भाषा की चुनौतियों को दूर करने में लोगों की मदद कर रहा है बिहार का यह स्टार्टअप
मुंबई स्थित स्टार्टअप मैगटैप टेक्नोलॉजीज (MagTapp Technologies) वेब ब्राउजर, डॉक्यूमेंट्स रीडर, डिक्शनरी और ट्रांसलेटर को एक साथ जोड़ता है ताकि यूजर्स को दृश्य संकेतों की सहायता से नई भाषाएँ सीखने में मदद मिल सके।
सबसे अच्छे समाधान वे होते हैं जो व्यक्तिगत समस्याओं को संबोधित करने से निकलते हैं, और मैगटैप टेक्नोलॉजीज (MagTapp Technologies) भी इसी तरह से अस्तित्व में आया। बिहार के तीन दोस्तों ने अंग्रेजी के साथ भाषा की बाधा महसूस की और इसी तरह के मुद्दों का सामना कर रहे लोगों के लिए समस्या को हल करने का फैसला किया। उन्होंने लोगों को आसान समझ के लिए दृश्यों का उपयोग करके शब्दों के अर्थ को खोजने में मदद की।
सत्यपाल चंद्र, रोहन सिंह, और अभिषेक सिंह द्वारा 2019 में शुरू किया गया, मुंबई स्थित मैगटैप टेक्नोलॉजीज एक इन-बिल्ट विजुअल डिक्शनरी और डॉक्यूमेंट या पीडीएफ रीडर है जो 12 भारतीय भाषाओं और 30 वैश्विक भाषाओं में उपलब्ध है।
अरबों लोगों की मदद करना
तीनों संस्थापक बिहार में पैदा हुए वहीं पले-बढ़े और बड़े होने के दौरान उन्हें अंग्रेजी के साथ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन वह मोड़ तब आया जब 32 साल के सत्यपाल अब बिहार के रसलपुर गांव से गुजर रहे थे।
उन्होंने देखा कि एक लड़की ऑनलाइन एक आर्टिकल को पढ़कर अपना होमवर्क कर रही थी। पढ़ते समय, वह लगातार ब्राउजर और डिक्शनरी ऐप्स के बीच स्विच कर रही थी। यह बात उनके दिमाग में अटक गई, और उन्होंने रोहन और अभिषेक के साथ इस पर चर्चा की।
सत्यपाल कहते हैं, "पहले दिन से, मेरे पास एक शब्द के विजुअल मीनिंग का आइडिया था जो बिना किसी ऐप्स को स्विच किए देखा जा सकता है।"
तीनों मित्र निरंतर सीरियल आंत्रप्रेन्योर रहे हैं। सत्यपाल ने अपनी खुद की मीडिया कंपनी मुंबई में चलाई, वहीं भाई - अभिषेक और रोहन मेरठ में अपनी पढ़ाई करने के साथ-साथ एक प्रोडक्ट डेवलपमेंट और डिजिटल मार्केटिंग कंपनी चला रहे थे।
अभिषेक आर्मी पब्लिक स्कूल में बारहवीं कक्षा में थे, और रोहन एन ए एस कॉलेज, मेरठ में थे, बैचलर ऑफ कॉमर्स के पहले साल में थे।
अपनी 12 साल की स्कूली शिक्षा में, रोहन और अभिषेक ने 7 से 8 स्कूलों में अपने पिता की विभिन्न जगहों पर पोस्टिंग के कारण पढ़ाई की। विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं के लिए इस तरह के एक्सपोजर से उन्हें मैगटैप बनाने और आगे बढ़ाने में मदद मिली।
सत्यपाल रोहन को तब से जानते थे जब वे फेसबुक पर एक ब्लॉग पर साथ काम करते थे। रोहन ने सत्यपाल की लिखी किताबें भी पढ़ी थीं, जिससे उन्हें बॉन्ड डेवलप करने में मदद मिली। इसलिए, उन्होंने सह-संस्थापक के रूप में एक साथ काम करने का फैसला किया।
20 वर्षीय रोहन कहते हैं, "सत्यपाल ने मुझे इस समस्या के बारे में बताया, मुझे एहसास हुआ कि मैं भी अपने कॉलेज के कामों को करते हुए दिन-ब-दिन इसका सामना कर रहा था।"
