महज 22 साल की उम्र में खड़ा किया देश का पहला इलेक्ट्रॉनिक हीटिंग बेल्ट ब्रांड फ्लेमिंगो, आज है 200 करोड़ रुपये का व्यापार
हीट थेरेपी पीठ दर्द से राहत पाने का एक सामान्य तरीका है और मस्कुलोस्केलेटल विकारों के उपचार की तलाश करने वाले लोगों के लिए फ्लेमिंगो हीट बेल्ट सबसे अधिक मांग वाले चिकित्सा उपकरणों में से एक बन गई है।
फ्लेमिंगो की अब लोकप्रियता को देखते हुए बहुत से लोग इस बात पर विश्वास नहीं करेंगे कि इसके संस्थापक राजीव मिस्त्री, जिन्होंने 22 वर्ष की उम्र में ये कंपनी शुरू की थी, उन्होने इसकी स्थापना के कुछ वर्षों के बाद यह सोचकर व्यवसाय बंद करने का विचार भी किया था कि यह कंपनी सफल नहीं हो सकती है।
योरस्टोरी से बात करते हुए राजीव कहते हैं,
“1991 में जब मैंने हीटिंग बेल्ट बनाई थी तब भारत में ऐसा करने वाला कोई नहीं था। लोगों के लिए यह एक विदेशी उत्पाद था। वे हीटिंग थेरेपी के लिए पानी की थैलियों पर निर्भर थे और इसका उपयोग करके खुश थे। मेरे दिमाग में यह ख्याल आया कि शायद मैं गलत रास्ते पर हूं, मैंने कई बार कारोबार बंद करने के बारे में भी सोचा लेकिन नियति की अपनी योजनाएं थीं, इसलिए मुझे अपने उत्पाद को सफल बनाने में एक दशक लग गया।”
राजीव का कहना है कि जब उन्होने हीटिंग बेल्ट लॉन्च की तो कंपनी का वार्षिक राजस्व पहले वर्ष में पांच लाख रुपये से कम था। आज तीन दशक बाद फ्लेमिंगो, जो कंपनी एसेंट मेडिटेक लिमिटेड (एएमएल) के तहत काम करती है, इसके 200 करोड़ रुपये के राजस्व को छूने की उम्मीद है।
एएमएल के प्रमुख बाजारों में भारत, पूर्वी अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया शामिल हैं।
घाटे वाले व्यवसाय को बड़े उद्यम में बदला
मुंबई से अपनी इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद, राजीव की स्पष्ट योजना थी कि वह 9 से 5 वाली नौकरी नहीं चुनना चाहते। बल्कि, वह व्यापार में अपनी क्षमता का उपयोग करना चाहते थे। गर्म पानी की थैलियों से जुड़ी असुविधा को देखकर उन्हें इलेक्ट्रॉनिक हीटिंग बेल्ट बनाने का विचार आया।
एक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर होने के नाते राजीव के लिए पहला प्रोटोटाइप बनाना कोई मुश्किल काम नहीं था, हालाँकि उपभोक्ताओं को बोर्ड पर लाना थोड़ा मुश्किल था।
राजीव याद करते हैं,
“उस समय कोई इंटरनेट नहीं था जहां आप वीडियो या पोस्ट के माध्यम से ग्राहकों को अपने उत्पाद के बारे में शिक्षित कर सकते थे। हमें उत्पाद को बढ़ावा देने, डेमो देने और बिक्री करने के लिए घर-घर जाना पड़ा।”
वे बताते हैं कि लोग अपने शरीर पर इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद का उपयोग करने में बहुत हिचकिचाते थे, उत्पाद को बाजार में स्वीकार्यता हासिल करने में एक दशक का समय लगा।
2005 के बाद जब बाजार खुला और लोगों ने आराम पर पैसा खर्च करना शुरू किया, तो फाल्मिंगो का उपभोक्ता आधार बढ़ गया। फ्लेमिंगो ने फिर आर्थोपेडिक सॉफ्ट गुड्स स्पेस में प्रवेश किया और उसके बाद घाव की देखभाल और मोबिलिटी स्पेस में प्रवेश किया। इससे कंपनी के राजस्व में 35-40 प्रतिशत की सीएजीआर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) की वृद्धि देखी गई।
