Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

कृषि सुधार 21 वीं सदी के भारत की जरूरत, किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास जारी रहेंगे: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि नए कृषि सुधारों ने देश के हर किसान को आजादी दी है कि वह किसी को भी, कहीं पर भी अपनी फसल, अपनी फल व सब्जियां, अपनी शर्तों पर बेच सकता है। अब उसे अपने क्षेत्र की मंडी के अलावा भी कई और विकल्प मिल गए हैं।

कृषि सुधार 21 वीं सदी के भारत की जरूरत, किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास जारी रहेंगे: पीएम मोदी

Tuesday September 22, 2020 , 4 min Read

नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संसद से पारित कृषि सुधारों से संबंधित विधेयकों को ऐतिहासिक करार देते हुए सोमवार को कहा कि ये सुधार 21 वीं सदी के भारत की जरूरत हैं और इससे किसानों का भविष्य उज्ज्वल होगा। उन्होंने किसानों को आवश्वस्त किया कि इससे न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और न ही कृषि मंडियां समाप्त होंगी बल्कि इससे किसानों के हितों की रक्षा होंगी।


प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बिहार में 14,258 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाली नौ राजमार्ग परियोजनाओं और राज्य के सभी 45,945 गांवों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवाओं उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि देश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनकी सरकार के प्रयास निरंतर जारी रहेंगे।


उल्लेखनीय है कि कृषि क्षेत्र से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयकों कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को रविवार को राज्यसभा ने ध्वनिमत मंजूरी दे दी। ये विधेयक लोकसभा से पहले ही पारित हो चुके हैं। इस प्रकार इन विधेयकों को संसद की मंजूरी मिल गई है, जिन्हें अब राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जायेगा और राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाने पर इन्हें अधिसूचित कर दिया जाएगा।


पीएम मोदी ने कहा, ‘‘कल देश की संसद ने किसानों को अधिकार देने वाले बहुत ही ऐतिहासिक कानूनों को पारित किया है। इसके लिए मैं देश के किसानों को और भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए आशावादी लोगों को भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं। यह सुधार 21 वी सदी के भारत की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा कि देश में अब तक उपज और बिक्री की जो व्यवस्था चली आ रही थी, जो कानून हैं, उसने किसानों के हाथ-पांव बांधे हुए थे। इन कानूनों की आड़ में देश में ऐसे ताकतवर गिरोह पैदा हुए थे, जो किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे थे।

प

सांकेतिक फोटो (साभार: shutterstock)

उन्होंने कहा, ‘‘आखिर यह कब तक चलता रहता। इसलिए इस व्यवस्था में बदलाव करना आवश्यक था। यह बदलाव हमारी सरकार ने कर के दिखाया है।’’


पीएम मोदी ने कहा कि नए कृषि सुधारों ने देश के हर किसान को आजादी दी है कि वह किसी को भी, कहीं पर भी अपनी फसल, अपनी फल व सब्जियां, अपनी शर्तों पर बेच सकता है। अब उसे अपने क्षेत्र की मंडी के अलावा भी कई और विकल्प मिल गए हैं। अब उसे अगर मंडी में ज्यादा लाभ मिलेगा तो वह मंडी में अपनी फसल बेचेगा, मंडी के अलावा कहीं और से ज्यादा लाभ मिलता है तो वहां जाकर बेचेगा।


उन्होंने कहा कि किसानों को मिली इस आजादी के कई लाभ दिखाई देने शुरू भी हो गए हैं। ऐसे प्रदेश जहां पर आलू बहुत होता है, वहां से जानकारी आ रही है कि जून-जुलाई के दौरान थोक खरीदारों ने किसानों को अधिक भाव देकर सीधे कोल्ड स्टोरेज से ही आलू खरीद लिया।


उन्होंने कहा, ‘‘मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में में जहां दालें बहुत होती हैं, इनमें पिछले साल की तुलना में 15 से 25 फीसद तक ज्यादा दाम सीधे किसानों को मिले हैं।’’


पीएम मोदी ने कहा कि अब कृषि मंडियों के भविष्य को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। ‘‘लेकिन मैं यहां स्पष्ट कर देना चाहता हूं। कृषि मंडी में पहले काम जैसे होता था, अब भी वैसे ही होगा। बल्कि यह हमारी ही एनडीए सरकार है जिसने देश की कृषि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर काम किया है।’’

कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कृषि क्षेत्र में इतने बड़े व्यवस्था परिवर्तन के बाद कुछ लोगों को अपने हाथ से नियंत्रण जाता हुआ दिखाई दे रहा है इसलिए यह लोग अब एमएसपी पर किसानों को गुमराह करने में जुटे हुए हैं। ये वही लोग हैं जो बरसों तक एमएसपी पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को अपने पैरों के नीचे दबा कर बैठे रहे।


उन्होंने कहा, ‘‘मैं देश के प्रत्येक किसान को इस बात का भरोसा देता हूं कि एमएसपी की व्यवस्था जैसे पहले चलती आ रही थी वैसे ही चलते रहने वाली है।’’


प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को एमएसपी देने और सरकारी खरीद के लिए जितना काम उनकी सरकार ने किया है, वह पहले कभी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले के पांच सालों और पिछले पांच सालों के आंकड़े गवाही देते हैं कि किसानों की भलाई के लिए उनकी सरकार ने कितने काम किए हैं।


उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के भारत का ये दायित्व है कि वो देश के किसानों के लिए आधुनिक सोच के साथ नई व्यवस्थाओं का निर्माण करे। ‘‘देश के किसान को, देश की खेती को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमारे प्रयास निरंतर जारी रहेंगे।’’


(सौजन्य से- भाषा पीटीआई)