क्या कर्ज नहीं चुका पा रहा अडानी ग्रुप? जानिए मीडिया रिपोर्ट्स पर कंपनी ने क्या कहा
मंगलवार को इकॉनमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में अज्ञात सोर्सेज के हवाले से कहा कि कंपनी 3.3 खरब रुपये (4 अरब डॉलर) के कर्ज के नियम और शर्तों पर दोबारा से मोलभाव कर रही है.
अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट आने के बाद से विवादों में घिरे अडानी ग्रुप
ने मीडिया में आई उन खबरों को सिरे खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि ग्रुप अब कर्ज चुका पाने की स्थिति में नहीं है और कर्ज चुकाने के लिए शेयरों की बिकवाली कर रहा है.मंगलवार को इकॉनमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में अज्ञात सोर्सेज के हवाले से कहा कि कंपनी 3.3 खरब रुपये (4 अरब डॉलर) के कर्ज के नियम और शर्तों पर दोबारा से मोलभाव कर रही है.
मंगलवार को अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयरों में 7 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई जबकि ग्रुप की बाकी कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. इस गिरावट के लिए द केन की एक रिपोर्ट को जिम्मेदार माना गया. द केन ने अपनी रिपोर्ट में शेयरों के बदले लिए गए 1.76 खरब रुपये (2.15 अरब डॉलर) के कर्ज को चुका पाने में ग्रुप की क्षमता पर चिंता जताई थी.
इकॉनमिक टाइम्स ने कहा कि नियामक फाइलिंग से पता चला है कि बैंकों ने अभी तक अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी के शेयरों का एक बड़ा हिस्सा जारी नहीं किया है.
अडानी ग्रुप ने एक अलग बयान में मंगलवार को बिजनेस न्यूज वेबसाइट की खबर को निराधार आशंका बताते हुए पूरी तरह से खारिज कर दिया.
बाद में कंपनी ने द केन की रिपोर्ट पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. कंपनी ने कहा कि इसने 1.76 खरब रुपये की शेयर-समर्थित फंडिंग का भुगतान किया था और उसके बदले में गिरवी रखे गए शेयरों को जारी कर दिया गया था.
इससे पहले अडानी के प्रवक्ता जुगशिंदर सिंग ने एक ट्वीट कर कहा था कि रिपोर्ट जानबूझकर जारी किया गया एक गलत बयान था.
ये दोनों रिपोर्ट एक ऐसे समय में सामने आई है जबकि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आने के बाद बाजार में संकट का सामना कर रहा अडानी ग्रुप उससे उबरने की कोशिश में लगा हुआ है.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में क्या है?
इकोनॉमिक टाइम्स ने कहा कि अडानी समूह ने 3 अरब डॉलर के ब्रिज लोन की अवधि को मौजूदा 18 महीनों से पांच साल या उससे आगे तक बढ़ाने के लिए ऋणदाताओं के साथ बातचीत शुरू की थी. रिपोर्ट के अनुसार, समूह एक और 1 अरब डॉलर के मेजेनाइन ऋण की परिपक्वता बढ़ाने की मांग कर रहा है.
द केन की रिपोर्ट में क्या है?
इस बीच, केन की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक्सचेंज फाइलिंग से पता चलता है कि बैंकों ने सिक्योरिटी के रूप में रखे गए प्रमोटरों के शेयरों का एक बड़ा हिस्सा जारी नहीं किया है, यह दर्शाता है कि कर्ज पूरी तरह से चुकाया नहीं गया है.
Edited by Vishal Jaiswal