वह वेब ब्राउजर, डॉक्यूमेंट रीडर, डिक्शनरी और ट्रांसलेटर को एक ही ऐप में जोड़ने के आइडिया के साथ आए। रोहन के अनुसार, अधिकांश समय, कंटेंट वेब ब्राउजर में, डॉक्यूमेंट पर, या व्हाट्सएप, फेसबुक या टेक्स्ट मैसेजेस पर ऑनलाइन पढ़ा जा रहा है।
वह YourStory को बताते हैं, "इसलिए, एक बहुउद्देश्यीय सुविधा के साथ एक ऑल-इन-वन ऐप बनाना समझ में आया।"
एक तकनीकी विशेषज्ञ होने के नाते, 19 वर्षीय अभिषेक ने मैगटैप का पहला प्रोटोटाइप बनाया। संस्थापकों ने इसे कुछ निवेशकों के सामने पेश किया और ऑपरेशन शुरू करने के लिए 1 करोड़ रुपये का सीड राउंड हासिल किया। ऐप को जुलाई 2019 में लॉन्च किया गया था। रोहन याद करते हुए कहते हैं कि स्टार्टअप के लिए शुरू में एक बड़ी चुनौती अच्छे तकनीकी विशेषज्ञ हासिल करने की थी।
वे कहते हैं, “एक युवा कंपनी के रूप में, कभी-कभी अच्छे टैलेंटेड लोगों को आकर्षित करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है, खासकर टेक्नोलॉजी में। लेकिन हमने शानदार डेवलपर्स को काम पर रखने और फिर हमारी जरूरतों के अनुसार उन्हें प्रशिक्षित करके इससे पार पा लिया है।”
वे कहते हैं, “हमारा मिशन भारत और विदेशों में अरबों लोगों को किसी भी भाषा में बिना किसी भाषाई अवरोध के कंटेंट को पढ़ने में मदद करना है। हम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से शैक्षिक और अन्य कंटेंट को पढ़ने में भाषा की बाधा को कम करके भारत में 200 मिलियन छात्रों की मदद करना चाहते हैं।”
वन-टैप सॉल्यूशन
मैगटैप यूजर्स को दृश्य संकेतों (visual cues) प्रदान करके कंटेंट को पढ़ने में मदद करता है। जिन शब्दों को समझना मुश्किल है उन्हें समझने के लिए यूजर्स उस शब्द का दृश्य अर्थ यानी विजुअल मीनिंग प्राप्त करने के लिए उन पर टैप कर सकते हैं।
मैगटैप का ये फीचर कठिन शब्दों को गूगल या किसी बड़ी डिक्शनरी पर खोजने की आवश्यकता को दूर करता है। मैगटैप मूल रूप से पढ़ने के अनुभव को सुविधाजनक बनाने के लिए एक वेब डिक्शनरी और डॉक्यूमेंट रीडर को विजुअल डिक्शनरी से जोड़ता है।
स्टार्टअप को स्टार्टअप इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त है, और 105 लोगों की टीम के साथ, यह आपके एंड्रॉइड ऐप पर 6 लाख मंथली एक्टिव यूजर्स (एमएयू) को हैंडल करता है। यह दुनिया का पहला विजुअल ब्राउजर होने का भी दावा करता है, और जल्द ही आईओएस के साथ-साथ वेब पर भी उपलब्ध होने वाला है।
मुकाबला
WATConsult की 2020 की रिपोर्ट का अनुमान है कि 70 प्रतिशत इंटरनेट यूजर्स भारतीय भाषाओं में कंटेंट का इस्तेमाल करते हैं। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) और नीलसन द्वारा 2020 की शुरुआत में जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, पाँच और उससे अधिक उम्र के लगभग 500 मिलियन सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता थे।
वेब ब्राउजिंग के संदर्भ में, मैगटैप Jio Browser, Opera, और Firefox के साथ और जब यह ऑनलाइन डिक्शनरी की बात आती है तो यह ऑक्सफोर्ड, हिनखोज और कोलिन्स के साथ प्रतिस्पर्धा करता है।
