ऐश्वर्या राय, विश्व सुंदरी का ख़िताब और सौंदर्य का बाज़ार
वर्ष 2000 तक ऐश्वर्या राय एकलौती ऐसी महिला थीं, जिन्हें विज्ञापनों के लिए मेल सुपरस्टार्स से ज्यादा पैसे मिलते थे.
19 नवंबर, 1994. दक्षिण अफ्रीका के सनसिटी में हो रही मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का आखिरी दिन. फाइनल राउंड तक पहुंची मंच पर खड़ी 10 स्त्रियों में एक हिंदुस्तानी लड़की थी. सफेद रंग के गाउन और सफेद हैंड ग्लव्स में एक कोने में खड़ी उम्मीद और फिक्र में दोहरी होती हुई. जिस क्षण फाइनल विजेता के नाम की घोषणा हुई, देश के कई हिस्सों में पटाखों की धमक सुनाई दी, जिसकी खबरें अगले दिन के अखबारों में छपी थीं.
21 साल की ऐश्वर्या राय बच्चन मिस वर्ल्ड बन गई थीं.
भारत के लिए ये किसी अजूबे से कम नहीं था कि एक ही साल में छह महीने के भीतर ब्रम्हांड और विश्व की दो सबसे सुंदर स्त्रियों के भारत में पाए जाने की खबर दुनिया भर के अखबरों की हेडलाइन बन गई थी. अपने टेलीविजन के सामने बैठकर रात के खाने के साथ दूरदर्शन पर समाचार सुनने वाले देश के लाखों-करोड़ों परिवारों ने भी इस खबर पर अजीब सा आश्चर्यमिश्रित उत्साह महसूस किया था. लड़कियां विश्व सुंदरी को हसरत से देख रही थीं, लड़के अरमानों से और बहुत सारे संकीर्ण सोच वाले हिंदुस्तानी परिवार भी गौरव महसूस किए बिना नहीं रह पा रहे थे.
आज भारत की पहली विश्व सुंदर ऐश्वर्या राय बच्चन का जन्मदिन है. आज वो 49 साल की हो गईं और इन 49 सालों में उनकी नेट वर्थ 100 मिलियन डॉलर हो चुकी है. 100 मिलियन डॉलर यानी 8 अरब, 26 करोड़, 74 लाख, 95 हजार रुपए. यह नेट वर्थ इतनी बड़ी है कि बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान की नेट वर्थ भी उनके मुकाबले सिर्फ 75 मिलियन डॉलर है.
1994 के बाद भारत अचानक दुनिया भर के ब्यूटी प्रोडक्ट्स का पोंटेशियल बाजार बन गया था. अगले ही साल रेवेलॉन हिंदुस्तान आने वाली पहली मल्टीनेशनल कंपनी थी, जिसकी लिप्सटिक का विज्ञापन ऐश्वर्या राय कर रही थीं. हालांकि इकोनॉमिक रिफॉर्म एक्ट तो 1991 में ही पास हो गया था, लेकिन ब्यूटी प्रोडक्ट्स की हिंदुस्तान के बाजार में मांग बढ़ाने का काम किया मिस यूनीवर्स और मिस वर्ल्ड ने. रेवेलॉन के बाद लॉरिअल (L’Oreal) मैक (M.A.C.) मेबेलाइन Maybelline और क्लिनिक (Clinique) समेत सैकड़ों इंटरनेशनल ब्यूटी ब्रांड भारत के बाजार में छा चुके थे. इसके पहले नकली आईलैशेज फिल्मी हिरोइनें भी नहीं लगाती थीं, लेकिन अब नकली आईलैशेज से लेकर प्लास्टिक सर्जन्स तक का मार्केट बहुत तेजी के साथ बढ़ रहा था.
इंडियन जरनल ऑफ प्लास्टिक सर्जरी में 90 के दशक में ऐसे कई आर्टिकल छपे, जो इस बात की ताकीद कर रहे थे कि सुंदर दिखने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल प्रोडक्ट से लेकर प्लास्टिक सर्जरी के जरिए चेहरे के आकार को निखारने की यह परंपरा सनातन है और सिंधु घाटी सभ्यता तक में इसके उदाहरण मिलते हैं.
लेकिन ब्यूटी प्रोडक्ट्स का मार्केट बढ़ने की यह सिर्फ एक वजह नहीं थी. इकोनॉमिक रिफॉर्म ने नौकरियों में औरतों की हिस्सेदारी भी बढ़ा दी थी. अब पहले से कहीं ज्यादा स्त्रियां घरों से बाहर निकलकर जॉब करने जा रही थीं और अपने पैसे कमा रही थीं. उनके हाथों में अपनी कमाई का पैसा भी था, जिसे वो अपनी इच्छा और आजादी से खर्च कर सकती थीं. वो पैसे कहां और कैसे खर्च करने हैं, ये उन्हें करोड़ों टन पन्नों पर छपकर रोज घर-घर पहुंच रहे अखबारों के विज्ञापन बता रहे थे.
