Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

हो जाइए तैयार: आ रहे हैं 50 हजार स्टार्टअप्स और साढ़े ग्यारह लाख नौकरियां

हो जाइए तैयार: आ रहे हैं 50 हजार स्टार्टअप्स और साढ़े ग्यारह लाख नौकरियां

Sunday June 23, 2019 , 5 min Read

युवाओं के सामने आज दोहरे ऑप्शंस हैं- स्टार्टअप और जॉब। केंद्र सरकार 50 हजार नए स्टार्टअप पैदा करने जा रही है, जबकि मौजूदा समय में एक से 25 करोड़ रुपए तक की नेट वर्थ वाले स्टार्टअप ही कमाई कर पा रहे हैं। उधर, ताज़ा सर्वे रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि सितंबर तक 11 लाख 50 हजार नौकरियां आने वाली हैं।


jobs

सांकेतिक तस्वीर

आज के ज्यादातर युवा जॉब और स्टार्ट अप, दो तरह की संभावनाओं पर काम कर रहे हैं। दोनो की पॉसबिलिटी और परिस्थितियां अलग-अलग हैं। जहां तक स्टार्ट अप की बात है, भारत भले ही आज दुनिया के सबसे अधिक स्टार्टअप वाले देशों में शामिल हो चुका हो, एक ताज़ा सर्वे के मुताबिक, इस समय ढाई सौ तक स्टॉप वाले एक से 25 करोड़ रुपए तक की नेट वर्थ वाले काम ही कमाई करा पा रहे हैं, जबकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि 50 हजार स्टार्टअप खड़े करने के लक्ष्य के साथ सरकार नियमों को सरल करते हुए स्टार्टअप तंत्र और मजबूत बनाने के कदम उठाने जा रही है। इस अभियान को आगे और गति दी जाएगी। देश में नवोदित उद्यमियों के लिहाज से अनुकूल माहौल बनाने के लिए एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप की पहल की गई है। अब तक 19,303 कंपनियों को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी गई है।


इस बीच स्कूलों में दाखिला कराने से लेकर मां-बाप बनने के इच्छुक लोगों तक के लिए स्टार्ट अप सक्रिय हो गए हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया की छात्रा इशिता सिंह का स्टार्ट अप 'द फाउंडेशन ऑफ लाइफ एंड नेशन' ऐसे लोगों के लिए है, जो मां-बाप बनना चाह रहे हैं लेकिन इस सम्बंध में किसी तरह की जानकारी के लिए उनको पूरा इंटरनेट खंगालते रहते हैं। सोलह साल की रिया गुप्ता का स्टार्टअप ‘स्टारिया’ दिल्ली-एनसीआर में बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाने की अभिभावकों की मुश्किलें आसान कर रहा है। वह अब तक सौ से अधिक छात्रों का दाखिला करा चुकी हैं। इंदौर (म.प्र.) में स्टार्ट अप 'कैलिप्सो' से जुड़ी करीब 30 लोगों की टीम के प्रमुख गौरव राणा चलती ट्रेनों में यात्रियों को मालिश की सुविधा देने का प्रस्ताव रेलवे द्वारा वापस ले लिए जाने पर अदालत का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दे रहे हैं।


जहां तक इंडस्ट्री में जॉब मिलने के हालात हैं, फिलहाल, तो लगभग पांच हजार कंपनियों के सर्वे के मुताबिक, भारत में जॉब मार्केट की असलियत चौंका रही है। इस स्टडी में स्टार्ट अप्स के हिसाब से सिर्फ 3.84 प्रतिशत इंजीनियर्स ही योग्य पाए गए हैं। चालू तिमाही में सिर्फ तेरह प्रतिशत कंपनियां नई नियुक्तियों के मूड में हैं। यह आंकड़ा पिछले साल सोलह फीसद था। ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री वालों को जॉब मिलने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालात इतने बुरे हैं कि करीब 25,000 पोस्ट ग्रेजुएट या ग्रेजुएट ऑनलाइन कारोबारियों के पास डिलीवरी स्टाफ का काम कर रहे हैं।





