जानें, कौन हैं दिल्ली चुनाव में जीत हासिल करने वाली आतिशी मार्लेना, जिन्होने बदला है शिक्षा का स्वरूप
बीते लोकसभा चुनाव में आतिशी को करारी हार का सामना करना पड़ा था और उनकी जमानत भी जब्त हो गई थी, लेकिन दिल्ली के इस विधानसभा चुनाव में आतिशी को जीत हासिल हुई है।
आम आदमी पार्टी (आप) और उनकी स्टार उम्मीदवार आतिशी मार्लेना ने हाल ही में संपन्न दिल्ली विधानसभा के चुनाव में कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र से अपनी जीत के पहले कुछ तनावपूर्ण क्षणों का सामना किया।
11,000 से अधिक मतों के अंतर से जीतकर उन्होने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के धर्मबीर सिंह को पराजित किया। हालाँकि आतिशी शुरू से ही जनता की पसंदीदा रही हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा से कड़ी टक्कर मिली, जो कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र से ही उम्मीदवार थीं।
मई 2019 में हुए आम चुनावों में आतिशी को करारी हार का सामना करना पड़ा। चुनाव में वो तीसरे स्थान पर रही थीं और AAP के लिए कई महत्वपूर्ण शिक्षा सुधारों का नेतृत्व करने के बावजूद पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र चुनाव लड़ते हुए वो अपनी जमानत राशि भी नहीं बचा सकीं थीं।
वह स्थापना के बाद से ही पार्टी की एक महत्वपूर्ण सदस्य रही हैं और उन्होने शिक्षा मंत्री के सलाहकार के रूप में राजधानी में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से काम भी किया है।
यहां कुछ चीजें हैं जो आपको आप की उभरती हुई युवा राजनेता आतिशी मार्लेना के बारे में जानने की जरूरत है-
- उनका जन्म दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर विजय सिंह और तृप्ता वाही के घर हुआ था।
- कार्ल मार्क्स और व्लादिमीर लेनिन के नाम से संयोजन से उन्हे मार्लेना नाम दिया गया। बाद में उन्होने आतिशी मार्लेना नाम का उपयोग करना शुरू किया और अपने नाम से सरनेम हटा दिया।
- साल 2001 में उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास में स्नातक किया और रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन किया।
- आतिशी ने कर्नाटक के ऋषि वैली स्कूल में पढ़ाया भी है।
- वह कई नॉन प्रॉफ़िट कामों में शामिल रही हैं, जिसमें संभावना इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी भी शामिल है। मुख्यता उनकी रुचि नीति निर्धारण और शिक्षा में है।
- मई 2019 में उन्होंने पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में क्रिकेटर गौतम गंभीर के खिलाफ संसदीय चुनाव लड़ा और हार गईं। चुनाव में उनकी जमानत राशि भी जब्त हो गई थी।
- आतिशी दिल्ली के शिक्षा मंत्री की सलाहकार रही हैं। उनकी सलाह के तहत दिल्ली में एक नया नर्सरी पाठ्यक्रम शुरू किया गया, शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण सत्रों को दोगुना कर दिया गया। साथ ही स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति तेजी से की जा रही है और अभिभावक-शिक्षक बैठकों को अनिवार्य बनाया जा रहा है।
- आतिशी ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की है।