किताबों की कमी का हवाला देकर प्राइवेट पब्लिशर्स की महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर करते थे। इससे छात्रों के पास निजी प्रकाशकों की मंहगी किताबें खरीदने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता था। एनसीईआरटी के अधिकारियों ने कहा कि अगर स्कूल वक्त पर ऑर्डर दे देते हैं तो उनकी सप्लाई सुनिश्चित की जा सकती है।

इसके अलावा एनसीईआरटी की इन किताबों को अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिये भी छात्रों को उपलब्ध कराने की तैयारी है। अभी एनसीईआरटी हाईस्कूल और इंटर की कक्षाओं के लिए विभिन्न विषयों की लगभग 13 करोड़ किताबेंहर साल प्रिंट कराता है। एनसीईआरटी की किताबें सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में सबसे अधिक पढ़ाई जाती हैं। इस समय देश भर में लगभग 6500 स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं। इनमें से लगभग 2000 स्कूल निजी क्षेत्र के हैं। सेंट्रल स्कूल, नवोदय विद्यालय, में एनसीईआरटी की ही किताबों का पाठ्यक्रम होता है।

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