वित्त वर्ष 2024-25 में लैंगिक बजट 38.6 प्रतिशत बढ़ा
केंद्रीय बजट में कुल लैंगिक बजट का हिस्सा 2023-24 में 5 प्रतिशत से बढ़कर 2024-25 में 6.5 प्रतिशत किया गया है. पिछले वर्ष की तुलना में लैंगिक बजट में इस वृद्धि का 87 प्रतिशत हिस्सा 7 मंत्रालयों/विभागों द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए बढ़े हुए आवंटन के कारण है.
संसद में जिस तरह से 1 फरवरी, 2024 को प्रस्तुत किये गए अंतरिम बजट 2024-25 में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच के अनुसार हमें चार प्रमुख समुदायों यानी कि 'गरीब' (निर्धन), 'महिलाएं' (औरतें एवं बालिकाएं) 'युवा' (नवयुवक व नवयुवतियां) और 'अन्नदाता' (किसान) पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. उनकी जरूरतें, उनकी आकांक्षाएं और उनका कल्याण करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
वित्त वर्ष 2024-25 में लैंगिक बजट में 38.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. मुख्य अंश इस प्रकार से समझे जा सकते हैं:
- 43 मंत्रालयों/विभागों/केंद्र शासित प्रदेशों ने लैंगिक बजट विवरण 2024-25 (बजट अनुमान) में कुल 3.09 लाख करोड़ रुपये खर्च होने की जानकारी दी है, जबकि 2023-24 में यह राशि 2.23 लाख करोड़ रुपये थी.
- 38 मंत्रालयों/विभागों और 5 केंद्रशासित प्रदेशों ने या तो भाग ए या फिर भाग बी में अपनी रिपोर्ट दी है.
- भाग ए में (100 प्रतिशत महिला केंद्रित योजनाएं) 22 मंत्रालयों एवं विभागों और 5 केंद्रशासित प्रदेशों ने जानकारी दी है.
- भाग बी में 31 मंत्रालयों एवं विभागों तथा 4 केंद्रशासित प्रदेशों ने (महिलाओं के लिए 30-99 प्रतिशत बजटीय आवंटन की) अपनी रिपोर्ट दी है.
- लैंगिक बजट विवरण 2024-25 में सूचित की गई लैंगिक बजट की मात्रा 2023-24 के बजट अनुमान से 38.6 प्रतिशत अधिक है.
- केंद्रीय बजट में कुल लैंगिक बजट की हिस्सेदारी 2023-24 में 5 प्रतिशत से बढ़कर 2024-25 में 6.5 प्रतिशत हो गई.
पिछले वर्ष की तुलना में लैंगिक बजट में इस वृद्धि का 87 प्रतिशत हिस्सा 7 मंत्रालयों/विभागों द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए बढ़े हुए आवंटन के कारण है.
विद्युत मंत्रालय और नागर विमानन मंत्रालय ने पहली बार लैंगिक बजट विवरण 2024-25 में रिपोर्ट दी है.