विवादों में घिरी Byju’s की 40 अरब की फंडिंग जुटाने की तैयारी
Byju’s ने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 और 2021-22 के लिए अपनी ऑडिट रिपोर्ट अभी तक फाइल नहीं की है. कंपनी ने कर्जदाताओं और ऋण निवेशकों से कहा है कि डिलॉयट द्वारा किए गए फाइनेंशियल ईयर 2020-21 की फाइनेंशियल ऑडिट रिपोर्ट को वह 6 सितंबर तक फाइल करेगी.
एडटेक सेक्टर की दिग्गज
की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (Think and Learn Pvt Ltd) 400-500 मिलियन डॉलर (32-40 अरब रुपये) का फंडरेज करने की योजना पर काम कर रही है और इसमें अबू धाबी की सॉवरेन वेल्थ फंड कंपनियां अच्छा-खासा इंटरेस्ट दिखा रही हैं.कतर इंवेस्टमेंट अथॉरिटी (QIA) 250-300 मिलियन डॉलर का निवेश करने की एडवांस बातचीत में शामिल है. हालांकि, उसने अभी तक कोई आखिरी फैसला नहीं लिया है. कंपनी ने बायजू के आखिरी दौर में 22 अरब डॉलर (17.58 खरब रुपये) के मुकाबले 40-50 फीसदी छूट पर निवेश करने की योजना बनाई है.
Byju’s ने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 और 2021-22 के लिए अपनी ऑडिट रिपोर्ट अभी तक फाइल नहीं की है. कंपनी ने कर्जदाताओं और ऋण निवेशकों से कहा है कि डिलॉयट द्वारा किए गए फाइनेंशियल ईयर 2020-21 की फाइनेंशियल ऑडिट रिपोर्ट को वह 6 सितंबर तक फाइल करेगी. हालांकि, ऐसे समय में जब बायजू ने अपनी आधिकारिक ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं की है तब किसी निवेश की घोषणा करना पहले से ही सवालों में घिरी कंपनी पर कई और सवाल उठा सकती है.
वहीं, अबू धाबी का ADQ पिछले साल से कंपनी में निवेशक है. ADQ कंपनी द्वारा 35 करोड़ डॉलर (28 अरब रुपये) के फंडरेज निवेशकों में शामिल था जिससे 16.5 बिलियन डॉलर (13 खरब रुपये) के वैल्यूएशन के साथ यह दुनिया की सबसे मूल्यवान एडटेक कंपनी बन गई.
इस साल की शुरुआत में, QIA और बायजू ने दोहा में एक नया एडटेक कारोबार और अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास केंद्र लॉन्च किया था. नई इकाई मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका (MENA) क्षेत्र में स्टूडेंट्स की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लर्निंग सॉल्यूशंस मुहैया कराने के लिए रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देगी. कंपनी कथित तौर पर इस साल के अंत में कतर में फुटबॉल विश्व कप का आधिकारिक प्रायोजक बनने के लिए 40 मिलियन डॉलर (3.2 अरब रुपये) खर्च कर रही है.
सोर्सेज का कहना है कि बायजू इस फंड का उपयोग अपना कारोबार बढ़ाने और अधिग्रहण करने के लिए करेगी. कंपनी को पिछले अप्रैल में आकाश एजुकेशनल सर्विसेज की अरबों डॉलर की खरीद के लिए ब्लैकस्टोन को 200 मिलियन डॉलर (16 अरब रुपये) का पेमेंट करना है.
कंपनी ने अब तक जनरल अटलांटिक
, सिकोइया कैपिटल , सोफिना और सीपीपीआईबी (Sofina and CPPIB), बॉन्ड कैपिटल (Bond Capital), सिल्वर लेक मैनेजमेंट , नैस्पर्स लिमिटेड और टाइगर ग्लोबल सहित 70 से अधिक निवेशकों से लगभग 6 बिलियन डॉलर (करीब 5 खरब रुपये) जुटाए हैं. फिलहाल, कंपनी अपनी 800 मिलियन डॉलर (3,200 करोड़ रुपये) की फंडिंग राउंड को पूरा करने की कोशिश कर रही जिसमें ऑडिट रिपोर्ट फाइलिंग में देरी हो रही है.विवादों में Byju’s:
देश की सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप BYJU'S की कुल वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर (17.58 खरब रुपये) है. 17 मार्च को बायजू ने घोषणा की थी कि उसने सुमेरु वेंचर्स, वित्रुवियन पार्टनर्स और ब्लैकरॉक से 800 मिलियन डॉलर (6,401 करोड़ रुपये) जुटाए हैं. कंपनी के संस्थापक और सीईओ बायजू रवींद्रन ने इस फंडरेज में 40 करोड़ डॉलर (3,200 करोड़ रुपये) का निजी निवेश किया था.
हालांकि, कई मीडिया रिपोर्ट्स में बायजू की फंडिंग गायब होने का दावा किए जाने के बाद जुलाई में कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम ने देश के फ्रॉड रेगुलेटर को पत्र लिखकर BYJU'S के फाइनेंसेस की जांच करने की मांग की.
चिदंबरम ने एक न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि वित्रुवियन पार्टनर्स को 571 करोड़ रुपये का सीरिज-एफ के प्रिफरेंशियल शेयर आवंटित किए गए थे. हालांकि, मार्च में फंडिंग की घोषणा के बाद सुमेरू वेंचर्स या ब्लैकरॉक द्वारा ऐसी कोई फाइलिंग नहीं की गई. उन्होंने कहा कि इससे कंपनी की फंडिंग में 2500 करोड़ रुपये गायब होने का सवाल उठता है.
पिछले सप्ताह कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) ने कंपनी से जवाब मांगा है कि उसने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के लिए अपनी ऑडिट रिपोर्ट अभी तक क्यों फाइल नहीं की है. वहीं, ऑडिट रिपोर्ट फाइलिंग में 17 महीने की देरी पर 27 अगस्त को कार्ति चिदंबरम ने सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) को एक दूसरा पत्र लिखकर जांच की मांग की.
Edited by Vishal Jaiswal