दुनिया भर में लोगों का दिल जीत लेने वाली भारतीय फिल्में
वो भारतीय फिल्में जिन्होंने पूरी दुनिया में धूम मचाई...
दुनिया में भारत को सबसे बड़े और उत्कृष्ट फिल्मों के निर्माता वाले देश के तौर पर देखा जाता है। हर साल बॉलीवुड की कुछ अच्छी और बुरी फिल्में देखने को मिलती हैं। इसमें से कुछ फिल्मों की सिर्फ भारत में नहीं बल्कि दुनिया में भी भरपूर सराहना होती है।
भारत में बनी कई फिल्मों की वास्तव में कभी कोई प्रशंसा हुई ही नहीं। लेकिन ये दस फिल्में ऐसी हैं, जिनका एक्सपोजर ही उनकी सफलता की मुख्य कारण बना। इन फिल्मों ने ना सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया बर में धूम मचाई।
यह तर्क दिया गया है एक्सपोजर की कमी के कारण भारतीय फिल्मों को वो मान्यता नहीं मिल पाती जो उन्हें मिलनी चाहिए।
दुनिया में भारत को सबसे बड़े और उत्कृष्ट फिल्मों के निर्माता वाले देश के तौर पर देखा जाता है। हर साल बॉलीवुड की कुछ अच्छी और बुरी फिल्में देखने को मिलती हैं। इसमें से कुछ फिल्मों की सिर्फ भारत में नहीं बल्कि दुनिया में भी भरपूर सराहना होती है। इन फिल्मों के जरिये भारतीय सिनेमा को क्लासिक बनने के लिए समय की कसौटी पर खरा उतरना होता है। हाल में आई फिल्मों के गहरे असर को अभी तक नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यह तर्क दिया गया है एक्सपोजर की कमी के कारण भारतीय फिल्मों को वो मान्यता नहीं मिल पाती जो उन्हें मिलनी चाहिए। कई बार भारत में बनी कई फिल्मों की वास्तव में कभी कोई प्रशंसा हुई ही नहीं।
लेकिन ये दस फिल्में ऐसी हैं, जिनका एक्सपोजर ही उनकी सफलता की मुख्य कारण बना। इन फिल्मों ने ना सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया में धूम मचाई।
नायकन
इस फिल्म को टाइम मैग्जीन ने 100 बेहतरीन फिल्मों में शुमार किया। ये फिल्म 'गॉड फादर' से प्रेरित थी। इस फिल्म के मूल आधार को लेकर मणिरतनम ने स्क्रीन पर एक जादुई फिल्म बनाई। रियल लाइफ की कुछ ऐसी घटनाओं को इस फिल्म में उतारा गया जो इसे वास्तविकता के बेहद करीब पहुंचा रही थी। इस फिल्म में कमल हासन ने एक जबरदस्त डॉन की भूमिका निभाई थी जो उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक है। इस फिल्म ने कई विदेशी फिल्म आलोचकों को भी तारीफ बटोरी। यह फिल्म भारतीय सिनेमा के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई।
अपूर संसार
सत्यजीत रे भारतीय फिल्मों के लिए भगवान रहे हैं। उनके करियर की बेहतरीन आकर्षण में से एक रही है अपूर रचना। अपूर संसार इसका फाइनल पार्ट है। सत्यजीत रे ने सफलतापूर्वक अपनी सभी महान रचनाओं को इस फिल्म में समेटने में कामयाब रहे हैं। यह फिल्म एक नौजवान अपु पर केन्द्रित है। जो उसके जिन्दगी के उतार चढ़ाव और कष्टों को दिखाता है। पूरी फिल्म कला की नैसर्गिकता को दिखाती है। चाहे वो डायरेक्शन की बात हो या एक्टिंग की। इस फिल्म ने कई पुरस्कार भी जीते और आज भी निर्देशकों को प्रभावित करती है।
पाथेर पांचाली
पाथेर पांचाली को अब तक सबसे बेहतरीन फिल्म माना जाता है। सत्यजीत रे की इस फिल्म की तारीफ करने के लिए पूरी दुनिया मजबूर हो गई। इसने भारतीय सिनेमा के एक अनोखे आयाम को प्रदर्शित किया। इस फिल्म में जिस तरह से वास्तविकता को दर्शाया गया वही इसकी सफलता का कारण बना। अदाकारों की अदा, उन्हें रियल जिन्दगी में उतार देना, और इसकी सत्यता ने इसे भारतीय सिनेमा का मील का पत्थर बना दिया जो आज भी कई फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों को प्रोत्साहित करती है।
मदर इंडिया
दुनिया भर में इस फिल्म ने सफलता का डंका बजाया। अपने जमाने की यह सबसे महंगी फिल्म बनी थी जो कामयाब रही। राष्ट्रवाद और राष्ट्रभक्ति की प्रबल भावना इस फिल्म निर्माण और सफलता के महत्वपूर्ण कारण रहे। क्या भारत और विशेष कर बॉलीवुड अच्छी फिल्में बनाने में सक्षम है, ये फिल्म इस प्रश्न का सटीक जवाब है। सालों तक इस फिल्म का प्रभाव बढ़ता रहा और ये फिल्म प्रतिष्ठित फिल्मों के बीच एक विरासत फिल्म बन गई।
