टेलीकॉम स्पेक्ट्रम दौड़ में अब गौतम अडानी भी; Jio, Airtel, Vi से होगा मुकाबला
पांचवीं पीढ़ी या 5जी दूरसंचार सेवाओं जैसे अत्यधिक उच्च गति वाला इंटरनेट संपर्क प्रदान करने में सक्षम इन एयरवेव की नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन शुक्रवार को कम से कम चार आवेदकों के साथ बंद हुए.
अरबपति कारोबारी गौतम अडाणी का समूह अप्रत्याशित रूप से दूरसंचार स्पेक्ट्रम हासिल करने की दौड़ में शामिल होने की योजना बना रहा है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
ऐसी स्थिति में अडाणी समूह का मुकाबला सीधे मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो और दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज सुनील भारती मित्तल की एयरटेल से होगा.
पांचवीं पीढ़ी या 5जी दूरसंचार सेवाओं जैसे अत्यधिक उच्च गति वाला इंटरनेट संपर्क प्रदान करने में सक्षम इन एयरवेव की नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन शुक्रवार को कम से कम चार आवेदकों के साथ बंद हुए.
ये नीलामी 26 जुलाई को होनी है. मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार क्षेत्र की तीन निजी कंपनियों - जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने आवेदन किया है.
सूत्रों में से एक ने कहा कि चौथा आवेदक अडाणी समूह है. समूह ने हाल ही में राष्ट्रीय लंबी दूरी (एनएलडी) और अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी (आईएलडी) के लिए लाइसेंस हासिल किया था. लेकिन, स्वतंत्र रूप से इस दावे की पुष्टि नहीं हो सकी है.
इस संबंध में अडाणी समूह को भेजे गए ईमेल और फोन कॉल का कोई जवाब नहीं मिला.
नीलामी की समय सीमा के अनुसार आवेदकों के स्वामित्व का विवरण 12 जुलाई को प्रकाशित किया जाएगा. दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई, 2022 से शुरू हो रही है.
चारों कंपनियों को पहले 12 जुलाई तक मालिकाना हक का ब्योरा देना होगा और बाद में बिडर-स्वामित्व अनुपालन प्रमाणपत्र देना होगा. उसके बाद बिडर की योग्यता की जांच की जाएगी.
कंपनियों के पास 19 जुलाई तक नीलामी आवेदन वापस लेने का अधिकार होगा और अगले दिन बोली लगाने वालों की घोषणा की जाएगी.
इस दौरान कम से कम 4.3 लाख करोड़ रुपये के कुल 72,097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की पेशकश की जाएगी.
अंबानी और अडाणी, दोनों गुजरात के रहने वाले हैं और उन्होंने बड़े कारोबारी समूह बनाए हैं. हालांकि, अभी तक दोनों का किसी व्यवसाय में सीधा आमना-सामना नहीं हुआ था.
अंबानी का कारोबार तेल और पेट्रोकेमिकल से दूरसंचार और खुदरा क्षेत्र तक फैला है, वहीं अडाणी बंदरगाह से लेकर कोयला, ऊर्जा वितरण और विमानन क्षेत्र में विस्तार किया.
हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि दोनों के हित काफी व्यापक होते जा रहे हैं, और अब उनके बीच संघर्ष के लिए मंच तैयार है.
अडाणी ने हाल के महीनों में पेट्रोकेमिकल कारोबार में प्रवेश के लिए एक सहायक कंपनी बनाई है. दूसरी ओर अंबानी ने भी ऊर्जा कारोबार में कई अरब डॉलर की योजनाओं की घोषणा की है.