आत्मनिर्भरता की ओर कदम
चीन के उत्पाद चिकित्सा उपकरण उद्योग पर हावी रहे हैं और खासकर दर्द प्रबंधन श्रेणी में। लेकिन राजीव के लिए व्यवसाय में गुणवत्ता और पूर्ण नियंत्रण पर नज़र रखने के लिए सही मायने में 'मेड इन इंडिया' ब्रांड बनाना सबसे महत्वपूर्ण था। इस प्रकार अपनी स्थापना से कंपनी ने कुछ सामान को छोड़कर अधिकांश कच्चे माल को स्थानीय स्तर पर सोर्स कर रही है और उत्पादों का निर्माण इन-हाउस ही कर रही है।
राजीव कहते हैं,
“व्यापार के शुरुआती दिनों में हमारे नुकसान का कारण यह था कि हम उत्पादों का व्यापार या सोर्सिंग नहीं कर रहे थे बल्कि निर्माण कर रहे थे और उस समय बाजार में कम स्वीकार्यता के साथ हम पर्याप्त पैसा नहीं बना पा रहे थे।”
एएमएल ने गुजरात के वलसाड में अपनी अत्याधुनिक निर्माण इकाई स्थापित की है। यह सुविधा 15 एकड़ भूमि में फैली हुई है और इसमें 1,600 लोग कार्यरत हैं। कंपनी 400 से अधिक शीर्ष दर्द प्रबंधन समाधान बनाती है।
राजीव का कहना है कि एकीकृत मैनुफेक्चुरिंग यूनिट प्रति दिन एक लाख यूनिट्स का उत्पादन करने की क्षमता के साथ निकट भविष्य में मांग को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है।
बाजार और चुनौतियां
राजीव के अनुसार, एएमएल 53 देशों में में मौजूद है और बिना किसी सफेद लेबलिंग के कई खंडों पर कब्जा कर चुकी है। कंपनी की फ्लैगशिप कंज्यूमर हेल्थकेयर ब्रांड फ्लेमिंगो हेल्थकेयर, ऑर्थोपेडिक सॉफ्ट गुड्स, घाव की देखभाल, मोबिलिटी और व्यक्तिगत सुरक्षा सहित पांच खंडों में मौजूद है।
राजीव के अनुसार, हीट थेरेपी और कोल्ड थेरेपी जैसी स्वास्थ्य सेवा श्रेणी के उप-खंड में फ्लेमिंगो हीट बेल्ट और कूल पैक जैसे शीर्ष उत्पादों के साथ लीड पोजीशन पर है।
ऑर्गनाइज्ड ऑर्थोपेडिक सॉफ्ट गुड्स स्पेस वर्तमान में 500 करोड़ रुपये का है और राजीव का कहना है कि फ्लेमिंगो इस बाजार का एक चौथाई हिस्सा है। हेल्थकेयर और ऑर्थोपेडिक सॉफ्ट गुड्स सेगमेंट, एएमएल के लिए प्रमुख विकास चालक होने के नाते प्रत्येक वित्तीय वर्ष में यह उत्पन्न कुल राजस्व का तीन-चौथाई योगदान कर रहा है।
राजीव कहते हैं, हालांकि कंपनी असंगठित खिलाड़ियों से निपटने के लिए संघर्ष करना जारी रखे हुए है, जो मूल्य और गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ करते हैं। उद्योग के दृष्टिकोण से कंपनी को नए ग्राहकों को प्राप्त करना जारी रखना होगा क्योंकि इस सेगमेंट में बार-बार ऑर्डर नहीं होते हैं। राजीव के अनुसार, यह उत्पादों में इनोवेशन लाने और श्रेणियों में विस्तार करने का अवसर भी पैदा करता है।
आगे का रास्ता
एएमएल अब विविधीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, राजीव कहते हैं, कंपनी दर्द प्रबंधन, घाव देखभाल और व्यक्तिगत देखभाल श्रेणियों में और अधिक नवीन उत्पादों को जोड़ने की योजना बना रही है।
राजीव ब्रांड के भौगोलिक विस्तार की भी योजना बना रहे हैं।
Edited by Ranjana Tripathi