95 फीसदी भारतीय Whatsapp पर स्पैम मैसेजेज से परेशान, कैसे पाएं छुटकारा?
स्पैम और प्रमोशनल मैसेजेज का यह कहर अब सोशल मैसेजिंग ऐप्स तक पहुंच गया है. अब इसी तरह के स्पैम मैसेजेज दुनिया के सबसे लोकप्रिय इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म WhatsApp पर भी आने लगे हैं.
हमारे SMS बॉक्स कौन बनेगा करोड़पति में सीधे एंट्री, लाखों की लॉटरी लगने, देश-विदेश का टूर पैकेज जीतने, सरकारी और प्राइवेट कंपनियों में नौकरी लगने, घर बैठकर रोजाना हजारों की कमाई करने वाले स्पैम मैसेजेज से भरे रहते हैं. इसके साथ ही रियल एस्टेट, हेल्थकेयर, फाइनेंशियल सर्विसेज, क्रेडिट कार्ड आदि प्रमोशनल मैसेजेज भी बड़ी संख्या में आते हैं.
लेकिन, स्पैम और प्रमोशनल मैसेजेज का यह कहर अब सोशल मैसेजिंग ऐप्स तक पहुंच गया है. अब इसी तरह के स्पैम मैसेजेज दुनिया के सबसे लोकप्रिय इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म
पर भी आने लगे हैं.सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोकलसर्कल्स LocalCircles ने अपने हालिया सर्वे में दावा किया है कि 95 फीसदी भारतीयों ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें Whatsapp पर स्पैम या प्रमोशनल मैसेजेज आते हैं.
373 शहरों के 57 हजार लोगों ने दिया जवाब
LocalCircles ने देश के 373 शहरों में रहने वाले 57 हजार लोगों का सर्वे किया है. इसमें भाग लेने वाले 62 फीसदी पुरुष और 38 फीसदी महिलाएं हैं. 45 फीसदी लोग टियर-1, 32 फीसदी टियर-2 और 23 फीसदी टियर-3, टियर-4 और ग्रामीण इलाकों से आते हैं.
इस सर्व में दिखाया गया है कि हर दो में एक भारतीय को Whatsapp पर रोजाना चार या उससे अधिक प्रमोशनल मैसेजेज आते हैं. 22 फीसदी लोगों या हर पांच में एक ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें रोजाना ऐसे 8 या उससे अधिक मैसेज आते हैं. Whatsapp पर प्राप्त प्रमोशनल मैसेजेज की सबसे अधिक संख्या रियल एस्टेट, वित्तीय सेवाओं को बेचने और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के बारे में थीं.
ब्लॉक और रिपोर्ट करने का भी कोई असर नहीं
सोशल मीडिया साइट्स के लिए DND जैसी सेवा उपलब्ध नहीं होने के कारण इन मैसेजों को भेजने वाले नंबरों को ब्लॉक और रिपोर्ट करने के अलावा कोई रास्ता नहीं रह जाता है. हालांकि, ये तरीके भी उतने कारगर साबित नहीं हो पा रहे हैं.
सर्वे में कहा गया है कि 51 फीसदी लोगों इस बात की पुष्टि की है कि स्पैम को रिपोर्ट करने या नंबरों को ब्लॉक करने के बाद भी उनके Whatsapp पर 4 या उससे अधिक प्रमोशनल या स्पैम मैसेजेज आते हैं.
100 फीसदी लोगों के पास आते हैं स्पैम या प्रमोशनल SMS
सरकार द्वारा डू-नॉट-डिस्टर्ब (DND) सेवा लाने के बाद SMS के माध्यम से आने वाले स्पैम या प्रमोशनल मैसेजेज पर काफी हद तक लगाम लग चुका है. लेकिन अभी भी लोगों के पास इस तरह के मैसेजेज किसी न किसी तरह से आते रहते हैं.
सर्वे के अनुसार, सभी 100 फीसदी लोगों ने इस बात का खुलासा किया है, उन्हें SMS के माध्यम से रोजाना स्पैम और प्रमोशनल मैसेजेज आते हैं. सर्वे में कहा गया है कि SMS मैसेजेज को सरकार या किसी अन्य अधिकृत सोर्स से कम्यूनिकेशन नहीं मानना चाहिए और यह नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग है.
फेसबुक डेटा का हो रहा दुरुपयोग
साल 2021 में, Whatsapp ने अपने यूजर्स के लिए Whatsapp बिजनेस से मैसेज प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया. सर्वे में कहा गया कि यूजर्स ने शुरू में इसका विरोध किया और Signal और Telegram जैसे वैकल्पिक प्लेटफार्मों का उपयोग करना शुरू कर दिया, लेकिन समय के साथ अधिकांश ने Whatsapp की रिवाइज्ड शर्तों को स्वीकार कर लिया. ये मैसेजेज Whatsapp के उपयोग और फेसबुक के डेटा पर आधारित थे.
मार्क स्पैम विकल्प एम्बेड करने की मांग
स्पैम मैसेजेज की समस्या के समाधान के लिए, 77 प्रतिशत लोगों ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को मैसेजेज में "मार्क स्पैम" विकल्प एम्बेड करने के लिए काम करना चाहिए ताकि यूजर्स के लिए रिपोर्ट करना आसान हो सके.
सरकार की ओर से कार्रवाई की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं
पिछले कुछ महीनों में मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि दूरसंचार विभाग (DoT) ने 0-10 उल्लंघनों के लिए 1,000 रुपये, 10-50 उल्लंघनों के लिए प्रत्येक पर 5,000 रुपये और पंजीकृत टेलीमार्केटरों द्वारा 50 से अधिक उल्लंघन के लिए 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाने का फैसला किया है. हालांकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन नहीं जारी किया गया है.
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