ऐलोवेरा की खेती से होगा 4-8 गुना तक मुनाफा, प्रोसेसिंग प्लांट लगा कर और बढ़ जाएगी कमाई
अगर किसानों को कमाई बढ़ानी है तो सबसे पहले ऐसी खेती पर जोर देना होगा, जिससे कमाई तेजी से बढ़ सके. ऐसी ही एक खेती है ऐलोवेरा की खेती.
भारत एक कृषि प्रधान देश है, लेकिन यहां पर अधिकतर किसान कम कमाई होने की शिकायत करते हैं. सवाल ये है कि आखिर किसानों की कमाई क्यों नहीं बढ़ पा रही. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि यहां के बहुत सारे किसान पारंपरिक खेती करते हैं और सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर हैं. ऐसे में अगर किसानों को कमाई बढ़ानी है तो सबसे पहले ऐसी खेती पर जोर देना होगा, जिससे कमाई तेजी से बढ़ सके. ऐसी ही एक खेती है ऐलोवेरा की खेती (Elovera Farming), जिससे किसानों की तगड़ी कमाई हो सकती है.
कोरोना काल में जब लोगों को यह समझ आया कि बीमारियों से लड़ने के लिए इम्युनिटी का मजबूत होना जरूरी है, तो लोग अपने स्वास्थ्य के लिए काफी सजग हो गए हैं. ऐसे में अब बाजार में ऐलोवेरा की मांग काफी बढ़ गई है. तमाम तरह की औषधियों और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स बनाने में भी ऐलोवेरा का इस्तेमाल होता है. आप ऐलोवेरा की खेती के साथ-साथ इससे जुड़े कई तरह के बिजनेस (Elovera Business) भी शुरू कर सकते हैं, जिससे आपकी कमाई और अधिक बढ़ जाएगी.
कब और कैसे की जाती है ऐलोवेरा की खेती?
ऐलोवेरा की खेती के लिए सबसे सही समय होता है जुलाई-अगस्त का. ऐलोवेरा की खेती ठंड को छोड़कर बाकी पूरे साल की जा सकती है. ठंड में ऐलोवेरा की ग्रोथ काफी धीरे हो जाती है. इसकी खेती से पहले जमीन की अच्छे से जुताई करनी चाहिए और भरपूर मात्रा में गोबर की खाद डालनी चाहिए. ऐलोवेरा के बीज नहीं लगाए जाते, बल्कि पौध लगाई जाती है, जो 6-8 इंच लंबी होती है. एक एकड़ खेत में करीब 6-8 हजार पौध लगाई जाती हैं. पौधों के बीच में उचित दूरी रखनी चाहिए, ताकि उनकी ग्रोथ अच्छे से हो सके. इसके लिए ऐसा खेत चुनना चाहिए, जिसकी मिट्टी रेतीली या दोमट हो और साथ ही उसमें पानी ना रुकता हो. पौधे लगाने के तुरंत बाद सिंचाई करनी चाहिए और उसके बाद जब-जब जरूरत महसूस हो, तब सिंचाई करनी चाहिए.
कितना खर्च आता है ऐलोवेरा की खेती में?
इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च (आईसीएआर) के अनुसार एक हेक्टेयर में ऐलोवेरा लगाने का खर्च करीब 27,500 रुपये आता है. मान लेते हैं कि आपका करीब 30 हजार रुपया खर्च हो जाएगा. इसके अलावा आईसीएआर के अनुसार मजदूरी, खेत तैयार करने, खाद आदि को मिलाकर पहले साल में करीब 50,000 रुपए खर्च आ जाता है. ऐलोवेरा की खेती में एक बड़ा फायदा ये है कि यह सालों तक चलती रह सकती है. ऐलोवेरा काटते जाइए और उसके आस-पास नए-नए बेबी प्लांट आते रहते हैं. यानी अगर जमीन आपकी है तो पहले साल आपको ऐलोवेरा की खेती करने में करीब 80 हजार रुपये का खर्च आएगा, जबकि अगले साल से यह खर्च 50 हजार रुपये ही रह जाएगा.
कितना उत्पादन, कितना मुनाफा?
एक एकड़ खेत से हर साल करीब 15-18 टन ऐलोवेरा की पत्तियां मिलती हैं. इन्हें आयुर्वेदिक दवा बनाने वाली कंपनियों या कॉस्मेटिक्स बनाने वाली कंपनियों को बेचा जा सकता है. इसकी पत्तियों की कीमत 15 हजार से 25 हजार रुपये प्रति टन तक होती है. मान लेते हैं कि पहले साल आपका उत्पादन 15 टन होता है, जो औसतन 20 हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से बिकता है. यानी पहले साल में ऐलोवेरा की खेती से आपको करीब 3 लाख रुपये की कमाई होगी, जिसमें आपका खर्च महज 80 हजार रुपये था. अगले साल पैदावार बढ़ती है और उत्पादन 20-22 टन तक जा सकता है. मतलब अगले साल आपकी 4 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई होती है, जबकि लागत घटकर सिर्फ 50 हजार रुपये रह जाएगी. यानी पहले ही साल आपको करीब 4 गुना मुनाफा होगा और अगले साल मुनाफा 8 गुना तक बढ़ सकता है. हालांकि, तीसरे साल से पैदावार घटने लगती है, जिससे कमाई भी थोड़ी कम हो जाती है.
ऐलोवेरा की प्रोसेसिंग से करें और ज्यादा कमाई
अगर आप ऐलोवेरा का प्रोसेसिंग प्लांट लगा लेते हैं तो आपकी कमाई और अधिक बढ़ जाएगी. हालांकि, इसके लिए आपको यह ध्यान रखना होगा कि आपके पास भारी मात्रा में ऐलोवेरा हो. या फिर आप अपने साथी किसानों से ऐलोवेरा को खरीद सकते हैं. प्रोसेसिंग प्लांट से आप ऐलोवेरा के पल्प को अलग कर के उसका जूस बनाकर बेच सकते हैं. इसमें आपका 3-5 लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है, क्योंकि प्रोसेसिंग के लिए आपको मशीनें लगानी पड़ेंगी. आप चाहे तो हैंड वॉश सोप, ऐलोवेरा जूस, जेल, शैंपू आदि बनाने का बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं.