क्रिसमस के जश्न के लिए ईसा मसीह का जन्म स्थान बेथलहम हुआ तैयार
ईसा मसीह का जन्म स्थान बेथलहम क्रिसमस का जश्न मनाने के लिए दुनियाभर के श्रद्धालुओं का स्वागत करने की तैयारी में जुटा हुआ है।
इजराइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक का यह ‘छोटा-सा शहर’ चर्च ऑफ नैटिविटी में और उसके आसपास जश्न की तैयारियों में लगा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि यह गिरजाघर उस स्थान पर बना है जहां ईसा मसीह का जन्म हुआ था।
यरुशलम के लैटिन पैट्रियार्क के धर्म प्रशासक और पश्चिम एशिया में रोमन कैथोलिक के सबसे वरिष्ठ अधिकारी आर्चबिशप पियरबटिस्टा पिज्जाबाला के मंगलवार सुबह यरुशलम से बेथलहम आने का कार्यक्रम है।
वह चर्च ऑफ नैटिविटी में आधी रात में होने वाली प्रार्थना सभा का नेतृत्व करेंगे। फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के भी इसमें भाग लेने की संभावना है।
इस स्थान पर पहला गिरजाघर चौथी सदी में बना था। हालांकि छठी सदी में आग लगने के कारण इसे बदल दिया गया। बेथलहम यरुशलम से नजदीक है लेकिन इजराइल के अलगाव के कारण पवित्र शहर से कटा हुआ है।
पिछले साल के मुकाबले इस बार गाजा पट्टी के कम ईसाई इस समारोह में शामिल होंगे क्योंकि इजराइल ने करीब 200 लोगों को ही परमिट दिया है, जबकि 900 लोगों ने इसके लिए आवेदन किया था।
चर्च ऑफ नैटिविटी की स्थापना 339 ईस्वी में हुई थी, लेकिन इसे बाद में नष्ट कर दिया गया था, जिसके बाद इस स्थान पर ही पहले से और बड़े चर्च का निर्माण कराया गया था। यह चर्च जितना खास है, इसी के साथ यह काफी सुंदर भी है। इस इलाके के आस-पास दुनिया के सबसे प्राचीन ईसाई समुदाय भी रहते हैं।
गौरतलब है कि पश्चिमी देशों में क्रिसमस का उत्सव 30 नवंबर से ही शुरू हो जाता है और यह उत्सव 25 दिसंबर तक चलता है, जबकि पूर्वी देशों में यह उत्सव 15 नवंबर से शुरू होता है, जो 25 दिसंबर तक कुल 40 दिन चलता है।
ईसा के जन्मदिन पर हिस्सा लेने दुनिया भर ईसाई समुदाय के लोग यहाँ पहुँचते हैं। क्रिसमस के मौके पर उस जगह सबसे अधिक लोग जुटते हैं, जहां पर ईसा मसीह का जन्म हुआ था। इस क्षेत्रके चप्पे-चप्पे पर इज़राइल की अपनी सेना नज़र रखती है।
(Edited By प्रियांशु द्विवेदी)