'ड्रिंक एंड ड्राइव' रोकने के लिए सेना के कैप्टन ने विकसित किया सिस्टम, सड़क हादसों में लगेगी लगाम
सेना के जवान लगातार नयी खोज कर रहे हैं। हाल ही में सेना के मेजर ने बुलेटप्रूफ जैकेट का निर्माण किया था, तो अब सेना के ही एक कैप्टन ने ऐसी डिवाइस बनाई है जो 'ड्रिंक एंड ड्राइव' रोकने में सक्षम है।
सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय की ट्रांसपोर्ट रिसर्च विंग के अनुसार भारत की सड़कों पर हर दस मिनट में तीन लोग हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं। इन हादसों में से अधिकतर तेज़ गति से गाड़ी चलाने, नशे में गाड़ी चलाने, ट्रैफिक सिग्नल को तोड़ने और सुरक्षा उपकरणों कि कमी के चलते होते हैं।
नशे में वाहन चलाने को लेकर पहले से ही नियम-कानून बने हुए हैं, जिनके तहत कानून तोड़ने वालों से भरी जुर्माना वसूला जा रहा है। जल्द ही ब्रीथ अनलाइजर से लैस कारें भी आ सकती हैं, जो इन हादसों में कमी लाने का काम करेंगी।
न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना में कैप्टन ओंकार काले ने एक ऐसा ही व्हिकल सेफ़्टी सिस्टम सेना के ट्रकों के लिए विकसित किया है। यह सिस्टम पर यह पुख्ता करेगा कि ट्रक चालक ने सीट बेल्ट पहनी है, साथ ही चालक ने मानक से अधिक शराब का सेवन तो नहीं किया है। अगर सिस्टम इन दोनों में से किसी भी एक खामी को पकड़ता है, तो सिस्टम ट्रक को स्टार्ट नहीं होने देगा।
एएनआई के अनुसार इस सिस्टम की कुल लागत 10 हज़ार 320 रुपये है। इसमें सीट बेल्ट मॉनिटरिंग सिस्टम, टेल बीडी मॉनिटरिंग सिस्टम, एंटी डोजिंग अलार्म सिस्टम होने के साथ ही यह सिस्टम संभावित हादसों पर भी नज़र रखता है। गौरतलब है कि साल 2018 में सड़क हादसों की चपेट में आकर डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।
यह पहली बार नहीं है जब सेना के किसी जवान ने अपने टैलेंट का प्रदर्शन किया है, इसके पहले सेना के मेजर ने एक बुलेटप्रूफ जैकेट का निर्माण किया था, जो स्नाइपर की गोली को भी रोक सकती है।
मेजर अनूप मिश्रा द्वारा यह बुलेटप्रूफ जैकेट पुणे के मिलिट्री इंजीनियरिंग कॉलेज में विकसित की गई थी। यह जैकेट 10 मीटर की दूरी से भी स्नाइपर राइफल की गोली को रोकने में सक्षम है।
मेजर अनूप मिश्रा के काम और इनोवेशन के लिए उन्हे तत्कालीन आर्मी प्रमुख जनरल विपिन रावत द्वारा आर्मी डिजाइन ब्यूरो एक्सीलेंस अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।