संस्थापक कहते हैं कि ''स्टार्टअप सबसे अलग खड़ा है क्योंकि "एक स्टार्टअप के रूप, हम किसी भी ऐप के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे हैं, बल्कि उनके साथ हैं क्योंकि हम एकमात्र ऐप हैं जो एक पेज को पढ़ने के समय पर विजुअल मीनिंग प्रदान करता है।"
वह कहते हैं कि 35MB के साइज का यह ऐप पर वेब ब्राउजर, डॉक्यूमेंट रीडिंग, इमेज डिक्शनरी, ऑनलाइन बुक लाइब्रेरी, ऑनलाइन वीडियो कोर्स लाइब्रेरी, ट्रांसलेटर और गेमिंग सुविधाओं को एकीकृत करता है।
रोहन बताते हैं कि यह ऐप को वास्तव में हल्का बनाता है और इसे किसी भी स्मार्टफोन डिवाइस पर डाउनलोड किया जा सकता है।
राजस्व मॉडल और व्यवसाय
संस्थापकों ने बताया कि ऐप अपने यूजर्स के लिए फ्री है, और भविष्य में भी फ्री रहेगा। इसलिए, कंपनी विभिन्न स्रोतों जैसे विज्ञापनों, एफिलिएटेड प्रोडक्ट के प्रमोशन, सर्च इंजन ट्रैफिक और बिक्री पर कमीशन से अपने राजस्व को हासिल करती है।
“हमने एक ऑनलाइन बुक लाइब्रेरी भी शुरू की है जहाँ 60,000 से अधिक मुफ्त किताबें उपलब्ध हैं। हम अपने ऑनलाइन लाइब्रेरी सेक्शन पर विभिन्न कंटेंट क्रिएटर्स को ऑनबोर्ड करने और रेवेन्यू को साझा करके उनके कंटेंट बेचने की दिशा में काम कर रहे हैं।"
रोहन का कहना है कि मैगटैप ब्राउजर दिसंबर 2019 में लॉन्च किया गया था और अक्टूबर 2020 में इसमें इमेज डिक्शनरी फीचर जोड़ा गया। कुछ ही समय में, स्टार्टअप दो मिलियन से अधिक यूजर्स को प्राप्त करने में सक्षम रहा है।
रोहन बताते हैं, "हमारे पास 600,000 से अधिक मंथली एक्टिव यूजर्स हैं और ऐप पर यूजर्स का औसत उपयोग समय 12 मिनट है।"
उनका कहना है कि इस प्वाइंट पर, कंपनी विभिन्न मॉडलों का परीक्षण कर रही है और प्रति माह राजस्व में 1.5-3 लाख रुपये कमा रही है। आगे बढ़ते हुए, इसकी योजना 10 मिलियन उपयोगकर्ताओं तक पहुंचने और वित्त वर्ष 2022 तक 1 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करने की है।
फंडिंग और भविष्य की योजना
मुंबई में एंजेल निवेशक हसमुख दामजी गाला से 1 करोड़ रुपये की सीड कैपिटल जुटाने के बाद, स्टार्टअप ने पिछले साल भी प्री-सीरीज ए राउंड में 2.8 करोड़ रुपये जुटाए थे। मैगटैप अब प्रोडक्ट डेवलपमेंट के लिए 10 करोड़ रुपये की सीरीज ए फंडिंग राउंड की तलाश कर रहा है। इसके अलावा ऑफलाइन उपस्थिति बना रहा है, और मार्केटिंग के लिए कंटेंट क्रिएटर्स के साथ सहयोग कर रहा है।
रोहन ने बताया कि कुछ प्रोडक्ट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में एआई-चालित पर्सनल असिस्टेंट्स शामिल हैं, जिन्हें मैगबॉट कहा जाता है, जो यूजर्स को मैगटैप के साथ नए स्किल्स सीखने में मदद करेगा, और कंटेंट, न्यूज ब्रीफ, सामान्य ज्ञान आदि का सारांश भी देगा।
रोहन कहते हैं, "हम इस साल के अंत तक 100 से अधिक कौशल-आधारित शैक्षिक खेल शुरू करने की योजना बना रहे हैं, और एक iOS और डेस्कटॉप वर्जन भी लॉन्च करेंगे।"
कंपनी अगले बिलियन यूजर्स पर नजर रख रही है, खासतौर पर वे जो फर्स्ट टाइम स्मार्टफोन यूजर्स हैं। वे कहते हैं, "हम उन सभी के लिए भाषाई बाधा की समस्या को हल कर रहे हैं जो पढ़ने के लिए इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं।"