Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

देश में जल संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए कोशिशें तेज, 'जल क्रांति' के लिए 1001 जल ग्राम का चयन

देश में जल संरक्षण एवं प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने, नदियों के बहाव की निगरानी करने और जल संरक्षण एवं प्रदूषण निवारण आदि के लिए सरकार ने महत्वकांक्षी ‘जल क्रांति अभियान’ नामक एकीकृत योजना को आगे बढ़ाते हुए अब तक 1001 ‘जल ग्राम’ का चयन किया है। राज्यों के सहयोग से इस अभियान को अगले दो वर्षों में तेजी से बढ़ाने का निर्णय किया गया है।

image


जल संसाधन एवं नदी विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत देश के 674 जिलों में प्रत्येक में जल की कमी वाले दो गांवों में जल का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए ‘जल ग्राम’ पहल शुरू की जा रही है। प्रत्येक जिले में जल की अत्यधिक कमी वाले दो गांव को ‘जल ग्राम’ का नाम दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि 674 जिलों में ऐसे 1348 जल ग्राम की पहचान करनी है । अब तक 1001 गांव को चुन लिया गया है।

इस सिलसिले में मंत्रालय में केंद्रीय जल आयोग एवं केंद्रीय भूजल विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया गया कि जिन राज्यों में जल ग्राम के चयन का काम धीमी रफ्तार से चल रहा है, उनमें चयन कार्य में तेजी लाई जाए ।

अधिकारी ने बताया, ‘‘ मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में इस अभियान को अगले दो वर्ष तक जारी रखने का निर्णय किया गया ।’’ जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने जून 2015 में इसकी शुरूआत तीन क्षेत्रों राजस्थान के जयपुर, उत्तरप्रदेश के झांसी और हिमाचल प्रदेश के शिमला से की थी।

जिन राज्यों में प्रत्येक जिले में दो जल ग्राम की पहचान का कार्य पूरा किया गया है उनमें गोवा, केरल, नगालैंड, आंध्रप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश शामिल है। इस पहल में पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र पीछे चल रहे हैं।

जल क्रांति अभियान की दिशा निर्देशिका में कहा गया है कि इन कार्यो के लिए जिन मौजूदा स्कीमों से व्यय को पूरा किया जायेगा उनमें प्रस्तावित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, जल निकायों की मरम्मत, नवीकरण एवु पुनरूद्धार, एकीकृत वाटर शेड मैनेजमेंट कार्यक्रम, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, सूचना, शिक्षा एवं संचार, राष्ट्रीय जल मिशन कार्यक्रम, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम, बांध पुनरूद्धार एवं सुधार परियोजना आदि शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि 2015.16 के दौरान जल संरक्षण एवं प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने के लिए सभी पक्षकारों को शामिल करते हुए एक व्यापक एवं एकीकृत दृष्टिकोण से ‘जल क्रांति अभियान’ को आगे बढ़ाया जा रहा है ताकि यह एक जन आंदोलन बन सके।

बहरहाल, जल क्रांति अभियान पर जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय की 2015.16 की दिशा निर्देशिक में कहा गया है कि प्रत्येक जल ग्राम में शुरू किये जाने वाले प्रस्तावित कार्यो के संबंध में व्यय को केंद्र और राज्य सरकारों की संबंधित मौजूदा स्कीमों से पूरा किया जायेगा। कार्य के लिए अलग से कोई परिव्यय प्रस्तावित नहीं है।

अधिकारी ने बताया कि इसके तहत स्थानीय जल पेशेवरों को जल संबंधी मुद्दों के संबंध में जन जागरूकता फैलाने तथा जल से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए उपयुक्त प्रशिक्षण देकर उन्हें ‘जल मित्र’ बनाया जायेगा।

इसके तहत संबंधित महिला पंचायत सदस्यों को ’जल नारी’ बनने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। प्रत्येक जल ग्राम में सुजलम कार्ड के रूप में ‘एक जल स्वास्थ्य कार्ड तैयार किया जायेगा जो गांव के लिए उपलब्ध पेयजल स्रोतों की गुणवत्ता के बारे में वाषिर्क सूचना प्रदान करेगा।

जल ग्राम योजना के तहत जल ग्राम का चयन इसके कार्यान्वयन के लिए गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जायेगा । प्रत्येक गांव को एक इंडेक्स वैल्यू प्रदान किया जायेगा जो जल की मांग और उपलब्धता के बीच अंतर के आधार पर तैयार होगा और सबसे अधिक इंडेक्स वैल्यू वाले गांव को जल क्रांति अभियान कार्यक्रम में शामिल किया जायेगा। मंत्रालय ने प्रत्येक जल ग्राम के लिए ब्लाक स्तरीय समितियों द्वारा ग्राम में जल के स्रोत, मात्रा एवं गुणवत्ता के उपलब्ध आंकड़ों एवं अनुमानित आवश्यकताओं के आधार पर एकीकृत विकास योजना बनाई जायेगी।

जल के उपयोग के संबंध में किसानों एवं जल प्रयोक्ता संघों समेत स्थानीय पक्षों को सुझाव देने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।

मंत्रालय ने इस संबंध में योजना तैयार करते समय स्थानी जन प्रतिनिधियों की राय भी लेने की बात कही है।

इस योजना के तहत वर्तमान एवं बंद हो चुके जल निकायों की मरम्मत, निर्माण एवं पुनरूद्धार का काम किया जायेगा। इसके तहत वष्रा जल का संचय, अपशिष्ट जल का पुनचक्रण, किसान की सक्रिय भागीदारी के लिए जन जागृति, सूक्ष्म सिंचाई, समुदाय आधारित जल निगरानी जैसे कार्य शामिल हैं।

जल क्रांति अभियान के तहत लोगों तक जानकारी पहुंचाने के लिए फेसबुक, ट्वीटर एकाउंट बनाकर इसके बारे लगातार अपडेट करने की पहल भी किये जाने की बात कही गई है।

पीटीआई