सिर्फ गेम खेल कर घर चला रहा है ये 24 साल का युवा, हर महीने कमाता है लाखों रुपये
हल्द्वानी के अंशु बिष्ट ने तमाम मुश्किलों को पार करते हुए ना सिर्फ गेमिंग को फुलटाइम करियर की तरह अपनाया बल्कि अब वह इसके दम पर अपने परिवार की ज़िम्मेदारी भी पूरी तरह खुद ही उठाने का प्रयास कर रहे हैं।
गेमिंग इन दिनों युवाओं के बीच एक उभरता हुआ करियर विकल्प है। देश में गेमिंग इंडस्ट्री बड़ी तेजी से ऊपर जा रही है और साल 2022 तक इसके 143 अरब डॉलर के पार पहुँचने की संभावना है। इस बीच कई युवा गेमिंग को फुलटाइम करियर की तरह अपनाकर कम समय में ही सामान्य से कहीं गुना अधिक पैसा कमा रहे हैं।
ऐसे ही एक युवा शख्स हैं हल्द्वानी के अंशु बिष्ट, जिन्होंने तमाम मुश्किलों को पार करते हुए ना सिर्फ गेमिंग को फुलटाइम करियर की तरह अपनाया बल्कि अब वह इसके दम पर अपने परिवार की ज़िम्मेदारी भी पूरी तरह खुद ही उठाने का प्रयास कर रहे हैं।
गेमिंग को करियर की तरह अपनाकर सफलता हासिल करने वाले अंशु को गेमिंग की दुनिया में लोग ‘गेमरफ्लीट’ के नाम से भी जानते हैं। गेमर होने के साथ ही अंशु कंटेन्ट क्रिएटर और लाइव स्ट्रीमर भी हैं।
‘जियो दौर’ ने बदली दुनिया
आज लाखों फॉलोवर्स के साथ आगे बढ़ते जा रहे अंशु के पास महज कुछ साल पहले एक गेमिंग सेटअप खरीदने तक के पैसे नहीं थे। न्यूज़ प्लेटफॉर्म ब्रूट के साथ हुई बातचीत में अंशु ने बताया कि उनका गेमिंग का यह सफर तब शुरू हुआ जब वह अपनी ग्रैजुएशन के पहले साल में थे। उसी समय लॉन्च हुए जियो ने कम पैसे में असीमित इंटरनेट का प्लान ऑफर करना शुरू कर दिया था और यह अंशु के लिए किसी जैकपॉट से कम नहीं था।
उस दौरान अंशु ने उन गेमर्स के वीडियो देखने शुरू कर दिये जो यूट्यूब पर अपने वीडियो डाल कर लोकप्रियता और पैसे दोनों कमा रहे थे। बस यहीं से अंशु के लिए करियर का एक नया रास्ता खुल गया।
ट्यूशन पढ़ाकर बचाए पैसे
अंशु एक निम्न मद्यमवर्गीय परिवार से आते हैं और उनके पिता बस कंडक्टर की नौकरी करते हैं। अंशु के अनुसार उनके पिता की मासिक आय 5 से 6 हज़ार रुपये के बीच थी। परिस्थितियों को देखते हुए अंशु के पिता उनके लिए एक कम्यूटर सेटअप खरीदने के इच्छुक नहीं थे, लेकिन अंशु ने इसके लिए एक अलग रास्ता चुन लिया था।
अंशु ने अपने घर पर ही बच्चों को गणित के ट्यूशन देने शुरू कर दिये और उससे मिलने वाले पैसों को वो अपने लिए गेमिंग कम्यूटर खरीदने के वास्ते जोड़ने लगे। पूरा एक साल पैसे जोड़ने के बाद आखिरकार अंशु ने एक सेकंड हैंड कम्यूटर खरीद लिया।
परिवार के दबाव में की नौकरी
कम्यूटर सेटअप मिल जाने के बाद अब अंशु के लिए संभावनाओं के सभी द्वार खुल चुके थे। अंशु ने गेम खेलते हुए वीडियो रिकॉर्ड कर उन्हें यूट्यूब पर अपलोड करना शुरू कर दिया। बतौर नए गेमर अंशु के लिए यूट्यूब पर सब्सक्राइबर जुटा पाना आसान नहीं था, हालांकि अंशु इस दिशा में लगातार डटे रहे और बेहतर गेमिंग वीडियो अपलोड करते रहे।
कुछ समय के बाद अंशु ने अपने चैनल के जरिये थोड़ी कमाई भी करनी शुरू कर दी जो उनके वीडियो पर आए व्यूज पर निर्भर करती थी। यूट्यूब के जरिये कमाई होने के बावजूद अंशु के परिवारजन उनकी इस करियर चॉइस को लेकर संतुष्ट नहीं थे। इस बीच परिवार के दबाव के चलते उन्हें दिल्ली जाकर एक नौकरी करनी पड़ गई।
लॉकडाउन ने बदले हालात
नौकरी करते हुए गेमिंग कर पाना अंशु के लिए कठिन साबित हो रहा था। कोरोना महामारी के चलते लगे पहले लॉकडाउन के दौरान अंशु अपने घर हल्द्वानी वापस आ गए और तब उन्होंने वापस से गेमिंग को अधिक समय देना शुरू कर दिया, जिससे उन्हें चैनल पर व्यूवर्स की संख्या भी बढ़ने लगी।
इस बीच अंशु ने अपनी नौकरी छोड़ दी और गेमिंग को फुलटाइम अपना लिया। अंशु बीते चार सालों से लगातार गेमिंग कर रहे हैं और यूट्यूब व्यूज के साथ ही उनके चैनल पर मेम्बरशिप के जरिये उन्हें अच्छी कमाई भी हो रही है। अब अंशु अपनी गेमिंग के दम पर अपने परिवार की ज़िम्मेदारी को पूरी तरह उठाना चाहते हैं।
Edited by रविकांत पारीक