क्या है बग बाउंटी प्रोग्राम, जिसके जरिये हर साल लाखों डॉलर की कमाई करते हैं साइबर रिसर्चर और एथिकल हैकर्स?
आज दुनिया भर में साइबर रिसर्चर और एथिकल हैकर्स बग बाउंटी प्रोग्राम के जरिये साल में लाखों डॉलर की कमाई कर रहे हैं।
जब आप किसी ऐप या वेबसाइट का इस्तेमाल करते हैं तो जरूरी नहीं है कि उस ऐप या वेबसाइट में कोई तकनीकी खामी ना हो जिसके चलते आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है, इन खामियों को तकनीकी भाषा में बग भी कहते हैं।
इन बग को अपनी ऐप्स या वेबसाइट्स से हटाना सभी कंपनियों की प्राथमिकता होती है और कंपनियाँ इसके लिए बाहरी रिसर्चर्स या एथिकल हैकर्स की मदद लेती हैं। कंपनियाँ अपने उत्पादों को बेहतर करने और उनमें संभावित बग का पता लगाने के लिए ‘बग बाउंटी प्रोग्राम’ चलाती हैं, जिनके जरिये इन कंपनियों को उनके उत्पाद में मौजूद बग का पता चल पाता है और वे उसे दूर कर अपने उत्पाद को बेहतर बनाती रहती हैं।
क्या है ये बग बाउंटी प्रोग्राम?
टेक कंपनियों द्वारा उनके उत्पादों में बग ( तकनीकी खामियां या चूक) का पता लगाने के लिए बग बाउंटी प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है, जिसमें किसी व्यक्ति या समूह को उत्पाद में बग की खोज करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। आमतौर पर ये व्यक्ति साइबर रिसर्चर या एथिकल हैकर्स होते हैं, जो बग को खोज कर उन्हे उन कंपनियों को रिपोर्ट करते हैं।
बग बाउंटी प्रोग्राम आमतौर पर बड़ी कंपनियों द्वारा नियमित अंतराल पर चलाये जाते रहते हैं। इन प्रोग्राम के जरिये इन कंपनियों को अपने प्रॉडक्ट को नुकसान से बचाने और उसे लगातार सुरक्षित बनाए रखने में मदद मिलती है।
कैसे होती है कमाई?
बग बाउंटी प्रोग्राम के जरिये डेवलपर्स और एथिकल हैकर्स अच्छी ख़ासी कमाई कर ले जाते हैं। आमतौर पर कंपनियों द्वारा बग रिपोर्ट करने के एवज में उन्हे कई हज़ार डॉलर तक में भुगतान किया जाता है। कुछ डेवलपर्स इस काम को नियमित तौर पर करते हैं और उनकी आय का मुख्य साधन भी यही होता है।
हालांकि डेवलपर्स के लिए भी कुछ खास नियम व शर्तें होती हैं, जैसे ढूंढा गया बग ओरिजिनल होना चाहिए और यह बग पहले से किसी और ने रिपोर्ट ना किया हो। बग की खोज करते समय भी यूजर्स और कंपनी के डेटा और निजता के साथ कोई छेड़छाड़ ना की गई हो। इसी के साथ कंपनियाँ इस तरह के प्रोग्राम चलाते समय अपने नियम व शर्तें भी सामने रखती हैं जिनका पालन करना अनिवार्य होता है।
ताजा उदाहरण की बात करें तो हाल ही में आरोग्य सेतु ऐप को ओपेन सोर्स करने के साथ ही नीति आयोग ने उसके लिए एक बग बाउंटी प्रोग्राम भी लांच किया था, जिसके तहत बग की खोज करने वाले को व्यक्ति को एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी।
कितना है स्कोप?
2018 में सामने आई बीबीसी की एक रिपोर्ट की मानें तो एथिकल हैकर्स एक साल में 3 लाख 50 हज़ार डॉलर तक की कमाई कर लेते हैं, जबकि इन बग बाउंटी प्रोग्राम के तहत हैकर्स हर महीने औसत 50 हज़ार डॉलर की कमाई करते हैं, जबकि कुछ तो 10 लाख डॉलर तक की कमाई करते हैं।
यदि आप एक साइबर सुरक्षा रिसर्चर, एथिकल हैकर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, वेब डेवलपर या हाई लेवल कंप्यूटर स्किल वाले व्यक्ति हैं तो आप एक सफल बग बाउंटी हंटर बन सकते हैं।
बग बाउंटी आज एक आकर्षक कैरियर विकल्प है और बीते वर्षों में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की है। बग बाउंटी प्रोग्राम न केवल रिसर्चर को अपने करियर को संवारने में मदद करते हैं, इसके जरिये ऑनलाइन वेबसाइटों और यूजर्स के लिए एक सेफ प्लेटफॉर्म बनाने में भी मदद मिलती है।