क्या हुआ ऐसा, कि धान के खेतों में पसीना बहा रहे हैं 19 वर्षीय फुटबॉलर अमरजीत सिंह
राष्ट्रीय सीनियर टीम की ओर से खेल चुके 19 साल के मिडफील्डर अमरजीत मानसून की बारिश के बीच खेतों में अपने पिता के साथ धान की पौध बो रहे हैं।
नयी दिल्ली, कोविड-19 महामारी के कारण आउटडोर ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं की स्वीकृति नहीं मिलने के बाद भारत की 2017 फीफा अंडर-17 विश्व कप टीम के कप्तान अमरजीत सिंह कियाम मणिपुर में अपने पैतृक गांव के धान के खेत में अपने माता-पिता की खेती में मदद कर रहे हैं।
राष्ट्रीय सीनियर टीम की ओर से खेल चुके 19 साल में मिडफील्डर अमरजीत मानसून की बारिश के बीच खेतों में अपने पिता के साथ धान की पौध बो रहे हैं।
अमरजीत ने कहा,
‘‘मैं धान के खेत में अपने परिवार की मदद कर रहा था- मैं खेती कर रहा था। अपनी जड़ों से जुड़ने में कोई शर्म नहीं है और मैं धान के खेत में अपने परिवार की मदद कर रहा हूं। मेरा परिवार कई पीढ़ियों से खेती कर रहा है। लेकिन बचपन से ही मैंने खेती को अधिक तवज्जो नहीं दी। मैं हमेशा से ही फुटबॉल का दीवाना रहा।’’
अमरजीत मैच खेलने के लिए अधिकतर समय शहर के बाहर रहे और यह उनके लिए अपनी जड़ों से दोबारा जुड़ने का मौका था।
उन्होंने कहा,
‘‘आम तौर पर मैं लंबे समय तक घर नहीं जाता। सत्र खत्म होने के बाद भी हम जूनियर राष्ट्रीय टीमों के साथ अनुभव दौरे आदि पर जाते रहते हैं। इसलिए अंतत: जब मुझे कुछ हफ्तों के लिए घर आने का मौका मिला तो यह खेती का समय नहीं था। ’’
अमरजीत ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की विज्ञप्ति में कहा, ‘‘अब मुझे असल में वहां जाने और अपनी जड़ों से जुड़ने का मौका मिला। मैं गर्व महसूस कर रहा हूं। मैंने खेती के विभिन्न पहलुओं को सीखा और मैं आपसे कह सकता हूं कि यह काफी थकाने वाला काम है।’’