अश्नीर ग्रोवर का Crickpe एथिकल है? जानिए कानून क्या कहता है और लोगों का क्या है मानना
आईपीएल शुरू होने से पहले ही अश्नीर ग्रोवर ने फैंटेसी क्रिकेट प्लेटफॉर्म क्रिकपे की शुरुआत कर दी है. कंपनी सीधे तौर पर ड्रीम 11 को टक्कर देगी. सवाल ये उठने लगा है कि क्या फैंटेसी गेम लीगल हैं या नहीं?
हाइलाइट्स
आईपीएल शुरू होने से पहले ही अश्नीर ग्रोवर ने फैंटेसी क्रिकेट प्लेटफॉर्म क्रिकपे की शुरुआत कर दी है.
कंपनी सीधे तौर पर ड्रीम 11 को टक्कर देगी.
सवाल ये उठने लगा है कि क्या फैंटेसी गेम लीगल हैं या नहीं?
सुप्रीम कोर्ट में ड्रीम 11 को पहले ही कौशल का खेल कहकर कानूनी करार दिया गया है.
भारतपे (अश्नीर ग्रोवर ने फैंटेसी क्रिकेट प्लेटफॉर्म क्रिकपे (Crickpe) की शुरुआत कर दी है. इसमें यूजर्स वर्चुअल गेम खेल सकते हैं और पैसे भी कमा सकते हैं. देखा जाए तो यह कंपनी सीधे तौर पर ड्रीम 11 ( ) को टक्कर देगी. ऐसे में एक बार फिर ये बड़ा सवाल ये उठने लगा है कि क्या फैंटेसी गेम (Fantasy Game) लीगल हैं या नहीं? सवाल ये भी है कि क्या ये एथिकल हैं या नहीं? आइए देखते हैं फैंटेसी गेम्स को लीगल और एथिकल एंगल से.
) से इस्तीफा देने के बाद से लगातार ये बातें हो रही थीं कि अब अश्नीर ग्रोवर (Ashneer Grover) क्या बिजनेस शुरू करेंगे. धीरे-धीरे ये साफ हो गया कि वह थर्ड यूनिकॉर्न नाम की कंपनी शुरू करने जा रहे हैं. अब आईपीएल (IPL) शुरू होने से पहले हीपहले समझिए क्या होता है फैंटेसी गेम
हर वो गेम, जिसे मोबाइल फोन की मदद से खेला जाता है और जिसमें कुछ कल्पनाएं करते हुए दाव चलते जाते हैं, उन्हें फैंटेसी गेम कहते हैं. यहां एक कनफ्यूजन ये भी होता है कि ऑनलाइन गेम और फैंटेसी गेम में क्या फर्क है. ऑनलाइन गेम में कल्पनाओं के आधार पर दाव नहीं लगाया जाता, बल्कि उन्हें सिर्फ खेला जाता है, जैसे पबजी, फ्री फायर. यहां जिस फैंटेसी गेम क्रिकपे की बात हो रही है, वही काफी हद तक ड्रीम 11 जैसा होगा. इसके तहत आप खिलाड़ी चुनकर टीम बनाते हैं और फिर असल मैच के आधार पर उसमें आपको प्वाइंट मिलते हैं. इन्हीं के आधार पर आपकी जीत-हार तय होती है और उसी के आधार पर आपको पैसे भी मिलते हैं.
फैंटेसी गेम लीगल होते हैं या नहीं?
हाल ही में ड्रीम 11 को गैर-कानूनी कहते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी और सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ड्रीम 11 गेम में जुआ और सट्टेबाजी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने उसे कौशल का गेम माना है. अश्नीर ग्रोवर का क्रिकपे भी ड्रीम 11 जैसा ही है. यानी अभी तक तो यह लीगल यानी कानूनी है और इसे खेलना भी कानूनी रूप से गलत नहीं है. हालांकि, इससे हुई कमाई टैक्स के दायरे में आती है. बता दें कि कई राज्यों में इन फैंटेसी गेम पर रोक लगाने की कवायद हो चुकी है, लेकिन हर जगह नाकामी ही हाथ लगी है.
ये गेम लीगल तो हैं, लेकिन एथिकल हैं या नहीं?
एक बात तो साफ हो गई है कि क्रिकपे और ड्रीम 11 जैसे ऐप गैर-कानूनी नहीं हैं. हालांकि, सवाल ये उठता है कि इसे एथिकल कहा जाए या नहीं. अगर ड्रीम 11 जैसे ऐप्स की बात करें तो उन्हें खेलने से लोगों को उसकी आदत हो जाती है. ऐसे में क्रिकपे भी कुछ ऐसा ही होने वाला है, जिसे खेलने से लत लगेगी. बहुत सारे लोग तो पैसे जीतने के लालच में इसे खेलते हैं, लेकिन भारी नुकसान झेलते हैं. वहीं बच्चों पर इन गेम्स का बहुत ही बुरा असर होता है, क्योंकि उनकी पढ़ाई बहुत डिस्टर्ब होती है. वहीं इसकी लत लगने की वजह से उनकी पूरी जिंदगी पर बुरा असर पड़ता है. कर्नाटक सरकार के महाधिवक्ता प्रभुलिंग के. नवदगी का कहना था कि इस तरह की गेमिंग शराब से भी बड़ा नशा है.