प्रॉपर्टी खरीदने या रेंट पर लेने वाले लोग अक्सर इन फ्रॉड्स के बनते हैं शिकार, आप भी जान लें...
खरीदारों या किरायेदारों को किस तरह से बेवकूफ बनाया जा सकता है और वे इससे कैसे बच सकते हैं इसके लिए हमने नेस्टअवे टेक्नोलॉजीज के फाउंडर और सीईए अमरेंद्र साहू से बात की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा......
घर खरीदार हो या बेचने वाला या किरायेदार या किराये पर घर देने वाला मकानमालिक इन सभी के लिए एक चीज कॉमन चीज है. ये सभी बड़ी आसानी से रियल एस्टेट स्कैम से पीड़ित बन सकते हैं.
खरीदारों या किरायेदारों को किस तरह से बेवकूफ बनाया जा सकता है और वे इससे कैसे बच सकते हैं इसके लिए हमने नेस्टअवे टेक्नोलॉजीज(
Technologies) के फाउंडर और सीईए अमरेंद्र साहू(Amrendra Sahu) से बात की.अमरेंद्र कहते हैं, आज के डिजिटल जमाने में जालसाज लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए तरह -तरह के धोखाधड़ी के तरीके इजाद कर चुके हैं. लोग मेहनत से पैसे कमाते हैं और जालसाज ठगने के लिए तैयार बैठे हैं.
इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए जरूरी है कि आप हमेशा मकानमालिक, प्रॉपर्टी डीलर, किराएदार, रियल एस्टेट एंजेट या ब्रोकर कोई भी हो जब तक उसके पहचान को पूरी तरह प्रमाणित न कर लें उससे पहले कोई भी मनी ट्रांसफर करने से बचें.
खरीदारी, रेटिंग, सेलिंग या फिर प्रॉपर्टी से जुड़ा कोई भी काम हो गहरी रिसर्च के बाद ही करना चाहिए. अगर ऑनलाइन रिसर्च कर रहे हैं तो प्रमाणित वेबसाइट से ही करें. वैसे बेहतर यही होता है कि इन सब कामों के लिए आप लाइसेंस प्राप्त रियल एस्टेट प्रोफेशनल्स की मदद लें. इस तरह आपके ठगे जाने की संभावना खत्म हो जाती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रियल एस्टेट से जुड़े स्कैम्स में सबसे ज्यादा वायर फ्रॉड के मामले आते हैं. उसके अलावा फेक ट्रांजैक्शन और क्रिप्टोकरंसी का अवैध इस्तेमाल जैसे तरीके भी अपनाए जा रहे हैं.
आइए जानते हैं सबसे ज्यादा किस तरह के रियल एस्टेट फ्रॉड का शिकार बन रहे हैं और इन्हें कैसे पहचान सकते हैं और कैसे बच सकते हैं.
रेंटल स्कैम
रेंटल स्कैम कई तरह से हो सकते हैं और बायर, सेलर या किसी पर भी इसका कहीं ज्यादा बुरा असर हो सकता है. बीते कुछ सालों में फेक रेंटल के मामले कुछ ज्यादा ही बढ़े हैं. ऐसे मामलों में कोई एक शख्स या कुछ लोगों का ग्रुप मिलकर रेंट के फर्जी ऐड पोस्ट करता है और किराये पर घर ढूंढ रहे किरायेदारों से डिपॉजिट करने को कहता है.
अमरेंद्र साहू कहते हैं, ऐसे सभी पोस्ट्स से बचकर रहें जिसमें किसी तरह का संदेह नजर आ रहा हो या फिर फर्जी दिख रहे हों. जिस भी पोस्ट को देखकर आपको लगे कि इतनी सस्ती डील तो मिल ही नहीं सकती. यहां जरूर दाल में कुछ काला है.
मिसाल के तौर पर रेंट मार्केट रेट के मुकाबले काफी कम ऑफर किया जा रहा हो, फोटो उम्मीद से कहीं ज्यादा सुंदर हों, मकानमालिक को फोन करने पर आपको ये सुनने को मिले कि या तो वो शहर के बाहर गए हैं और अभी प्रॉपर्टी नहीं दिखा सकते जैसे कई बहाने सुनकर आपको अलर्ट हो जाना चाहिए.
ये लोग भरपूर कोशिश करते हैं कि किरायेदार को बेवकूफ बनाकर एडवांस अपने खाते में ट्रांसफर करा लें. अगर आप उनकी बातों में फंसकर पैसे भेज दिया तो आपके पैसे गए. इसलिए बिना जांचे परखे, अपनी आखों से प्रॉपर्टी देखे बिना कभी पैसे ट्रांसफर न करें.
वायर स्कैम्स
रियल एस्टेट वायर स्कैम्स कई तरह से हो सकते हैं. लेकिन सबसे कॉमन तरीका होता है जब जालसाज घर खरीदार या सेलर को उनके फर्जी खाते में पैसे भेजने के लिए फंसा लेते हैं.
जालसाज असली रियल एस्टेट एजेंट, अटॉर्नी की जानकारी चुराकर और उनकी पहचान लेकर आपसे बात करते हैं. खरीदार या किरायेदार के साथ इस चालाकी के साथ बात करते हैं जैसे वो वाकई प्रॉपर्टी के मालिक हों.
ऐसे फ्रॉड से बचने के लिए आपको हमेशा रियल एस्टेट एजेंट से सामने से मिलना चाहिए और किसी भी तरह के पैसे भेजने से पहले सभी चीजों को अच्छी तरह जांच परख लेना चाहिए.
बेट एंड स्विच स्कैम
इस तरह की धोखाधड़ी में जालसाज पहले तो बड़े ही कम दाम पर एक आकर्षक प्रॉपर्टी दिखाते हैं. जब किरायेदार/खरीदार आकर्षित होकर जांच पूछ के लिए उनके पास आते हैं तो उन्हें सुनने को मिलता है कि ये प्रॉपर्टी तो बिक गई है कोई और प्रॉपर्टी देख सकते हैं.
ये लोग खरीदार या किरायेदार को जबरन महंगी या खराब सी प्रॉपर्टी दिखाने लगते हैं और उसे लेने के लिए दबाव भी बनाने लगते हैं. अनैतिक कारोबारी तरीके अपनाने वाले ब्रोकर्स या मकानमालिक इस तरह के तरीके अपनाकर लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश करते हैं.
फिशिंग स्कैम्स
ऐसे मामलों में कुछ जालसाज रियल एस्टेट या ब्रोकर बनकर फर्जी वेबसाइट का इस्तेमाल करके लोगों की जानकारी चुराने के लिए इस्तेमाल करते हैं.
टाइटल फ्रॉड
इस तरह के फ्रॉड में जालसाज प्रॉपर्टी मालिक का पहचान चुरा कर उसकी प्रॉपर्टी की ओनरशिप अपने नाम पर करने की कोशिश करता है.