Budget 2023: फिर शुरू हुई 'हलवा सेरेमनी', बजट से पहले क्या हैं इस रस्म के मायने
यह समारोह दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक के ‘बेसमेंट’ में आयोजित किया जाता है. यहीं पर वह प्रिटिंग प्रेस है, जहां बजट डॉक्युमेंट छपते हैं.
बजट (Union Budget) से पहले होने वाली पारंपरिक हलवा सेरेमनी (Halwa Ceremony) एक साल के गैप के बाद एक बार फिर शुरू हो गई. इस सेरेमनी को छपाई के स्तर पर बजट दस्तावेज को अंतिम रूप देने का आखिरी चरण माना जाना है. 26 जनवरी को आयोजित हुई इस रस्म में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) शामिल हुईं और उन्होंने परंपरा के तौर पर हलवा बांटा. पिछले साल कोविड-19 महामारी को देखते हुए हलवा सेरेमनी नहीं हुई थी. उसकी जगह मिठाई बांटी गयी थी.
हलवा सेरेमनी वास्तव में परंपरागत बजट कार्यक्रम है, जिसे बजट की छपाई से पहले मनाया जाता रहा है. इसमें हलवा तैयार किया जाता है और बजट की तैयारी में शामिल रहे वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को परोसा जाता है. यह समारोह दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक के ‘बेसमेंट’ में आयोजित किया जाता है. यहीं पर वह प्रिटिंग प्रेस है, जहां बजट डॉक्युमेंट छपते हैं. वित्त मंत्रालय, नार्थ ब्लॉक में ही स्थित है. इस सेरेमनी में वित्त मंत्री और अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी शामिल होते हैं.
कौन-कौन से अधिकारी हुए शामिल
वित्त मंत्रालय की तरफ से ट्विटर पर जारी तस्वीरों के अनुसार समारोह में वित्त मंत्री सीतारमण के अलावा, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और भागवत के कराड व वित्त सचिव टी वी सोमनाथन, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ, दीपम (निवेश और लोक संपत्ति प्रबंध विभाग) सचिव तुहिन कांत पांडेय और राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. इसके अलावा, मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत वी. नागेश्वरन, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष नितिन गुप्ता, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अध्यक्ष विवेक जौहरी, अतिरिक्त सचिव (बजट) आशीष वछानी और बजट तैयार करने व संकलन की प्रक्रिया में शामिल वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे. इस दौरान वित्त मंत्री ने बजट प्रेस का भी दौरा किया और संबंधित अधिकारियों को अपनी शुभकामनाएं देने के अलावा तैयारियों की समीक्षा की.
क्यों की जाती है यह रस्म
भारत में कहा जाता है कि हर शुभ काम करने से पहले कुछ मीठा खाना चाहिए. बजट जैसे बड़े ईवेंट से पहले हलवा सेरेमनी के पीछे भी यही मान्यता है. इस परंपरा के तहत वित्त मंत्रालय के ऑफिस में एक बड़ी कढ़ाई में हलवा बनाया जाता है. केंद्रीय वित्त मंत्री खुद बजट से जुड़े कर्मचारियों और वित्त अधिकारियों को हलवा बांटते हैं. इस रस्म के बाद बजट की गोपनीयता बनाए रखने के लिए हर साल बजट बनाने में शामिल अधिकारियों को "लॉक-इन" कर दिया जाता है, यानी अलग रखा जाता है. सरल शब्दों में बजट तैयार करने की "लॉक-इन" प्रक्रिया शुरू होने से पहले हर साल प्रथा के तौर पर हलवा समारोह आयोजित किया जाता है. ये अधिकारी और कर्मचारी संसद में बजट पेश होने तक नॉर्थ ब्लॉक के ‘बेसमेंट’ में रहते हैं. यानी वे बाहर की दुनिया से पूरी तरह अलग-थलग होते हैं. नॉर्थ ब्लॉक के ‘बेसमेंट’ में पूरी गोपनीयता रखी जाती है. वित्त मंत्री द्वारा 1 फरवरी को लोकसभा में अपना बजट भाषण पूरा करने के बाद ही ये कर्मचारी व अधिकारी बाहर आते हैं.
इस बार भी टैबलेट में ही रहेगा बजट
सीतारमण, केंद्रीय वित्त मंत्री के तौर पर वित्त वर्ष 2023-24 के लिये 1 फरवरी को अपना पांचवां बजट पेश करेंगी. पिछले दो वित्त वर्षों की तरह 2023-24 का बजट भी डिजिटल स्वरूप में पेश किया जाएगा. आधिकारिक बयान के अनुसार वित्त मंत्री का बजट भाषण पूरा होने के बाद बजट से जुड़े सभी 14 डॉक्युमेंट ‘यूनियन बजट मोबाइल ऐप’ पर उपलब्ध होंगे. यह ऐप एंड्रॉयड और एप्पल ओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है. 14 डॉक्युमेंट्स में वार्षिक वित्तीय ब्योरा (बजट), अनुदान मांगें, वित्त विधेयक आदि शामिल हैं.
Edited by Ritika Singh