Air India के कर्मचारियों के लिए रतन टाटा लाए खुशियों की सौगात
टाटा समूह की एयरलाइन चालक दल के सदस्यों समेत अपने कमर्चारियों के लिए इस साल जून में वीआरएस लेकर आई थी. इस योजना को अपनाने वालों को कार्यमुक्त करने की तरीख 30 नवंबर तय की गई थी. सूत्रों ने बताया कि करीब 4,500 कर्मचारियों ने योजना के लिए आवेदन किया था.
कर्मचारियों की कमी और अमेरिकी वीजा के लिए लंबे इंतजार की समस्या के बीच एयर इंडिया (Air India) ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) को अपनाने वाले चालक दल (केबिन क्रू) के सदस्यों को अपना कार्यकाल अगले साल 31 जनवरी तक बढ़ाने का विकल्प दिया है.
टाटा समूह की एयरलाइन चालक दल के सदस्यों समेत अपने कमर्चारियों के लिए इस साल जून में वीआरएस लेकर आई थी. इस योजना को अपनाने वालों को कार्यमुक्त करने की तरीख 30 नवंबर तय की गई थी. सूत्रों ने बताया कि करीब 4,500 कर्मचारियों ने योजना के लिए आवेदन किया था.
एयरलाइन ने शनिवार को कहा, ‘‘वीआरएस अपनाने वाले कर्मचारियों को कंपनी की सेवाओं से मुक्त करने की तारीख में विस्तार किया गया है. चालक दल के सदस्य अब कार्यमुक्ति की तारीख को बढ़ाकर 31 जनवरी 2023 कर सकते हैं.’’
एयरलाइन ने वीआरएस अपनाने वाले कर्मियों को कार्यमुक्ति की तीन तारीख दी हैं, जो 30 नवंबर, एक दिसंबर और 31 जनवरी 2023 हैं. इसके लिए कर्मियों को 22 नवंबर तक अपनी कार्यमुक्ति की तारीख की पुष्टि करनी होगी.
सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया वीआरएस योजना की वजह से चालक दल की कमी की गंभीर समस्या से जूझ रही है और एयरलाइन को 500 केबिन क्रू सदस्यों की जरूरत है. इसके अलावा अमेरिकी वीजा के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से मौजूदा कर्मियों के सेवाकाल में विस्तार देने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है.
एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैंपबेल विल्सन ने शनिवार को घोषणा की कि कंपनी ने वैंकूवर, सिडनी और मेलबर्न के लिए अधिक उड़ानें जोड़कर अपनी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों सेवाओं में वृद्धि की है.
उन्होंने आगे कहा कि अब हम सात भारतीय शहरों से लंदन के लिए बिना रुके काम करते हैं. मुंबई से हम कुछ हफ्तों में सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क और नेवार्क के लिए नई नॉन-स्टॉप सेवा शुरू करेंगे. और यह तो बस शुरुआत है; जैसे-जैसे हम अधिक विमानों को रिस्टोर और हासिल करेंगे, वैसे-वैसे और भी बहुत कुछ आने वाला है.
पुर्जों और धन की कमी के कारण, एयर इंडिया ने वर्षों से खड़े लगभग 20 विमानों की मरम्मत की है. विल्सन ने कहा था कि लंबे समय से खड़े विमानों को बहाल करने के अलावा, एयरलाइन ने 30 अतिरिक्त विमानों के लिए पट्टे को भी अंतिम रूप दिया था, जिनकी डिलीवरी अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगी और अगले 12 महीनों के दौरान की जाएगी. बाकी के लिए बातचीत अंतिम चरण में है.
बता दें कि, टाटा ग्रुप
ने पिछले साल अक्टूबर में एयर इंडिया का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया था. एयर इंडिया के निजीकरण की बात काफी लंबे समय से चल रही थी, लेकिन जून, 2017 में पहली बार भारत सरकार ने निजीकरण के इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति की मुहर लगा दी थी. पहले सरकार इसके सिर्फ 76 फीसदी स्टेक बेचना चाहती थी.इस दिशा में मिली शुरुआती असफलता के बाद 2019 में सरकार ने एयर इंडिया का 100 फीसदी स्टेक बेचने का फैसला किया. सितंबर, 2021 में नए टेंडर जारी किए गए. स्पाइस जेट और टाटा संस ने एयर इंडिया को खरीदने के लिए बोली लगाई और आखिरकार अक्टूबर, 2021 में टाटा संस ने एयर इंडिया को 18,000 करोड़ की सबसे ऊंची बोली लगाकर खरीद लिया.
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Edited by Vishal Jaiswal