महामारी के बावजूद एक्सपोर्ट मार्केट में हासिल की ग्रोथ, अब आईपीओ पर हैं नंदन टेरी की निगाहें
अहमदाबाद स्थित एक B2B टेक्सटाइल कंपनी Nandan Terry तौलिए बनाती है। इसका आधा कारोबार 18 देशों में फैले एक्सपोर्ट बिजनेस से आता है। यह टेक्सटाइल दिग्गज चिरिपाल ग्रुप से भी संबद्ध है।
दिसंबर 2021 में, अहमदाबाद स्थित तौलिया निर्माता,
ने अपनी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) से 254.96 करोड़ रुपये जुटाने की योजना के साथ बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के लिए दायर किया।यह बी2बी कंपनी गुजरात में विभिन्न प्रकार के टेरी टॉवल और टॉवलिंग प्रोडक्ट बनाती है। इसके के सीईओ रौनक चिरिपाल के अनुसार, कंपनी के चालू वित्त वर्ष के अंत तक राजस्व में 1,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
पुराने कपड़ा व्यवसाय चिरिपाल समूह से संबंधित, रौनक ने 2016 में नंदन टेरी की शुरुआत की थी, और लगभग सात वर्षों की अवधि में, उन्होंने कंपनी को लाभदायक बनाने के अलावा, 538.52 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 21 में) के कारोबार तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की।
योरस्टोरी के साथ बातचीत में, रौनक ने बताया कि वे आईपीओ के लिए अंतिम अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं, जिसके बाद वे शेयर बाजार की सूची की घोषणा करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अपेक्षाकृत इस नई कंपनी के लिए आगे क्या है, और आईपीओ से पहले इसकी क्या योजनाएं हैं।
शुरुआत की कहानी
रौनक एक ऐसे माहौल में पले-बढ़े जहां टेक्सटाइल के बारे में बातचीत एक रोज का मामला था। जब वह 2014 में अमेरिका से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत वापस आए तो उनको पता था कि वह इस सेगमेंट में एक व्यवसाय खोलना चाहते हैं।
एक साल से अधिक समय तक मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में काम करने के बाद, रौनक ने व्यापार की चाल के बारे में आश्वस्त महसूस किया और 500 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ नंदन टेरी को लॉन्च किया। यह बताते हुए कि उन्होंने शुरुआती रकम का बंदोबस्त कैसे किया, उन्होंने बताया कि 350 करोड़ रुपये बैंकों द्वारा फंड किए गए थे, 90 करोड़ रुपये चिरिपाल के प्रमोटरों द्वारा और 60 करोड़ रुपये आंतरिक स्रोतों से आए थे।
हालांकि, उन्होंने बताया कि भले ही नंदन टेरी ने चिरीपाल के प्रमोटरों से पूंजी जुटाई है, लेकिन यह उस समूह की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी नहीं है।
घरेलू बाजारों के अलावा, रौनक का कहना है कि उनका ध्यान शुरू से ही अमेरिका और यूरोप जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर भी रहा है। रौनक ने बताया कि चूंकि उनके पास पहले से ही मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन का एक सेट-अप है, इसलिए उनका ध्यान निर्यातक संबंधों पर था।
आज, नंदन टेरी के पास बेटर कॉटन इनिशिएटिव, कस्टम्स-ट्रेड पार्टनरशिप अगेंस्ट टेररिज्म (CTPAT), बिजनेस एनवायरनमेंट परफॉर्मेंस इनिशिएटिव (BEPI), ग्लोबल रिसाइकिलेबल स्टैंडर्ड्स, और बहुत कुछ है। यह न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, केन्या, इज़राइल, कनाडा और अन्य सहित लगभग 18 देशों को एक्सपोर्ट करते हैं। कंपनी में 900 कर्मचारी हैं।
टेरी ग्रुप कुछ सबसे फेमस अपैरल ब्रांडों को सप्लाई करता है, लेकिन रौनक ने गोपनीयता का हवाला देते हुए योरस्टोरी के साथ उनका नाम साझा करने से इनकार कर दिया । इसके अलावा, उनका कहना है कि भले ही वे B2B-केंद्रित हैं, वे आने वाले वर्षों में अपना खुद का ब्रांड लॉन्च करके B2C स्पेस का पता लगाने की योजना बना रहे हैं।
बाजार की क्षमता और आईपीओ की योजना बनाना
भारत दुनिया भर में वस्त्रों के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है, इसके साथ ही यहां बॉम्बे डाइंग, रेमंड, वेलस्पन ग्रुप जैसी कई घरेलू कंपनियां हैं, और इस बाजार में हिस्सेदारी रखती हैं। इसके अलावा, अपैरल रिसोर्सेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस सेगमेंट का वैश्विक बाजार अपने मौजूदा $52 बिलियन से 2025 तक $25 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें से भारत की हिस्सेदारी $8 बिलियन होने की उम्मीद है।
रौनक के अनुसार, 2019 तक नंदन टेरी का लगभग 40 प्रतिशत कारोबार निर्यात से आता था। हालांकि, महामारी के बाद से यह संख्या बढ़कर 50 प्रतिशत हो गई है। वे कहते हैं, "हमने देखा है कि कैसे COVID-19 के कारण बिजनेस चीन से बाहर जा रहे थे, और एक कपास समृद्ध देश होने के नाते, भारत एक रणनीतिक स्थिति रखता है।"
रौनक कहते हैं कि भले ही चीन इतने सालों में बाजार में अग्रणी रहा हो, लेकिन अब स्थिति बदल रही है।
उनका मानना है कि महामारी ने भारत के लिए बाजार के अवसरों को खोल दिया है, जो उनके मुताबिक एक और कारण है कि उन्होंने आईपीओ के माध्यम से धन जुटाने का फैसला किया। वे कहते हैं, "मुझे उम्मीद है कि भारत में पूंजी बाजार बहुत मजबूती से बढ़ेगा। इसके अलावा, कपड़ा उद्योग पिछले दो वर्षों में विकसित हुआ है। लोग ज्यादा बाहर नहीं जा रहे थे, इसलिए अपने घरों को फिर से तैयार कर रहे थे। इसके अतिरिक्त, स्वच्छता पर ध्यान देने के साथ, तौलिये की मांग में भी उछाल देखा गया है।”
आईपीओ के माध्यम से जुटाए गए धन से, रौनक नंदन टेरी की विनिर्माण क्षमताओं और कैपिसिटी का विस्तार और विकास करने की उम्मीद करते हैं। वे कहते हैं, 'हम पड़ोसी युनिट्स से मैन्युफैक्चरिंग को आउटसोर्स कर सकते हैं या उनके साथ समझौता कर सकते हैं।' उनके अनुसार, यह ग्राहकों को विभिन्न प्रकार के उत्पादों का विकल्प देकर बेहतर सेवा प्रदान करने में मदद करेगा।
वर्तमान में कंपनी की अहमदाबाद में केवल एक इकाई है जहां कताई, बुनाई, प्रसंस्करण और सिलाई होती है, लेकिन कभी-कभी चिरीपाल की कपड़ा इकाइयों से मदद ली जाती है।
आने वाले दिनों में, इस अपेक्षाकृत युवा कंपनी के पास कई पहलें हैं - एक आईपीओ लॉन्च करने से लेकर अपना खुद का तौलिया ब्रांड शुरू करने से लेकर स्नान वस्त्र निर्माण (अप्रैल से) तक। यह देखा जाना बाकी है कि यह असाधारण रूप से आक्रामक बाजार में तगड़ी प्रतिस्पर्धा से कैसे मेल खाता है।
Edited by Ranjana Tripathi