Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT

पुलिस की नौकरी छोड़ शुरू की खेती, सिर्फ आलू से सालाना कमाते हैं 3.5 करोड़

आलू की खेती से करोड़ों कमाता है ये पुलिसवाला...

पुलिस की नौकरी छोड़ शुरू की खेती, सिर्फ आलू से सालाना कमाते हैं 3.5 करोड़

Friday February 23, 2018 , 4 min Read

60 की उम्र में पहुंच चुके पार्थीभाई कोई किसान नहीं थे। वे पुलिस डिपार्टमेंट में ऑफिसर थे। लेकिन उनका मन पुलिस की नौकरी में नहीं लगा और वे खेती करने के लिए अपने गांव वापस लौट आए। आज वे खेती से करोड़ो रुपये कमा रहे हैं और बनासकांठा के किसानों को भी खेती से लाभ कमाने के गुर सिखा रहे हैं।

पार्थीभाई जेठाभाई चौधरी

पार्थीभाई जेठाभाई चौधरी


पार्थीभाई बताते हैं कि आलू की खेती के लिए सिर्फ 3 महीने काम करने की जरूरत होती है, उसके बाद बाकी के दिन आराम से बीतते हैं। वे अपने परिवार के साथ काफी समय बिताते हैं। उन्होंने बाकी के काम के लिए कर्मचारी रखे हैं जो उनकी अनुपस्थिति में पूरा काम संभालते हैं। 

गुजरात का बनासकांठा जिला खेती के लिए मशहूर है। हालांकि यहां पर अभी तक परंपरागत तौर-तरीकों से ही खेती की जाती थी, लेकिन कुछ साल पहले एक पूर्व पुलिस अधिकारी पार्थीभाई जेठाभाई चौधरी ने अपने साथ-साथ यहां के किसानों की तकदीर भी बदल डाली है। 60 की उम्र में पहुंच चुके पार्थीभाई कोई किसान नहीं थे। वे पुलिस डिपार्टमेंट में ऑफिसर थे। लेकिन उनका मन पुलिस की नौकरी में नहीं लगा और वे खेती करने के लिए अपने गांव वापस लौट आए। आज वे खेती से करोड़ो रुपये कमा रहे हैं और बनासकांठा के किसानों को भी खेती से लाभ कमाने के गुर सिखा रहे हैं।

पार्थीभाई एक पुलिस बैकग्राउंड से आते थे, इसलिए उन्हें खेती के बारे में कुछ खास जानकारी नहीं थी। उन्होंने आधुनिक खेती के तौर-तरीकों को जानने में अच्छा-खासा समय व्यतीत किया। इसके बाद जब वे वास्तव में खेती करने के लिए आगे आए तो उत्पादन के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। उन्हें आलू का इतना उत्पादन किया कि उन्हें पोटैटोमैन के नाम से जाना जाने लगा। आज से 18 साल पहले उन्होंने अपनी पुलिस की नौकरी छोड़ी थी और कनाडा की एक मल्टीनेशनल कंपनी मकैन के साथ उन्हें एग्रीकल्चर प्रोसेस ट्रेनिंग करने का मौका मिला।

जेठाभाई चौधरी अपने खेतों में

जेठाभाई चौधरी अपने खेतों में


पार्थीभाई की कंपनी आलू के कई उत्पाद बनाती थी। इसके बाद पार्थीभाई ने अच्छी गुणवत्ता के आलू उगाने शुरू किए। हालांकि गांव में पानी की काफी समस्या थी और आलू की खेती में नियमित तौर पर पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है। इस समस्या का समाधान करने के लिए उन्होंने ड्रिप इरिगेशन सिस्टम का सहारा लिया। इस विधि की मदद से काफी कम पानी में सिंचाई हो जाती है और खाद की भी बचत हो जाती है। इसमें फसल में पानी की जितनी जरूरत होती है उतना ही पानी सप्लाई किया जाता है जिससे पानी की बर्बादी नहीं होती।

इससे पार्थीभाई को काफी लाभ हुआ और पानी की समस्या से निजात मिल गई। इससे उन्होंने 750mm से भी कम बारिश में आलू की अच्छी पैदावार की। अच्छे आलू को उन्होंने बड़ी-बड़ी कंपनियों को सप्लाई किया जिससे उन्हें काफी मुनाफा हुआ।

जेठाभाई चौधरी , फोटो साभार: fondlist

जेठाभाई चौधरी , फोटो साभार: fondlist


आज पार्थीभाई 87 एकड़ में सिर्फ आलू की खेती करते हैं वे अक्टूबर के महीने में आलू के बीज बोते हैं और दिसंबर तक उनकी फसल तैयार हो जाती है। वे एक हेक्टेयर में 1,200 किलो आलू का उत्पादन करते हैं। उनके एक आलू का वजन लगभग 2 किलो तक होता है। उन्होंने आलू को संग्रहीत करने के लिए कोल्ड स्टोरेज भी बनवा लिया है।

पार्थीभाई बताते हैं कि आलू की खेती के लिए सिर्फ 3 महीने काम करने की जरूरत होती है, उसके बाद बाकी के दिन आराम से बीतते हैं। वे अपने परिवार के साथ काफी समय बिताते हैं। उन्होंने बाकी के काम के लिए कर्मचारी रखे हैं जो उनकी अनुपस्थिति में पूरा काम संभालते हैं। अभी उनके साथ 16 से अधिक लोग काम करते हैं और उनका सालाना टर्नओवर 3.5 करोड़ के आसपास है। वे सिर्फ आलू की खेती से इतनी कमाई करते हैं। अपने पैशन के लिए काम करके आज वे न केवल अच्छे पैसे कमा रहे हैं बल्कि अपनी जिंदगी भी अच्छे से गुजार रहे हैं।

यह भी पढ़ें: किराए के घर में रहने वाले व्यक्ति ने गरीबों को दान की 2.3 एकड़ की बेशकीमती जमीन