5 महीने बाद कश्मीरवासियों के लिए राहत की खबर, 80 अस्पतालों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं बहाल
कश्मीर घाटी में शुरुआती गड़बड़ियों के बाद 80 सरकारी अस्पतालों और नर्सिंग होम में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अस्पतालों में इंटरनेट सेवाओं की बहाली को घाटी में मरीजों और स्वास्थ कर्मियों के लिये बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।
श्रीनगर में छाती संबंधी रोगों के अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सलीम टाक ने पुष्टि की है कि अस्पताल में बृहस्पतिवार को इंटरनेट ने काम करना शुरू कर दिया है, "जो हमारे साथ-साथ रोगियों के लिये भी बड़ी राहत की बात है।"
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा,
‘‘पूरे कश्मीर में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े स्वास्थ्य केंद्रों और कार्यालयों समेत 80 सरकारी अस्पतालों में ब्रॉडबैंड हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं।’’
अधिकारी ने कहा कि घाटी के लोगों को नववर्ष का तोहफा देने के लिये 31 दिसंबर की मध्यरात्रि से सरकारी अस्पतालों में इंटरनेट सेवाएं शुरू होनी थीं, लेकिन कुछ तकनीकी खामियों के चलते ऐसा नहीं हो सका।
केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द करने तथा राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा करने से एक दिन पहले चार अगस्त की रात को इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं थी।
आपको बता दें कि बीते साल 5 अगस्त से श्रीनगर में बंद मोबाइल एसएमएस सेवा शुरू किए जाने से कश्मीरियों में खुशी की लहर रही। श्रीनगर के सरकारी अस्पतालों में ब्रॉडबैंड बुधवार को शुरू नहीं की जा सकी थी। तकनीकी अड़चन की वजह से सभी नेटवर्क पर इसके काम नहीं करने से लोग मैसेज नहीं भेज पाए। घाटी में कई लोगों की शिकायत रही कि बीएसएनएल सहित कुछ ही नेटवर्क प्रदाताओं पर एसएमएस सेवा काम कर रही है।
लोगों ने कहा कि पांच महीने बाद सुकून मिला है। वहीं मोबाइल इंटरनेट बंद होने से व्हाट्सएप काम नहीं कर रहा है।
गौरतलब हो कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 में बदलावों के बाद घाटी में ऐहतियातन सुरक्षा के लिए कई चीजों पर बैन लगा दिया गया था। बैन के बाद 14 अक्टूबर को पोस्टपेड सेवाएं शुरू कर दी गई थीं। वहीं जम्मू, लद्दाख व कारगिल में कई जगह इंटरनेट सेवाएं शुरू कर दी गई हैं।
(Edited by रविकांत पारीक )