सुंदर दिखने की चाह अब सिर्फ दूर का सपना भर नहीं था. हमारे पास दो रोल मॉडल्स भी थीं और उन रोल मॉडल्स की संख्या में आने वाले सालों में इजाफा भी होता जा रहा था. सुष्मिता और ऐश्वर्या के बाद लारा दत्ता, युक्ता मुखी, डायना हेडेन भी दुनिया के सबसे सुंदर स्त्रियों का खिताब पा चुकी थीं.
आज की तारीख में हिंदुस्तान का ब्यूटी मार्केट 20 बिलियन (अरब) डॉलर का है, जिसके 2035 तक 40 बिलियन डॉलर का हो जाने की उम्मीद की जा रही है.
1995 से लेकर 2010 तक ऐश्वर्या राय बच्चन भारत में मेजर इंटरनेशनल ब्यूटी कंपनियों की ब्रांड एंबेसेडर रही हैं. 1994 में मिस वर्ल्ड बनने के तुरंत बाद उन्होंने पेप्सी के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किया और आमिर खान के साथ पेप्सी के विज्ञापन में नजर आईं. उसके बाद कोकाकोला के विज्ञापन में भी दिखीं. वो आज भी दुनिया की इकलौती एक्ट्रेस हैं, जिन्होंने दो मेजर कॉम्पटीटर बेवरेज ब्रांड के विज्ञापन किए हैं. कोकाकोला के साथ उनकी डील इंडिया में कोक की तब तक की सबसे महंगी डील थी.
दो दशक तक ब्रांड एंडोर्समेंट की दुनिया पर एकछत्र राज करने वाली ऐश्वर्या राय का फिल्मी कॅरियर बॉक्स ऑफिस पर हमेशा टॉप पर नहीं रहा. फिल्मों में उनकी सफलता का ग्राफ लगातार ऊपर-नीचे होता रहा, लेकिन वर्ष 2000 तक वो एकलौती ऐसी महिला थीं, जिन्हें विज्ञापन के लिए मेल सुपरस्टार्स से ज्यादा पैसे मिलते थे.
इसकी सबसे बड़ी वजह ये भी कि ऐश्वर्या की पहचान सिर्फ एक बॉलीवुड एक्ट्रेस की नहीं थी, जिसका कॅरियर हिट फिल्म के साथ हिट और फ्लॉप फिल्म के साथ फ्लॉप हो जाए. भारतीयों के लिए वो अभी भी दुनिया की सबसे सुंदर स्त्री थीं, एक इंटरनेशनल ब्रांड थीं, जिस पर दुनिया भर के ब्रांड भरोसा करके करोड़ों डॉलर लगाने को तैयार थे.
ऐश्वर्या राय ने तकरीबन एक दशक तक स्विस लक्जरी वॉच Longines को एंडोर्स किया है और इंटरनेशनल सोप लक्स की ब्रांड एंबेसडर रही हैं. 2003 से लेकर 2010 तक वो लॉरियल की ब्रांड एंबेसडर रहीं.
दुनिया भर की फैशन और लाइफ स्टाइल मैगजीन के कवर पर छप चुकी ऐश्वर्या को दो दशक तक स्त्रियां एक रोल मॉडल की तरह देखती रही हैं. पत्रिकाओं ने उनकी सक्सेस टिप्स, ब्यूटी टिप्स, फिटनेस टिप्स को प्रमुखता से छापा है.
ऐश्वर्या राय आज 49 वर्ष की हो गईं और उनकी सफलता का ग्राफ कुछ दिन स्थिर रहने के बावजूद अब भी ऊपर की ओर ही जा रहा है. शादी के बाद फिल्मों से लंबा ब्रेक लेने के बाद उन्होंने न सिर्फ सिनेमा में वापसी की, बल्कि हाल ही में कैडबरी के भी उनकी मैच्योर चॉकलेट सीरीज के विज्ञापनों में भी नजर आईं.
ऐश्वर्या राय की सफलता किसी के लिए दुनिया के तमाम अमीर और सफल लोगों की तरह निजी उपलब्धि मात्र हो सकती है, जिसे दुनिया की बदलती अर्थव्यवस्था और बाजार ने गढ़ा था. इस बात से हमारी सहमति या असहमति भी हो सकती है, पसंद और नापसंद भी. लेकिन इतिहास की किताब से इस तथ्य को नहीं मिटाया जा सकता कि 1994 तक एकमात्र लैक्मे के भरोसे सुंदर होने का ख्वाब देख रही इस देश की करोड़ों लड़कियों को हैदराबाद के एक मिडिल क्लास परिवार में पैदा हुई लड़की ने एक दिन विश्व सुंदरी हो सकने का सपना देखने की उम्मीद दे दी थी, चाहे वो उम्मीद कितनी भी सतही क्यों न हो.
ऐश्वर्या राय को 49वां जन्मदिन खूब मुबारक.
Edited by Manisha Pandey