लगान
भारत में बनी ऑस्कर नॉमिनेटेड यह अब तक की आखिरी फिल्म थी। इस फिल्म में बॉलीवुड ने नाच और गाने को के बेहतरीन तालमेल को दर्शाया था। इसकी कहानी किसी को भी आसानी से समझ में आने वाली और तारीफ करने लायक थी। दुनियाभर में कई फिल्म समारोहों में इसे ख्याति मिली। फिल्म लम्बी होने के बाद भी रोचक थी। और कहीं भी इसकी कहानी ढीली नहीं पड़ी। इसमें रोमांस, कॉमेडी और इससे भी ऊपर वीरता की बौछार देखने को मिली। फिल्म की कहानी में ऐसे लोगों को दिखाया जिनकी जिन्दगी क्रिकेट मैच पर टिकी थी। यह दर्शकों की कल्पना की उड़ान को थामे रखने और एक यादगार अनुभव संजोने के लिए मजबूर करती है।
सलाम बॉम्बे
इसमें कोई शक नहीं है कि यह मीरा नायर की सर्वश्रेष्ठ फिल्म थी। किसी नए किरदार को फिल्म में लेने का उनका फैसला काफी फायदेमंद साबित हुआऔर फिल्म को यथार्थ के नजदीक ले गया। उन्होंने अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी का प्रभावशाली चित्रण किया जिससे ये फिल्म परिपक्वता और वास्तविकता के साथ कठिन विषयों की पड़ताल करती है और गहरी छाप छोड़ती है। इस फिल्म के यथार्थ की खूब तारीफ हुई। इसे कान्स फिल्म समारोह में कई पुरस्कारों से नवाजा गया।
प्यासा
भारत के सर्वश्रेष्ठ निर्देशकों में से एक गुरू दत्त की इस फिल्म ने रिलीज होने के बाद कोई खास कमाल नहीं दिखा पाई। लेकिन साल दर साल बीतने के बाद इस फिल्म का बहुत गहरा असर हुआ। इसे अब तक की बेहतरीन और रोमांटिक फिल्मों में आज भी शुमार किया जाता है। इस फिल्म के इसी अंदाज ने कई लोगों का दिल जीत लिया। इसकी कहानी आज भी पुरानी नहीं लगती और ऐसा लगता है जैसी कोई आज की बनी फिल्म देख रहा हो। इस फिल्म की महज कहानी ही दमदार नहीं थी, बल्कि इसके गाने भी आज तक लोग भुला नहीं पाये हैं।
गैंग्स ऑफ वासेपुर
अनुराग कश्यप निर्देशित यह फिल्म 21वीं सदी की बेहतरीन फिल्मों में से एक है जिसमें मार-धाड़ है, हिंसा है और मनोरंजन भी है। इस फिल्म के कैरेक्टर आज भी यादों मे बेहद ताजा हैं। पूरी फिल्म में ब्लैक कॉमेडी ही इसकी सबसे प्रभावशाली हिस्सा है। इसने दुनियाभर के फिल्म समारोहों में खूब तारीफ बटोरी और दर्शकों की कल्नाओं पर राज करने लगा। ये फिल्म उत्साह और ऊर्जा से भरी बेहतरीन डायरेक्शन का भी नमूना है। बहुत कम लोग जानते हैं कि यह फिल्म सच्ची घटना पर बनी फिल्म है।
'द लंचबॉक्स'
पहली बार डायरेक्शन कर रहे रितेश बत्रा ने इस फिल्म से सबका दिल जीत लिया। फिल्म की अपील ही इसकी सफलता की कुंजी है। इस फिल्म की प्रेम कहानी ने दुनियाभर के लोगों को प्रभावित किया, इस फिल्म को मिले ढेर सारे अवॉर्ड इस बात की गवाही देते हैं। जब भारत की ओर से इस फिल्म को ऑस्कर के लिए नहीं भेजा गया तो खूब हंगामा हुआ था। जो इस फिल्म के प्रति लोगों की दीवानगी बताने के लिए काफी है।
मानसून वेडिंग
मीरा नायर द्वारा निर्देशित इस फिल्म में भारतीय शादियों में दिखने वाले ऊर्जा, तनाव और उत्सुकता को एक साथ दिखाया गया है। आधुनिक भारत के एक यथार्थवादी चित्रण के लिए इस फिल्म ने आलोचकों और बॉक्स ऑफिस दोनों जगहों पर छाप छोड़ी। फिल्म ने वेनिस फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लॉयन अवॉर्ड भी जीता। यह अब तक की दूसरी भारतीय फिल्म है जिसे यह अवॉर्ड मिला। मिलती जुलती कहानियों को इकट्ठा करके बनाई गई ये फिल्म लोगों को बेहद पसंद आती है। ढेर सारे कलाकारों को एक साथ लाना कोई आसान काम नहीं था। कैसे साधारण तरीके से एक बेहतरीन फिल्म बनाई जा सकती है, उसकी झलक इसी फिल्म में दिखती है।
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