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बच्चों के फोन नंबर खरीदता है BYJU’s, पैरेंट्स को देता है धमकी, बाल अधिकार आयोग का बड़ा आरोप

एनसीपीसीआर प्रमुख ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि हमें पता चला कि कैसे BYJU’s बच्चों और उनके माता-पिता के फोन नंबर खरीदता है, उनका पीछा करता है और उन्हें धमकी देता है कि उनका भविष्य बर्बाद हो जाएगा. YourStory को भेजी प्रेस रिलीज में BYJU’s ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है.

बच्चों के फोन नंबर खरीदता है BYJU’s, पैरेंट्स को देता है धमकी, बाल अधिकार आयोग का बड़ा आरोप

Wednesday December 21, 2022 , 4 min Read

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने मंगलवार को कहा कि उसे पता चला है कि एजुकेशन-टेक्नोलॉजी (एडटेक) कंपनी BYJU'S कथित तौर पर बच्चों और उनके माता-पिता के फोन नंबर खरीद रही है और उन्हें धमकी दे रही है कि अगर उन्होंने कोर्सेज की खरीदारी नहीं की तो उनका भविष्य बर्बाद हो जाएगा.

एनसीपीसीआर प्रमुख ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि हमें पता चला कि कैसे BYJU’s बच्चों और उनके माता-पिता के फोन नंबर खरीदता है, उनका पीछा करता है और उन्हें धमकी देता है कि उनका भविष्य बर्बाद हो जाएगा. वे फर्स्ट जनरेशन लर्नर्स को निशाना बना रहे हैं. हम कार्रवाई शुरू करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो रिपोर्ट बनाएंगे और सरकार को लिखेंगे.

इससे पहले आयोग ने BYJU’s के सीईओ BYJU’s रविंद्रन को समन जारी किया था. आयोग ने रविंद्रन को स्टूडेंट्स को कंपनी के कोर्सेज जबरदस्ती औऱ गलत तरीके से बेचने के आरोप में 23 दिसंबर को आयोग के सामने पेश होने के लिए कहा है.

एनसीपीसीआर ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर BYJU’s के सीईओ इस समन का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें गैर उपस्थिति से जुड़ी अन्य कार्रवाइयों का सामना करना पड़ सकता है.

बाल अधिकार आयोग ने एक समाचार रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की है. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि कंपनी की सेल्स टीम माता-पिता को अपने बच्चों के लिए पाठ्यक्रम खरीदने के लिए राजी करने के लिए गलत तरीके से व्यवहार कर रही थी.

एनसीपीसीआर ने एक बयान में कहा कि आयोग के पास एक समाचार लेख आया है जिसमें यह बताया गया है कि BYJU'S की सेल्स टीम माता-पिता को अपने बच्चों के लिए पाठ्यक्रम खरीदने के लिए लुभाने के लिए कदाचार में लिप्त है. समाचार रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि कुछ ग्राहकों ने भी दावा किया कि उनका शोषण किया गया और उन्हें धोखा दिया गया, और उनकी बचत और भविष्य को खतरे में डाल दिया गया.

आयोग ने आगे कहा कि समाचार रिपोर्ट में आगे आरोप लगाया गया है कि BYJU'S सक्रिय रूप से ग्राहकों को उन पाठ्यक्रमों के लिए ऐसे लोन लेने के लिए मजबूर कर रहा, जिन्हें ग्राहकों द्वारा वापस नहीं किया जा सकता है.

बयान में कहा गया कि सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 14 के तहत, आयोग के पास सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 और विशेष रूप से निम्नलिखित मामलों के संबंध में एक सिविल कोर्ट की सभी शक्तियां हैं, जो एक मुकदमे में तब्दील हो सकती हैं.

आयोग के पास किसी को बुलाने और उपस्थिति को लागू करने के लिए व्यक्ति और शपथ पर बयान दर्ज कराने, किसी भी दस्तावेज की खोज करना और पेश करना, हलफनामों पर साक्ष्य प्राप्त करना, किसी अदालत या कार्यालय से किसी भी सार्वजनिक रिकॉर्ड या उसकी प्रति की मांग करना और गवाहों या दस्तावेजों की जांच के लिए कमीशन जारी करना.

एनसीपीसीआर ने रविंद्रन को उक्त मामले की व्याख्या करने के लिए विवरण के साथ व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि BYJU’s को कथित तौर पर बच्चों के माता-पिता से कई शिकायतें मिलीं लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की.

ICAI कर रही जांच, सांसद ने की थी जांच की मांग

इससे पहले, लेखा परीक्षकों के शीर्ष निकाय भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (ICAI) ने कहा था कि वह शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी BYJU’s द्वारा किए गए वित्तीय खुलासे की पड़ताल कर रही है. आईसीएआई ने कहा कि BYJU’s से जुड़े कुछ मुद्दे हैं, जिन पर विचार करने की जरूरत है.

लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम ने पिछले दिनों शिक्षा क्षेत्र की इस स्टार्टअप की वित्तीय स्थिति के बारे में चिंता जताई थी. चिदंबरम ने इस साल अक्टूबर में BYJU’s के वित्तीय आंकड़ों की समीक्षा करने के लिए आईसीएआई से अनुरोध किया था. उन्होंने मित्रा को लिखे एक पत्र में कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 में BYJU’s के वित्तीय आंकड़े कई तरह के संदेह पैदा करते हैं.

BYJU’s को मार्च, 2021 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में 4,588 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. वित्त वर्ष के दौरान कंपनी की आय 2,428 करोड़ रुपये रही थी.

BYJU's ने आरोपों से किया इनकार

हालांकि, YourStory को भेजी प्रेस रिलीज में BYJU’s ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है. BYJU’s ने कहा, 'BYJU'S इस आरोप का पुरजोर खंडन करता है कि वह छात्रों का डेटाबेस खरीदता है. हम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि हमने कभी कोई डेटाबेस नहीं खरीदा है. 1.5 करोड़ से अधिक पंजीकृत छात्रों के साथ और भारत में BYJU'S ब्रांड के साथ, हमें बाहरी डेटाबेस खरीदने या उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है. हम ऐसे किसी भी आरोप का दृढ़ता से खंडन करते हैं.'

(नोट: इस ख़बर को प्रेस रिलीज के माध्यम से BYJU's का बयान सामने आने के बाद अपडेट किया गया है.)