सॉफ्टवेयर इंजीनियर आदि को जॉब मार्केट में अपनी उपयोगिता बनाए रखने के लिए नई तरह की तकनीकी कुशलताएं जरूरी हो गई हैं। सीएक्सओ (सीईओ, सीएफओ) लेवल पर खासतौर डिजिटल रोल में कुशल कर्मियों के लिए नौकरियों की कोई कमी नहीं है। फिलहाल, सेक्टर के हिसाब से केपीओ, लाइफ साइंसेज, हेल्थकेयर, रिन्यूएबल एनर्जी, प्रोजेक्ट इंजीनियरिंग में जॉब की उपलब्धता संतोषजनक पाई गई है। बड़े पदों, मसलन, एड-टेक, फिन-टेक, मेड-टेक के अलावा दूसरे डिजिटल साइड के रोल के लिए जॉब के अच्छे अवसर अब भी उपलब्ध हैं। इस वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में सितंबर तक बैंकों और एनबीएफसी इंडस्ट्रीज में करीब 47,800 नई नौकरियां होंगी।


जॉब पर फोकस टीमलीज सर्विसेज का ताज़ा रिसर्च (एम्पॉयमेंट आउटलुक) दावा कर रहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में देश में 11.5 लाख नौकरियों के अवसर पैदा हो रहे हैं। इनमें ट्रेवल, हॉस्पिटेलिटी और बीपीओ सेक्टर सबसे आगे होंगे। बढ़ती खरीदारी का असर नई नौकरियों के रूप में भी देखने को मिलेगा। संगठित क्षेत्र में करीब 11.5 लाख नौकरियां पैदा होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि 19 में से 11 सेक्टर्स में नौकरियां बढ़ेंगी, जबकि 8 सेक्टर्स में कम हो सकती हैं।


रिटेल, लॉजिस्टिक, शिक्षा सेवा और एफएमसीजी सेक्टर में क्रमश: 1.66 लाख, 1.47 लाख, 1.18 लाख और 1.10 लाख नौकरियां मिलने की संभावना हैं। टीयर-II शहरों में भर्ती की दर में पांच फीसदी का इजाफा हो सकता है। टीयर-III शहरों और गांवों में भर्ती की रफ्तार दो फीसदी की दर से बढ़ सकती है। मध्यम स्तर kr नौकरियों की दर में चार फीसदी का इजाफा होने जा रहा है। पांच फीसद के साथ पुणे, चार फीसद के साथ कोयंबटूर और इंदौर में रोजगार बढ़ने की संभावना जताई गई है। इस दृष्टि से सर्वे में कोच्चि गुरुग्राम और हैदराबाद में नौकरियों में गिरावट का अंदेशा जताया गया है।


उधर, एक कठोर सचाई देश में तेजी से बढ़ते कामकाज में ऑटोमेशन की सामने आई है, जिसकी वजह से जॉब पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या ऑटोमेशन से हर सेक्टर में जॉब पर असर पड़ेगा या कुछ कारोबार ऐसे भी हैं, जिन पर ऑटोमेशन का असर कम पड़ने की आशंका है। हाल में ही सामने आई एक अन्य सर्वे रिपोर्ट से पता लगा है कि ह्यूमन रिसोर्स (एचआर) विभाग पर ऑटोमेशन का सबसे अधिक असर पड़ने वाला है। वर्ष 2025 तक जॉब के लिहाज से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) सबसे अधिक प्रतिभा की मांग वाला सेक्टर होने जा रहा है।


गौरतलब है कि एआई में निवेश करने वाली लगभग पैसठ प्रतिशत कंपनियां मौजूदा इम्पलॉई की कुशलता बढ़ाने पर निवेश कर रही हैं। इसलिए अगले साल तक लगभग 18 लाख रोजगार के अवसर कम हो जाने की आशंका है। हालांकि इसके बाद एआई जॉब के हिसाब से बेहतर करियर वाली 23 लाख नौकरियां आने की भी संभावना है। इस बीच बीते पांच सालों में देश में नौकरी करने वाले पुरुषों की संख्या में भारी गिरावट आई है। नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2011 से 2018 के बीच करीब दो करोड़ पुरुषों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। फिर भी चालू वित्त वर्ष 2019-20 में सितंबर तक वित्तीय सेवा सेक्टर में बंपर नौकरियों की संभावना जताई जा रही है।