Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT

भिखारिन ने मांगकर इकट्ठे किए थे 6.6 लाख रुपये, पुलवामा शहीदों को किए अर्पित

 भिखारिन ने मांगकर इकट्ठे किए थे 6.6 लाख रुपये, पुलवामा शहीदों को किए अर्पित

Friday February 22, 2019 , 3 min Read

नंदिनी शर्मा

हमारा समाज कितना संवेदनशील और दयालु है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक भीख मांगने वाली औरत भी अपने मांगे हुए पैसों को देश और समाज के लिए न्योछावर कर देती है। यह मामला अजमेर का है जहां एक बुजुर्ग महिला भीख मांगकर अपना गुजारा करती थी। हालांकि महिला का पिछले साल अगस्त में देहांत हो गया था। उन्होंने इन पैसों के उपयोग के लिए एक वसीयत बनाकर रखी थी, जिसमें इनका इस्तेमाल समाज के हित के लिए करने के लिए कहा गया था।


अब महिला के संरक्षकों ने इन पैसों को पुलवामा में शहीद हुए जवानों के नाम पर दान करने का फैसला किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला भिखारन का नाम नंदिनी शर्मा था। नंदिनि ने मरने से पहले इच्छा जताई थी कि उसके जुटाए गए पैसों को समाज और देश के हित में लगा दिया जाए। लोग बताते हैं कि नंदिनी अजमेर के बजरंगगढ़ में स्थित अंबे माता मंदिर के बाहर भीख मांगती थीं और वहीं से उन्होंने ये पैसे इकट्ठा किए। वह अपने पैसे हर दिन बैंक में जमा करती थीं और अपनी मौत के बाद इन पैसों का ख्याल रखने के लिए उन्होंने दो लोगों को अपना संरक्षक बना रखा था।


नंदिनी के संरक्षकों ने उनकी मौत के बाद काफी इंतजार किया और फैसला किया कि सही समय आने पर इन पैसों को दान किया जाएगा। हाल ही में जब पुलवामा में आतंकी हमलों में 44 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए तो पूरा देश दहल गया और लोग उनके परिजनों की मदद करने के लिए आगे आए। इस मौके पर नंदिनी के पैसों की देखभाल करने वाले लोगों को लगा कि यह सही मौका है और इसमें दान करने से नंदिनी को सच्ची श्रद्धांजलि मिलेगी।


अजमेर के कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया, 'नंदिनी के संरक्षक मेरे दफ्तर में आए और इन पैसों को मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देने की बात कही, जिससे शहीदों के परिवार की मदद हो सके। लीगल सेल ने औपचारिकताएं पूरी की और पैसा लेकर उन्हें एक सर्टिफिकेट जारी कर दिया।' नंदिनी के संरक्षक संदीप गौर कहते हैं, 'भले ही उनकी कमाई भीख मांगने से आई हो लेकिन वह इसे देश के लिए इस्तेमाल करना चाहती थीं। हमें लगा कि सीआरपीएफ जवानों के परिवार की मदद के लिए इसका उपयोग किया जाना सही रहेगा।'


एनबीटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक नंदिनी के इस काम की खबर मंदिर के पुजारियों तक पहुंची तो उन्होंने भी नंदिनी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। अंबे माता मंदिर के पुजारी का कहना है, 'श्रद्धालु हमेशा ही नंदिनी का सम्मान करते थे और उन्हें फल, कपड़े और पैसे देते रहते थे। जो रेग्युलर मंदिर आते थे, वे नंदिनी के बारे में जानते थे कि वह अपने पैसे बैंक में जमा करती हैं।' वाकई यह हमारे देश के नागरिकों की महानता ही है कि वे देश के लिए अपने जान की कुर्बानी देने वाले वीर शहीदों के परिवार को अपना समझ लेते हैं औऱ उनकी मदद के लिए जो बन पड़ता है करने से पीछे नहीं हटते।


यह भी पढ़ें: सरकार का बड़ा फैसला: अब अर्धसैनिक बलों के सभी जवान कर सकेंगे हवाई सफर